2008-05-26 15:30:55

अंतरिक्ष की आवाज-- छांग अ नम्बर एक उपग्रह से वापिस प्रेषित गीत

पिछले साल 24 अक्तूबर को चीन ने चंद्रमा का चक्कर लगाने वाला उपग्रह छांग अ नम्बर एक छोड़ा। यह उपग्रह अपने साथ दुनिया के चीनियों द्वारा चुने गए 30 गीत और संगीत की धुनें ले कर गया है। चंद्रमा का चक्कर लगाने की कक्षा में दाखिल होने के बाद भूमंडल से लगभग 3 लाख 80 हजार किलोमीटर दूर अंतरिक्ष से छांग अ नम्बर एक उपग्रह ने इन गीतों को और संगीत को धरती पर भेजा है।

गीत 1 मातृभूमि के लिए गीत गाता हूं

दोस्तो, अब सुनिए वांग शिन द्वारा रचित एक गीत, जिसका शीर्षक है--मातृभूमि के लिए गीत गाता हूं। यह गीत 1949 में नए चीन की स्थापना के समय रचा गया था, जिसमें चीनी लोगों की खुशी व गौरव की भावना की अभिव्यक्ति हुई है। तब से ले कर सालों तक लगातार यह गीत चीन में प्रसारित होता रहा है और चीनी लोगों की स्मृति का अटूट हिस्सा बन चुका है।

गीत के बोल हैं

पांच तारों वाला लाल झंडा हवा में फहरा रहा है।

जीत प्राप्त करने के बाद गीत गाने की आवाज अधिक ऊंची है।

अपनी प्यारी मातृभूमि के लिए गीत गाता हूं।

आशा है भविष्य में वह बहुत समृद्घ होगी।

चीनी जनता को ज्ञान-विज्ञान,तकनीक के क्षेत्र में अध्ययन के लिए और खोज की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास को भी आगे बढाने के लिए 2006 की जुलाई में चीन की रक्षा तकनीक व परियोजना समिति ने चीन के संगीतकार संघ और चीन के राष्ट्रीय टेलीविज़न स्टेशन सी. सी. टी. वी के साथ मिलकर छांग अ नम्बर एक उपग्रह द्वारा प्रसारि्त किए जाने वाले गीतों का चुनाव करना शुरु किया। यह चुनाव शुरु होने के बाद समाज के विभिन्न जगत के लोगों ने इस पर बड़ा ध्यान दिया है।

गीत 2 अपने चीन को प्यार करना

दोस्तो, अब सुनिए छांग अ नम्बर एक उपग्रह द्वारा वापस प्रसारित एक और गीत, जिसका शीर्षक है—अपने चीन को प्यार करना। यह गीत 1991 में आयोजित चीन के चौथे अल्प संख्यक खेल समारोह के लिए रचा गया था। गीत की लय खुशी से भरपूर व लहरदार है।

गीत का विषय है चीन की 56 जातियों के लोग भाई-बहन की तरह शांतिपूर्ण सहअस्तित्व से रह रहे हैं और अपनी मातृभूमि की समृद्घि के लिए अपनी-अपनी शक्ति के अनुसार योगदान कर रहे हैं। गीत में संगीत की आधुनिक भाषा में चीन की विभिन्न जातियों का मातृभूमि के प्रति प्रेम और मातृभूमि के निर्माण के प्रति उन के संकल्प की अभिव्यक्ति हुई है।

गीत के बोल हैं

छप्पन तारामंडल और छप्पन फूल हैं,

छप्पन जातियों के भाई-बहन का यह एक बड़ा परिवार बन गया है।

छप्पन जातियों की भाषाओं से एक वाक्य बन गया है

कि अपने चीन को प्यार करना।

अपने चीन का निर्माण करने के लिए

लोग मेहनत से काम कर रहे हैं।

चीन समृद्ध होगा।

हम अपने चीन को प्यार करते हैं।

छांग अ नम्बर एक उपग्रह से वापस प्रसारित गीत आम तौर पर चीन में प्रसारित हो रहे हैं। ये सब गीत लोगों को बहुत पसंद हैं, जिनके विषय चीनी जनता की मातृभूमि की समृद्घि व सुंदरता और चंद्रमा की प्रशंसा करना है। इन गीतों में चीनी जनता की मातृभूमि के प्रति प्रेम, जीवन की खुशी, शांति की चाहना और सुंदरता व सत्य की खोज करने की भावना की अभिव्यक्ति हुई है।

गीत 3 यांगत्सी नदी का गीत

दोस्तो, अब सुनिए श्री हू होंग वेइ और श्री वांग शी क्वांग द्वारा रचा गया और प्रसिद्ध गायिका सुश्री यिन श्यु मे द्वारा गाया गया एक और गीत, जिसका शीर्षक है-- यांगत्सी नदी का गीत। यांगत्सी नदी चीन की सबसे बड़ी नदी है, जिसका इतिहास भी लम्बा है और जिसे चीन की दूसरी बड़ी नदी पीली नदी के साथ चीनी लोगों का हिंडोला माना जाता है और इसलिए इसे चीन की मातृ नदी भी कहा जाता है।