अग्नि चित्र के अलावा मिट्टी से कलाकृति बनाने वाली प्रदर्शनी भी बहुत से युवाओं को आकर्षित करती है । मिट्टी से कलाकृति बनाना, खास कर मिट्टी से मनुष्य आकृति बनाना पेइचिंग की बहुत प्राचीन परंपरागत कला है। बहुत से पुराने पेइचिंग वासियों को अब तक अपने बचपन में मिट्टी की मानव मूर्ति बनाने के दिन की भी याद रही है। पेइचिंग के परंपरागत सांस्कृतिक कला प्रदर्शन तिमाही के दौरान खुद मिट्टी से कलाकृति बनाने की कोशिश में जुटी सुश्री छान ने संवाददाता को बताया कि अपनी बालावस्था में वह अकसर मां बाप से अपने के लिए मिट्टी के खिलौने खरीद करवाती थी। इस बार वह खुद भी मिट्टी से मनुष्य मूर्ति बनाने की कोशिश चाहती है, हालांकि उस का कौशल खराब है, फिर भी अपने हाथों से बनायी मूर्ति पर वह काफी आनन्द उठा सकती है। उन्होंने कहाः
इस से पहले, मैं अपने हाथों से कभी मिट्टी से कलाकृति नहीं बनाती थी। यह मेरी प्रथम कोशिश है, फैशन को अलग रख कर इस पुरानी कला से मुझे शांति महसूस हुई है।
कुछ लोग शांत एकांतता से प्यार करते हैं और कुछों को तमाशा और शोरगुल से प्यार होता है। जब संवाददाता विनोद हास्या वाचन कला का कार्यक्रम देखने के लिये जांग यी य्वान चाय घर पहुंचा, तो देखा कि वहां बहुत से लोग इक्ट्ठे हुए है, भीड़ में चहल पहल हो रहा है।
विनोद हास्या वाचन कला पेइचिंग में पैदा हुई है और चीन की परंपरागत लोक कला की एक विशेष विधि है। जांग यी य्वान चाय घर में अभिनेता प्राचीन कपड़ा पहनकर श्रोताओं के सामने मंच पर अभिनय करते हैं, जबकि श्रोता नीचे मेज के पास बैठे फल खाते व चाय लेते हुए मजाक वाला अभिनय का लुत्फ लेते हैं और हंसते मनोरंजन करते हैं।
हास्या वाचन की बातचीत के प्रसिद्ध अभिनेता श्री ली जी शुन ने हमें बताया कि युवाओं में ऐसी प्राचीन वाचन कला इसलिए बहुत लोकप्रिय हुई है, क्योंकि वे विनोद भरी मंजाई भाषा की अभिव्यक्ति हुनर व रंगबिरंगी कला शैली से प्यार करते हैं। उन्होंने कहाः
परंपरागत कलाओं से हम बहुत सी ऐसी चीजें पा सकते हैं जिस का अनुभव आज के आधुनिक तेज रफ्तार वाले जीवन में नहीं पा सकता है। विभिन्न कार्यक्रमों में आप प्राचीन संस्कृति को महसूस कर सकते हैं, जो हमारे युवाओं के लिये बहुत लाभदायक है.
ये कलाकार जिम्मेदाराना रूख अपनाकर परंपरागत संस्कृति व कला का प्रचार-प्रसार करते हैं। इस के साथ चीन के बहुत से कला संगठन भी परंपरागत संस्कृति के प्रचार के लिये अपना योगदान कर रहे हैं। लाओ शे चाय घर ने मौजूदा कला तिमाही के लिये एक स्थान प्रदान दिया है। चाय घर के सहायक मेनेजर यांग शिन यू ने हमें मौजूदा कला प्रदर्शन आयोजन के उद्देश्य की परिचय देते हुए कहाः
पेइचिंग विशेषता वाली परंपरागत संस्कृति चीनी परंपरागत संस्कृति के श्रेष्ठ भाग का प्रतिनिधित्व करती है। पेइचिंग परंपरागत संस्कृति की बहुत श्रेष्ठता है, जो हमारे जीवन का मार्ग निर्देशन कर सकती हैं।
दोस्तो, अब प्रथम पेइचिंग परंपरागत संस्कृति सप्ताह समाप्त हो गया है । आशा है कि भविष्य में आयोजित कला सप्ताह में अधिक से अधिक युवा भाग ले सकेंगे। (रूपा)