इधर के वर्षों में गायक मान वन चुन चीन की मुख्यभूमि में बहुत लोकप्रिय है । वे एक प्रतापी गायक है, जिन की आवाज़ बहुत भारी और बुलंद है और उस के गायन में प्रबल भावना भरी हुई है , जिस ने चीनी संगीत प्रेमियों का दिल को बहुत लुभाया है । कुछ समय पूर्व मान वन चुन ने अपना पांचवां एलबम "यादों की ऋतु" जारी किया , जिसे व्यपाक स्वागत मिला । इस लेख में आप सुनेंगे मान वन चुन द्वारा गाए गए कुछ गीतों और पाएंगे इस गायक की कहानी ।
गीत---"मैं तुम्हें समझ सकता हूँ"
चीन में मान वन चुन की जब चर्चा हुई , तो उन के दीवानों को जरूर उन के "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ" नामक गीत की याद आती है । इस गीत में मां के महान प्यार का गुणगान किया गया है । गीत में मान वन चुन ने चीनियों में अपने माता पिता के प्रति असीम प्यार व्यक्त किया है। गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
मुझ से विदा लिया हो तुम ने
चुपके चुपके से
दूर दूर गयी तुमारी छाया
बहुत अकेली लगती है एकदम ।
जी चाहता है तुम्हारे साथ रहूं
बताना चाहता हूँ
मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ ।
फूल खिलता है शांत भाव में
तुम्हारे की याद आने की रात में
मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ
तुम सदा के लिए मेरा फरिश्ता हो ।
साल ब साल गुज़र रहा है
हवा आला की मार से तुम्हारी मुस्कान लुप्त हुई
तुम्हारे एकांत दिल को कौन समझ सकता है ।
वसंत गुज़र गया शरद आया , साल दर साल चला गया
तुम्हारा प्यार निःशब्द निस्पंद है
मुझे सारा प्यार दिया तुम ने
मुझे सारी दुनिया भी दी ।
मैं तुम के नज़दीक आना चाहता हूँ
तुम्हे बताना चाहता हूँ कि मैं हमेशा तुम्हें समझ सकता हूँ
मैं तुम के नज़दीक आना चाहता हूँ
तुम्हारी स्नेह से भरी गोद में छिपना चाहता हूँ सदा के लिए
वर्ष 1998 में मान वन चुन ने "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ"नामक गीत प्रस्तुत किया और शीघ्र ही यह गीत देश भर में लोकप्रिय हो गया , इसी गीत से मान वन चुन चीन में रातोंरात मशहूर हो गये , इसी गीत के कारण मान वन चुन ने विभिन्न स्थानों के मीडिया से विभिन्न प्रकार के पुरस्कार भी हासिल किए । उन की भारी आवाज़ और गाढ़ा भावना ने दर्शकों को प्रभावित किया , इस के साथ ही मान वन चुन की स्वस्थ, सादा व ईमानदार छवि ने विभिन्न वर्गों के दर्शक श्रोताओं का दिल भी जीता , विशेष कर एक साधारण व्यक्ति से संगीत मंच में एक मशहूर गायक बनने की उन की आपबीती ने भी बहुत से अवकाशकालीन गायक गायिकाओं को प्रेरित किया ।
मान वन चुन पहले चीन की राजधानी पेइचिंग के उपनगर में एक कारखाने की एक साधारण मज़दूर था । कारखाने में उन का कार्य पशुओं को खिलाने वाला चारा प्रोसेसिंग करना था , हर दिन उन्हें सौ सौ किलोग्राम भारी थैली लदाए वर्कशापों के बीच आना जाना पड़ता था । उसी समय उन की पूरी आशा थी कि अवकाश के समय एक संगीत दल स्थापित कर मंच पर प्रदर्शन कर सकेगा । वर्ष 1992 में मान वन चुन ने कारखाने की नौकरी छोड़ कर पेइचिंग के एक रात्रि क्लब में एक पेशेवर गायक का काम शुरू किया । इसी क्लब में काम करने के दौरान वे "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ"नामक गीत की धुन लिखने वाले संगीतकार श्वे रे क्वांग से मिल गए । श्वे रे क्वांग को मान वन चुन की आवाज़ और छवि आयी और उन्होंने मान वन चुन के लिए यह गीत रचा, जिस से मान वन चुन चीन में रातोंरात मशहूर हो गए ।
"मैं तुम्हें समझ सकता हूँ" गीत की प्रस्तुति के बाद मान वन चुन ने जङ ता अंतरराष्ट्रीय डिस्क कंपनी में भाग लिया । वर्ष 1999 में उन्होंने अपना दूसरा एलबम "जनमभूमि की याद " प्रकाशित किया । इस एलबम के गीतों ने मान वन चुन की पुरानी शैली बनाए रखे हुई , इस से "जन्मभूमि की याद" नामक गीत "मैं तुम्हें समझ सकता हूँ" की तरह शीघ्र ही चीन में लोकप्रिय हो गया है । इस गीत में मान वन चुन ने गांव में रहने वाले अपने माता पिता के प्रति गहरा प्यार अभिव्यक्त किया है ।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
सूर्यास्त की वेली
आकाश में मैं ताक रहा हूँ मैं
धुओं की भांति आयी है जन्मभूमि की याद
जन्मभूमि की ओर ताक रहा हूँ
बार बार तुम्हारी याद सताता है मेरे दिल को
नदी का स्वच्छ पानी बहता है,
जैसी मेरी आंसू उमड़ती है ।
खिड़कियों के बाहर चांदनी फैली
शांत रूपहली रोशनी में
मेरा चेहरा चमकता है ।
दिल इस के लिए मचल उठा है
क्या मेरे परिजन स्वस्थ रहे हैं अब
जन्मभूमि का मदिरा है बहुत मीठा
तुम्हारे साथ पिऊंगा मुक्त कंठ से
चाहे मैं यहां हो या दूर किसी स्थान में
मेरी दुख सुखी तुम्हाने साथ रहती है हर क्षण
सपनों में हो या यादों में हो
सब जगह है तुम्हारी छाया
वसंत की ऋतु में हो या शरद मौसम
बारहों माह आती है तुम्हारी याद
जन्मभूमि की ओर ताक रहा हूँ
सदा के लिए प्यार करता हूँ
जन्मभूमि के लोगों के साथ