2009-01-21 15:09:50

तिब्बती जाति के परम्परागत निशी काले मिट्टी बर्तन से जुड़ी संस्कृति

दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की शांगरिला कांउटी से 30 किलोमीटर दूर स्थित एक छोटा सा गांव है, जो शांगरिला कांउटी के निशी जिले के अधीन है और प्राचीन चाय व घोड़ा रास्ते में स्थित है । इस गांव का नाम है थांगत्वेई गांव । यहां तिब्बती जाति के विशेष रीति रिवाज़ और प्राचीन नृत्य ही नहीं, तिब्बती जाति के परम्परागत काले मिट्टी के बर्तन भी सुरक्षित हैं, जिन का इतिहास कोई दो हज़ार वर्ष से अधिक पुराना है । शांगरिला कांउटी में निशी जिले के काले मिट्टी के बर्तन बहुत मशहूर हैं, लेकिन निशी गांव के थांगत्वेई गांव में बनाए गए काले मिट्टी के बर्तन सब से प्रसिद्ध हैं । इस लेख में आप हमारे साथ युन्नान प्रांत के तिब्बती बहुल क्षेत्र के निशी जिले का दौरा करेंगे और वहां के परम्परागत काले मिट्टी के बर्तन से जुड़ी संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल करेंगे।

तिब्बती संस्कृति के एक प्रतीक के रूप में काले मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग तिब्बत बहुल क्षेत्रों में व्यापक तौर पर किया जाता है । ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार चीन की चिनशच्यांग नदी और लानछांगच्यांग नदी क्षेत्र में दो हज़ार वर्ष पूर्व काले मिट्टी के बर्तनों का पता लगा था । दो हज़ार वर्ष से भी अधिक समय में तिब्बती जाति के लोक कलाकार अपने हाथों से काले मिट्टी के बर्तन बनाते आए हैं और इस प्रकार इस से जुड़ी संस्कृति का विकास हुआ है ।

थांगत्वेई गांव के काले मिट्टी के बर्तन बनाने वाले छोटे कारखाने में प्रवेश करने के बाद हम ने देखा कि कई तिब्बती पुरूष जमीन पर बैठकर कोमल संगीत की धुन सुनते हुए बर्तन बनाने वाली मिट्टी को पीट रहे हैं । उन के हाथ काले हैं, बर्तन की मिट्टी काली है और पुरूषों के चेहरे भी काले हैं । बर्तन की मिट्टी तिब्बती पुरूषों के हाथों में तेज़ गति से आकार पा रही है, लगता है कि एक सुन्दर व कोमल महिला पुरूष के हाथों में नाच रही हो । काम करने के वक्त पुरूषों का पसीना बर्तन की मिट्टी में गिर रहा है, तो ऐसा लग रहा है कि जैसे काले रंग की इस मिटटी में कोई शक्ति आ गई हो,यह दृश्य एक सुनहरे चित्र जैसा है।

काले मिट्टी के बर्तन बनाने वाले तिब्बती कलाकार लारोंग छूंछङ अन्य साथियों के साथ कमरे में चुपचाप काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि काले मिट्टी के बर्तन बनाने के वक्त वे और कुछ नहीं सोचते, सिर्फ़ एक सुन्दर रचना को बनता हुआ देखते हैं । तिब्बती बंधु लारोंग छूंछङ ने अपने दादा जी से काले मिट्टी के बर्तन बनाना सीखा। इसी छोटे से कमरे में बर्तन बनाते हुए उसे 13 साल बीत चुके हैं । उन्होंने कहा कि हर रचना उन के बच्चे जैसी है । आकारहीन मिट्टी से एक-एक बर्तन बनाने के बाद उन्हें गौरव महसूस होता है । तिब्बती बंधु लारोंग छूंछङ ने कहा:"मैं ने अपने दादा जी से काले मिट्टी के बर्तन बनाना सीखा। मैं इसे बनाना पसंद करता हूँ । काले मिट्टी के बर्तन बनाने के वक्त इस पर फूल नक्काशी करने की तकनीक घर में बूढ़े लोग नई पीढ़ी को सिखाते हैं । यह काम बहुत मुश्किल है । काम करने के वक्त मैं सिर्फ़ अच्छी रचना बनाने के बारे में सोचता हूँ ।"