इस साल 7 से 20 नवम्बर तक पेइचिंग श्वान वू डिस्ट्रेक्ट की सरकार व चीनी वैदेशिक सांस्कृतिक समूह के तत्वावधान में आयोजित प्रथम पेइचिंग परंपरागत सांस्कृतिक प्रदर्शन स्पताह पेइचिंग दर्शकों की मन पसंद सांस्कृतिक गतिविधि हो गया। एक हफ्ते के भीतर इस कला आयोजन की सरकारी वेबसाइट पर 2 लाख लोगों ने क्लिक किये, इस से जाहिर है कि परंपरागत संस्कृति पेइचिंग में नहीं भूली गयी बल्कि आम लोगों की पसंदीदा विधि बनी रही है, खास कर युवा पीढी में इस का विशेष स्वागत किया गया और ध्यानाकर्षक हुआ है।
पेइचिंग में प्रथम बार आयोजित परंपरागत सांस्कृतिक कला प्रदर्शन सप्ताह ने आधे महीने के समय के भीतर दर्शकों को लगभग 100 शॉ के रंगबिरंगे परंपरागत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये हैं। कार्यक्रमों में पेइचिंग विशेषता वाली परंपरागत संस्कृति में ले सब से प्रसिद्ध कला किस्मों के प्रदर्शन शामिल हुए हैं। पेइचिंग दर्शकों की मांग पूरा करने के लिये पेइचिंग श्वान वू डिस्ट्रेक्ट ने लाओ शे चाय घर, थ्यान छाओ थियएटर, शिन रोंग थिएटर, वान शङ थियएटर, जांग यी य्वान चाय घर तथा युन लुंग चाय घर में अनेक रंगबिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने का प्रबंध किया।
पेइचिंग परंपरागत व लोक सांस्कृतिक कार्यक्रम अकसर चाय घर व थिएटर में प्रस्तुत किये जाते हैं। हमारे संवाददाता को पेइचिंग लाओ शे चाय घर में शीघ्र ही वहां प्रस्तुत किये गये कार्यक्रम से आकर्षित किया गया है। लाओ शे चाय घर पेइचिंग में सुप्रसिद्ध परंपरागत सांस्कृतिक प्रदर्श स्थल है , जिस में रोज विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाते हैं । हमारे संवाददाता ने देखा कि जब एक कलाकार चापस्टिकों से कटोरे पर खटखटा रहा है, तो खाना खाने में प्रयोगी इन साधारण कटोरों से सुलीरी मधुर आवाज सुनाई देती रही हैं। इसी प्रकार की परंपरागत सांस्कृतिक कला में असाधारण मोहक शक्ति निकलता है और इस की सुन्दरता और मधुरता ने आज की युवा पीढ़ी को बरबस आकर्षित किया है और बड़ी संख्या में युवक व युवतियां चाव से इस का लुत्फ लेते हैं। वे अकसर अपने कुछ दोस्तों के साथ मिल कर लाओ शे चाय घर में आते हैं और चाय की महक चाटने के साथ साथ सांस्कृतिक कला प्रदर्शन भी देखते हैं, मजे से गपशप मारते हैं । रात्रि अवकाश जीवन का यह तरीका अब चीन में युवाओं का एक फैशनेबल विकल्प बन गया है।
लाओ शे चाय घर में अपने मित्रों के साथ कार्यक्रम देख कर रही सुश्री ली ने संवाददाता को बतायाः
चीन के अन्य स्थानों में अब हर जगह पॉप संस्कृति प्रचलित रही है। मुझे लगता है कि हम युवा वर्ग को पेइचिंग की विशेषता वाली परंपरागत संस्कृति पर बड़ा शौक दिखा है। पेइचिंग की परंपरा रखने वाले चाय घरों में स्वादिष्ठ चीनी परंपरागत व्यंजन खाना के साथ साथ हम पेइचिंग की परंपरागत संस्कृति का आनंद भी उठा सकते हैं। इस तरह यहां मुझे बहुत अच्छा लगता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने के अलावा, चीनी परंपरागत व लोक शिल्प कला का भी अच्छा अनुभव प्राप्त होता है। मौजूदा पेइचिंग परंपरागत सांस्कृतिक कला प्रदर्शन सप्ताह में आयोजित पेइचिंग परंपरागत कला प्रदर्शनी में संवाददाता ने चीनी परंपरागत शैली के चित्र बनाने और मिट्टी की कला कृति बनाने वालों का कला प्रदर्शन देखा है। कला प्रदर्शन के दौरान संवाददाता को खास कर अग्नि कलम से मोटी कागज पर चित्र बनाने की कला ने मोहित कर दिया । इस कला में शिल्पी आज से लाल तपाई लोहा कुची से चित्र बनाते हैं । इस परंपरागत अग्नि चित्ररण कला का दो हजार लम्बा इतिहास हो गया है ।
हमारे संवाददाता ने शिल्प कलाकार बुजुर्ग लो छङ श्यांग के कला प्रदर्शन को उन के पास खड़े नजदीक से देखा । बुजुर्ग शिल्प कलाकार लो अपने पास घेरे युवाओं को इस प्राचीन कला विधि की व्याख्या कर रहे थे। उन्होंने कहाः
हम लोहे या बिजली के प्रयोग से परंपरागत चित्र बनाते हैं। इस कला की विशेषता है कि रंगों की जगह आग का प्रयोग किया जाता है और बनाया गया चित्र चीनी परंपरागत शैली के प्राकृतिक दृश्यावली चित्र की समान सुन्दरता दिखती है।(रूपा)