एक , दो , तीन , चार --- सोलह , सत्तरह , अठारह --- , शाओ -माई बड़े जोश के साथ गैंड खेल रही थी , तो एकाएक उस का हाथ अचूक हो गया और रबड़ का गेंद उछल कूद कर हाथ से निकला , शाओ -माई ने आगे दो कदम दौड़ कर फिर गेंद को जोर से मारा , रबड़ का गेंद जोर का झटका खा कर ऊंची छलांग मार कर पानी के घड़े में गिर गया ।
शाओ-माई और शाओ लिन दोनों ने घड़े के किनारे पकड़ कर पानी अन्दर झांका , घडा आधे से कम पानी भरा था , रबड़ का गेंद पानी पर तिरता डोलता रहा , मानो अपने मालिक से कह रहा हो कि जल्दी से मुझे बाहर निकाले । शाओ-माई और शाओ लिन ने उचल उचल कर गेंद की ओर आगे हाथ बढ़ाया , लेकिन दोनों छोटे बच्चे थे , इसलिए उन के हाथ गेंद तक नहीं पहुंच पाये । तो फिर कैसा किया जाए ।
शाओ-माई ने आंगन में बांस का एक डंडा ढूंढ निकाला और उस से गेंद मारने की कोशिश की , लेकिन गेंद पानी की सतह पर इधर उधर तिर रहा था , पर बाहर नहीं आ पाया ।
शाओ -लिन एक स्टूल लाया , वह उस पर खड़े हो कर घडे के भीतर झुकते हुए रबड़ का गेंद पकड़ने की कोशिश की । शाओ -माई ने उस के वस्त्र के आंचल के खींचते हुए चिल्लायाः सावधान रहो , कहीं घड़े के अन्दर गिर तो नहीं पड़े । हाय , दोनों बच्चे लाख कोशिश करने पर भी गेंद को बाहर निकाने में नाकाम रहे ।
फिर क्या किया जाए , शाओ-माई और शाओ लिन बहुत चिंतित रहे , तभी शाओ -माई का बड़ा भाई शाओ--छांग स्कूल से घर लौटा ।
भैया , रबड़ का गेंद पानी के घड़े में गिर गया है , उसे बाहर लाने के लिए मदद करे । शाओ-माई ने भाई से आग्रह किया ।
शाओ-छांग अभी प्राइमरी स्कूल के दूसरे वर्ष का छात्र था , उस की कद भी ऊंची नहीं थी , उस का हाथ गेंद तक नहीं पहुंच पाता था । शाओ -माई बड़ी नाराज हुई और उस ने मुंह फुला कर कहाः अगर मां बाप घर में होते , तो यह झंझट नहीं होता ।
इसी बीच शाओ-छांग को एक तरकीब सूझी , वह बोलाः चिंता मत , शाओ-माई , मुझे एक उपाय सुझा है । कहते हुए वह कमरे से भर चिलमची का पानी उठा कर लाया और घडे में डाल दिया , एक एक चिलमची के पानी घडे में डाले गए , फिर क्या हुआ , घड़ा पानी से भर गया , इस तरह रबड़ का गेंद ऊपर आया , शाओ माई ने तुरंत हाथ बढ़ा कर गेंद को पकड़ा ।