गीतकार इनछिंग चीन के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं। इधर के कुछ सालों में उसने बहुत लोकप्रिय गीतों की रचना की है, जिन का विषय आधुनिक चीन का विकास है।
नए युग में प्रवेश शीर्षक इनछिंग के इस गीत को गायिका चांग ईए ने गाया है। इनछिंग ने इस गीत की रचना पिछली सदी के नौवें दशक में की थी। यह गीत इनछिंग के प्रमुख प्रतिनिधि गीतों में से एक है। इस का विषय है चीनी जनता द्वारा मेहनत से एकजुट होकर अपने देश का निर्माण करना। इस गीत से ही इनछिंग की पहचान भी बननी शुरु हुई थी।
इनछिंग चीन के सैनिक गीतकार हैं। पिछली सदी के आठवें दशक से वह अनेक सैनिक गीत लिख रहे हैं, जो सैनिकों में खासे लोकप्रिय हुए हैं। इस के बाद उन्होंने गीत रचने के अपने क्षेत्र का विस्तार किया है। उन्होंने ऑपेरा नृत्य-नाटिका आदि के लिए भी गीत लिखे हैं और कई राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए हैं।
"चमकती हुई रोशनी"शीर्षक गीत जनता में खासा लोकप्रिय हुआ है। इस गीत का विषय है—वर्ष 1949 में नए चीन की स्थापना के बाद चीनी जनता कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में मेहनत से देश का निर्माण कर रही है। इस गीत में कम्युनिस्ट पार्टी और स्वदेश प्रेम के प्रति जनता की भावना की अभिव्यक्ति हुई है।
गीत के बोल हैं
बचपन में दादा ने मुझे बताया पानी पीते समय कुंआ खोदने वाले को कभी मत भूलना। अनेक मुश्किलों और कठिनाइयों का सामना करते समय हमें यह अहसास हुआ है कि यदि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी नहीं है, तो चीन का कोई भविष्य नहीं है। और बचपन में अध्यापक ने मुझे यह गीत सिखाया था"चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए गीत गाना"। हवा-पानी बारिश के थपेड़े खाने के बाद मुझे मालूम हुआ है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में उस के साथ कदम से कदम मिला कर चलने से नए चीन का भविष्य उज्ज्वल है। अब हम नए युग में हैं, अब हम चमकती हुई रोशनी में हैं, हम चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में नए चीन का निर्माण कर रहे हैं।
पिछली सदी के आठवें दशक से चीनी जनता आर्थिक निर्माण में सक्रिय रूप से विकास कर रही है और इस क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। 2001 में छिंगहाई-तिब्बत रेलवे का निर्माण शुरू हुआ था। इस रेलवे की लंबाई 1142 किलोमीटर है और इस रेलवे के आसपास का पर्यावरण बहुत नाजुक है। लेकिन एक लाख मजदूरों ने विश्व में सबसे ऊंची जगह पर, सबसे नाजुक पर्यावरण में, कड़े मौसम में, सबसे लंबे रेलवे के निर्माण में जी-जान से जुट कर सफलता हासिल की है। गीतकार इनछिंग ने इन एक लाख मजदूरों के लिए तिब्बत शैली में गीत रचना की है—आकाश का रास्ता।
1 जुलाई 2006 को छिंगहाई-तिब्बत रेलवे पर यातायात शुरु हुआ, इस के साथ ही"आकाश का रास्ता"शीर्षक गीत भी लोकप्रिय हुआ। तिब्बत के लोग इस रेलवे को आकाश का रास्ता कहते हैं। क्योंकि इस रेलवे ने स्थानीय लोगों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
गीत के बोल हैं—सुबह-सुबह मैंने, हरे-हरे घास मैदान में, साफ आकाश में बाज़ को उड़ान भरते देखा। यह बाज़ तिब्बती लोगों के भाग्य को बदलने की सूचना ले कर आया है। शाम को पहाड़ पर खड़े हो कर मैं क्षितिज में देखता हूं मुझे उम्मीद है कि यह रेलवे मेरे घर तक पहुंचेगी और हमारे लिए शांति और विकास लाएगी। यह रेलवे स्वर्ग जाने का रास्ता है और इससे देश के दूरदराज के बाकी प्रातों से तरह-तरह की चीजें हमारे सीमा प्रदेश में आईं हैं। अब पहाड़ ऊंचा नहीं है, रास्ता लंबा नहीं है, अब विभिन्न जातियों के लोग एक साथ सुखी जीवन बिता रहे हैं।