गायक सुन वेइ लांग चीन का एक प्रसिद्घ युवा गायक में है, उन का जन्म उत्तर-पूर्वी चीन के एक किसान परिवार में हुआ है। इस तरह के परिवार के लिए कला विलासिता की वस्तु है। इस लिए बचपन में सुन वेइ लांग ने रेडियो से गीत गाना सीखा। स्कूल में गीत गाने की एक प्रतियोगिता में उसे प्रथम स्थान मिला, जिससे उस में विश्वास पैदा हुआ । गीत गाने के अपने सपने को साकार करने के लिए उसने कठिनाइयां दूर करके मेहनत से गीत गाना सीखा। अपने शहर में गीत गाने की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद 1987 में वह नौ-सेना का एक कला-साहित्य सैनिक बन गया। बाद में उसने ह नान विश्वविद्यालय के कला विद्यालय में दाखिला लिया। पूरी तरह अभ्यास करने के बाद उस की गीत गाने की क्षमता दिन ब दिन उन्नत होती गई है और उस के गीत अधिकाअधिक लोगों को पसंद आ रहे हैं। 1995 में वे चीन के नौसेना के कला-साहित्य मंडल में भाग लेकर एक गायक बन गए।
दोस्तो, सुनिए गायक सुन वेइ लांग द्वारा गाया गया एक गीत जिसका शीर्षक है-लड़की आ मेई। श्री वांग छी च्यु और फू लिन ने साथ मिलकर यह गीत रचा है। यह एक खुशी का व लहरदार गीत है, गीत के बोल आसान हैं, गीत में सुंदर व प्यारे मछुआ परिवार की लड़की आ मेइ और प्यार के बारे में उस के विचारों का परिचय दिया गया है।
गीत के बोल हैं
समुद्र से आयी हवा लड़की आ मेइ के घर में प्रवेश कर रही है
इस क्षेत्र में सबसे सुंदर लड़की वह है
मैं उसे यह बताना चाहता हूं
कि मैं तुम्हें प्यार करता हूं
लेकिन मैं ने सौचा मैं बहुत अमीर नहीं हूं
शायद उसे इस तरह का जीवन पसंद नहीं है
बिदा होते समय मैंने उस से कहा
कि केवल विश्व का सबसे अच्छा लड़का
उस के साथ प्यार कर सकता है
इधर के सालों में गायक सुन वेइ लांग ने चीन की विभिन्न संगीत प्रतियोगिताओं में अच्छा स्थान प्राप्त किया है। धीरे-धीरे लोगों को उस का नाम याद हो गया और उन्हें गायक सुन वेइ लांग के गीत पसंद आने लगे। एक सैनिक गायक के रूप में गायक सुन वेइ लांग ने अक्सर चीन के सीमांत क्षेत्रों में जाकर वहां तैनात सैनिकों के लिए गीत गाए हैं। सैनिकों को उस के गीत बहुत पसंद आए और वे अक्सर उस के गीत गाते हैं।
गीत 3 रेगिस्तान में रहने वाले पॉप्लस पेड़
दोस्तो, पश्चिम चीन के अनेक जगहों में रेगिस्तान है और वहां कोई आदमी नहीं रहता न कोई जानवर रहता है,वहां पानी नहीं है बल्कि हवा और अकेलापन है, लेकिन वहां की कुछ जगहों में एक प्रकार का पेड़ होता है, जिसका नाम है पॉप्लस पेड़ । रेगिस्तान में, हवा में, केवल इस प्रकार का पेड़ वहां जीवित रह सकता है, जैसे सीमा की रक्षा करने वाले चीनी सैनिक हों।
अब कृपया सुनिए गायक सुन वेइ लांग का यह गीत, जिस का शीर्षक है रेगिस्तान में रहने वाले पॉप्लस पेड़ । श्री छु युए और श्री लेइ युए शंग ने साथ मिलकर यह गीत रचा है। गायक सुन वेइ लांग ने इस गीत से सीमांत क्षेत्र की रक्षा करने वाले चीनी सैनिकों की प्रशंसा की है। वे कुछ साल घर नहीं वापस जाते। सिर्फ सीमांत क्षेत्रों में रक्षा करते हैं। शायद वहां स्थिति खराब है, जीवन आसान है। लेकिन वे मातृभूमि की सुरक्षा के लिए दिन ब दिन वहां रक्षा करते हैं।
गीत के बोल हैं
बड़ी हवा और बड़ी रेतीली मिट्टी में
वह जमीन में अपना मूल जड़ जमाता है
उस का शरीर हवा फूंकने की दिशा में उमडता है
उसकी शाखें और पत्ते रेगिस्तान में हरेपन की आशा के प्रतीक हैं
पॉप्लस पेड़
तुम्हारे दिल व शरीर में हरापन है
तुम अपने जीवन से रेतीली मिट्टी के खिलाफ युद्ध करते हो
रेगिस्तान में तुम जीवन की आशा हो