हाल ही में युवा गायिका लेइ चा ने चीन की 56 जातियों के गीत नामक एक नई एल्बम जारी की। इस एल्बम में चीन की 56 जातियों के 56 प्रसिद्ध लोकगीत शामिल हैं, जिनसे चीन की 56 जातियों की भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक विशेषताएं इस एक एल्बम में एकसाथ अभिव्यक्त हुई हैं।
अब कृपया सुनिए चीन की 56 जातियों के गीत नामक एल्बम का एक गीत, जिसका शीर्षक है—लोरी। दोस्तो, क्या आप जानते हैं कि मान जाति चीन की अल्पसंख्यक जातियों में अत्यधिक जनसंख्या वाली जाति है और इस जाति के लोग चीन के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं, मुख्य तौर पर वे उत्तर-पूर्वी चीन में सघन रूप से आबाद हैं। मान जाति के लोकगीत रंगबिरंगे हैं। इन लोकगीतों के विषय प्रचुर हैं, बोल आसान हैं और लय लहरदार है। लोरी शीर्षक इस गीत की लय सुंदर व साफ है और बोल आसान हैं। गायिका की मधुर आवाज में लोगों को अपनी-अपनी मां की गोद में वापस लौटने की भावना महसूस होती है। हर आदमी अपने बचपन के समय की याद करने लगता है।
गायिका लेइ चा का लोरी शीर्षक यह गीत उन की नई एल्बम चीन की 56 जातियों के गीत में शामिल है। इस एल्बम में चीन की 56 जातियों के 56 प्रसिद्ध लोकगीत शामिल हैं और इस एल्बम की तैयारी का काम पूरा करने के लिए 3 साल का समय लगा है। एल्बम के गीत चीन के लोकगीतों में से चुने गए हैं और हर गीत चीन की विभिन्न जाति की विशेषता का प्रतिनिधि है।
अब कृप्या सुनिए चीन की 56 जातियों के गीत नामक एल्बम में से तिब्बत जाति का एक गीत, जिसका शीर्षक है—कसानला। दोस्तो, तिब्बत जाति के लोग पश्चिमी चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश व छिंगहाई, कानसू आदि प्रांतों में रहते हैं। तिब्बत जाति के लोगों को नृत्य करना व गीत गाना बहुत पसंद है। वे व्यापक तिब्बत पठार में रहते हैं, जिससे उन लोगों का व्यक्तित्व और दिल भी पठार जैसा व्यापक,विशाल और जोशीला बन गया है। इस लिए तिब्बत जाति के लोकगीतों में उन के व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति हुई है।
कसानला शीर्षक इस गीत की लय मधुर है, जिसमें परिवारजनों व दोस्तों के साथ बिताए गए खुशनुमा समय की प्रशंसा की गई है।
गीत के बोल हैं:
यह खुशनुमा समय हम लोगों के एक साथ बिताने के कारण बहुत सुंदर है
हमें यहां खुशी की यह भावना महसूस होती है
हम इस सुंदर समय पर शुभकामनाएं देते हैं
और हर आदमी के स्वास्थ्य व खुशी के लिए शुभकामनाएं देते हैं
गायिका लेइ चा का जन्म दक्षिण चीन के हून्नान प्रांत के यीयांग शहर में हुआ है। बचपन से ही उन्हें चीन के परंपरागत नाटक व ऑपेरा पसंद हैं और हून्नान के नाटकों में भी उन्होंने काम किया है । 1997 में उन्होंने लोकगीत सीखने के लिए चीन के संगीत विद्यालय में प्रवेश किया। 2002 में वह चीनी जन मुक्ति सेना के राजनीतिक विभाग के नृत्य-संगीत दल में प्रवेश करके एक गायिका बन गईं। उन की आवाज मधुर है और गीत की शैली साफ है। उन्होंने चीन की अनेक संगीत प्रतियोगिताओं में पदक हासिल किए। चीनी लोगों को उन के गीत बहुत पसंद हैं।
गीत 3 लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो
अब कृपया सुनिए चीन की 56 जातियों के गीत नामक एल्बम में कल्कोजी जाति का एक लोकगीत, जिसका शीर्षक है-- लड़की, क्या तुम मुझे पसंद करती हो। कल्कोजी जाति मुख्य तौर पर पश्चिमी चीन के शिन च्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश में रहती है। कल्कोजी जाति के लोगों को गीत गाना व नृत्य करना बहुत पसंद है। इस जाति के लोकगीत बहुत हैं और इन गीतों की विशेषता अल्प शब्द, साफ अभिव्यक्ति, आसान लय व भावमय शैली है। कल्कोजी जाति के लोकगीतों में प्यार के गीतों की संख्या भी बहुत है। कल्कोजी जाति के लोगों को कविता लेखन भी पसंद है और वे अक्सर प्यार की सुंदर कविताओं का गीतों में उपयोग करते हैं।