2008-05-30 11:03:41

गार्डन बाल्साम

क्या आप ने कभी गार्डन बाल्साम फुल देखा है , जो लाल लाल बहुत सुन्दर है । दरअसल गार्डन बाल्साम सुन्दरता के अलावा कुछ दूसरे कामों में भी आता है । छोटी लड़की उस के पंखडियों को टुकड़ा टुकड़ा करके अपने नाखूनों पर लगा देती है और पट्टी से बांध देती है , इस तरह एक रात बीतने के बाद दूसरे दिन उस के रंग से नाखून लाल लाल रंजित हो जाते हैं । बड़ा खूबसूरत दिखता है , लड़कियों से तारीफ सुन कर गार्डन बाल्साम को स्वयं भी बड़ा गर्व महसूस हो गया । गार्डन बाल्साम बगीचे के एक कोने में उगती थी, खमंड होने के कारण उसे बगीचे के कोने में उगना बहुत अखरता था।वह अपने को असाधारण समझती थी और सब्जी को उपेक्षा की दृष्टि से देखती थी । हाय , क्या कमबख्ती हो , कितनी बुरी बात हुई है कि कोई फुल सब्जी के बगीचे में खिलता है । गार्डन बाल्साम ने बुदबुदाया । अभी अभी जमीन में से निकले लहसून ने गार्डन बाल्साम की बात सुनी और उसे बहुत बुरा लगा । उस ने कहा, सब्जी के बगीचे का तो क्या बिगड़ा है , यहां हरीभरी साग सब्जियों का महक व्याप्त हो रहा है ---। धत , लहसून रै गंध सुंघते ही गार्डन बाल्साम ने चीखा , क्या महक हो , तुम्हारे शरीर से एकदम दुगंध निकला , ऐसा तेज बदबू हो कि लगने से उल्टी आएगी और मैं मर जाऊंगी । हट , फटाफट दूर जाओ । चाइनीस छाईवेस को गार्डन बाल्साम की बात बहुत बुरी लगी । उस ने लहसून को समर्थन देते हुए कहा, अपना अपना गंध ,अपनी अपनी पसंद । तुझे यह गंध पसंद नहीं है , तो सुंघ मत , लेकिन औरों को तो अच्छा लगता है । गार्डन बाल्साम ने चाइनीस छाईवेस पर तिरछी नजर दौड़ाई और कहा , ऊंह , तुम भी उतना बदबूदार हो , जितना लहसून । इस बात से हल्दी को रोष आया , गार्डन बाल्साम , यदि तुम सब्जी के बगीचे में रहना नहीं चाहती , तो जाओ , फुल-क्यारी में जा कर अपना अहंकार दिखाओ । क्या कहा , मैं अहंकार की हूं . गार्डन बाल्साम ने चिल्लाया , तुम से साफ साफ कहूंगी , मैं सुन्दर फुल भी हूं और दवा का काम आने वाला फुल भी । किसी को सांप से डंस काटा गया अथवा शरीर पर ट्यूमर उभरा , उस के घाव पर मुझे लगाया जाए , तो वह जल्दी ही ठीक हो जाएगा । लड़की भी मेरी पंखडियों से अपनी नाखून को लाल लाल रंगाना पसंद करती हैं , साग सब्जी का क्या काम आ सकता .सब्जियों को गार्डन बाल्साम पर बड़ा गुस्सा आया और सभी उस से विमुख हो गए । रात में एक घबराती आहट से गार्डन बाल्साम जागी , धुंधली रोशनी में उस ने देखा कि एक पुरूष और एक स्त्री दौड़े दौड़े आ रहे थे । बेशक , वे मेरी तलाश में आए हैं , गार्डन बाल्साम का मन खिल उठा । लेकिन उस के अनुमान के बाहर उन दो व्यक्तियों ने झुक कर लहसून को बुलावा किया , पुरूष कह रह था , मुझे आंत की बीमारी पड़ी है और दस्त नहीं रूकता है । स्त्री की आवाज थी , लहसून के सेवन से आंत तथा पेचिश का उपचार होता है । लहसून के भोजन से मस्तिष्क शोथ के रोग की रोकथाम भी हो सकती है । गुलमेंहदी को बड़ा आश्चर्य हुआ , उस ने बुदबुदाया , नहीं पता है कि लहसून का भी काम आता है । पौ फटा , एक दादी मां आई , वह यो बुदबुदा रही थी , कल रात ट्राचेटिस रोग का दौरा पड़ा था , देर तक खांसी आ रही थी , कुछ दवा अवश्य ले लूंगी । गुलमेंहदी ने मन में सोचा कि सब्जी के बगीचे में कौन सी दवा मिल सकती है .दादी मां ने एक मूली तोड़ कर निकाली , उस ने स्नेह से कहा , मूली ,ओ मूली , तुम्हारा काम आएगा । मिश्री और मूली के उबाले घोल के सेवन से खांसी मिट जाएगी । बलगम खत्म होगा और सांस ठीक चल सकेगा । पचनशक्ति भी बढ़ जाएगी । यह घोलुवा वाकई अच्छी औषधि है । गुलमेंहदी अवाक रह गई , इसी समय बगीचे का माली दादा भी आया । उस ने दादी मां से कहा , मेरे पोते के पांव में मोज आया है , यहां कोई दवा है .हां , हां , यहां दवा मिल जाएगी, आप थोड़ा सा चाइनीस छाईवेस को तोड़ें , उसे मदिरा से भुनें , फिर उसे पांव के मोज पर लगाए , पांव जरूर ठीक हो जाएगा । दादा ने कहा , यह तो बड़ा आसान काम है , उस ने उसी क्षण कुछ छाईवेस तोड़े और दादी मां के साथ वापस चले गया । गुलमेंहदी को एकदम उदासी आई , वह इंतजार करते करते परेशान हो रही थी । लेकिन जो लोग आए थे, उन में कोई जुकाम के उपचार के लिए प्याज और हल्दी लेने आया , तो कोई नींद की खराबी के उपचार के लिए मंगफूली लेने ----। गुलमेंहदी को निराशा के साथ लज्जा भी आई , वह समझ गई कि बहुत सी साग सब्जियां दवा का काम आती हैं , जो उपयोगी है । मजह खुद वह घमंडी है । इस रवैये के कारण उसे अनेक दोस्त खोना पड़ा ।