चीनी पोप संगीत मंच पर सुन य्वे इधर के वर्षों में एक श्रेष्ठ गायिका के रूप में उभरी हैं। उन्होंने अपने मीठी आवाज़ और स्नेहपूर्ण छवि से चीनी दर्शकों को आकृष्ट किया। पिछले दस वर्षों में उनके दस एलबम जारी हुए। उन की गायन शैली विविध है और उनके गाए गीतों को लोगों ने हाथों हाथ लिया है।
वर्ष 1997 में सुन य्वे पेइचिंग की च्या फङ फिल्म टी.वी. कंपनी में शामिल हुईं। इस कंपनी के निर्देशक जू फङ को सुन य्वे की तेज़ धुन वाले गीत गाने की प्रतिभा का पता लगा तो उन्होंने सुन य्वे के लिए अनेक तेज़ गीत रचे। इस तरह सुन य्वे अपनी पूर्व की शैली बदल कर फ़ैशनेबल गायिका बन गयीं। सुन य्वे मंच पर गाते हुए नृत्य भी करने लगीं जो लोगों को बहुत जोशभरा व जीवंत लगा। वर्ष 1998 में सुन य्वे ने अपना एक और एलबम जारी किया। "नये वर्ष की खुशी " नामक इस एलबम के सभी गीत बहुत आनंदमय थे, जिन्होंने संगीतप्रेमियों की वाहवाही लूटी। वर्ष 2000 में सुन य्वे कोरिया गणराज्य की पर्यटन राजदूत बनीं।इस दौरान उन्होंने "मज़ा लें कैसे" नामक एलबम जारी किया। इस एलबम में कोरिया गणराज्य के अनेक संगीतकारों ने भाग लिया और इसके गीतों के एम. टी.वी. कोरिया गणराज्य में बनाये गये। इस एलबम में सुन य्वे ने तेज़ धुनों वाले गीत गाने की शैली जारी रखी। उन के नृत्यों में कोरिया गणराज्य के आधुनिक नृत्य के तत्व शामिल हुए, जो एक नया फ़ैशन बना। इस एलबम ने चीन और कोरिया गणराज्य के दर्शकों का आकृष्ट किया।
तेज़ धुन वाले गीत गा कर सुन य्वे चीन में मशहूर होने लगीं और चीन में होने वाले सांस्कृतिक समारोहों में दर्शक उनके मधुर गीतों पर उन का सुन्दर नृत्य भी देखने लगे। सुन य्वे की मेहनत सफल हुई, लेकिन इस दौरान च्या फङ फिल्म टी.वी. कंपनी के निर्देशक का एकाएक देहांत हो गया। यह सुन य्वे के लिए बड़े दुख की बात थी। वे मुश्किलों में फंस गईं।
दो साल बाद सुन य्वे एक बार फिर दर्शकों के सामने आयीं। वर्ष 2002 में सुन य्वे ने पेइचिंग की जोंग थ्येन सांस्कृतिक विकास कंपनी के साथ काम करना शुरू किया और अपना नया एलबम "रोती लिली" जारी किया। इस एलबम को सुन य्वे के गायन जीवन में एक नयी शुरुआत माना गया। जोंग थ्येन सांस्कृतिक विकास कंपनी ने सुन य्वे के जीवन के अनुभवों और गाने की विशेषता के आधार पर उनके लिए एक नयी गायन शैली विकसित की। इस नए एलबम में सुन य्वे की कोमलता दर्शायी गयी। एलबम "रोती लिली" का इसी नाम का गीत अब तक बहुत लोकप्रिय है, जिस में स्त्री की कोमलता के साथ दृढ़ता भी व्यक्त हुई है। सुनिए यह गीत
गीत का भावार्थ इस प्रकार है:
कमरे के अंदर है घड़ी की टिक टिक ,
और बाहर बारिश की आवाज़ भी कुछ ऐसी
मैं गिलास की लिली हूँ , रोने वाली लिली
मिट्टी से विदा ले कर मैं यहां खड़ी हूँ ,
यह है मेरा तुम्हारे प्यार का जवाब ।
मेरी आंखों के अंतिम बालुकण की तरह
तुम बनाते हो मुझे रोने वाली लिली
मैं गिलास की लिली हूँ ,
रोने वाली लिली
तुम्हारा कोमल चुम्बन है मेरे शरीर पर अंकित
तुम मेरे दिल की सब से गहरी याद हो ,
तुम्हारी गोद में मुझे अपने जीवन का मंजिल मिली
रोने वाली लिली तुम्हारे प्यार में हंसने लगी
वर्ष 2004 में सुन य्वे ने जोंग थ्येन सांस्कृतिक विकास कंपनी में प्रवेश करने के बाद अपना दूसरा एलबम जारी किया। "लड़कियां"नामक इस एलबम में सुन य्वे की गायन शैली और परिपक्व हुई। कंपनी ने इस एलबम को शुद्ध महिला एलबम कहा। इस तरह सुन य्वे आज के चीन के शहरों की परिपक्व महीलाओं की प्रतिनिधि बन गयीं। उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ के जरिए शहरों में रह रही महिलाओं के प्रेम और उन के जीवन को अभिव्यक्ति दी। आज के कार्यक्रम का अंत होने से पहले आप सुनिए इस एलबम का एक गीत, नाम है "न हो सुबह "
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार है
मैं ने देखा चांद उतरा धीरे-धीरे
इस रात के बाद हम दोनों के बीच क्यों हो फर्क
प्यार ने हम दोनों को दिया है सुख-दुख
तुम कहते हो तुम्हें भूल जाऊं
लेकिन मै ऐसा करना नहीं चाहती
हमें मालूम है कि दुनिया में है झूठ भी
सुन्दर प्रेम जीतता है कभी-कभी
हर क्षण हैं पागल हम
सपनों के साथ उड़ते हैं
आंखें बंद कर करती हूं प्रार्थना
न हो सुबह, न हो
मैंने साहस के साथ प्यार किया
लेकिन बहुत दर्द होगा मुझे
तुम से अलग अकेले होने का