2008-04-11 14:29:44

ह्वाङचिन (पीला साफा) विद्रोह

184 ईसवी में देशव्यापी पैमाने पर ह्वाङचिन विद्रोह शुरू हुआ। इसका प्रमुख नेता चाङ च्याओ वर्तमान हपेइ प्रान्त के निङचिन के दक्षिण में स्थित च्वीलू नामक कस्बे का रहने वाला था। वह पहले ताओ धर्म के"शान्ति मत"सम्प्रदाय का एक नेता था और बाद में वैद्य व धर्मप्रचारक के रूप में मशहूर हुआ। लम्बे अरसे तक प्रचार और संगठन का काम करने के बाद वह कई लाख गरीब किसानों को अपना अनुयायी बनाने में सफल हो गया। ये लोग ह्वाङहो नदी और छाङच्याङ नदी के आसपास के विशाल क्षेत्रों में राजनीतिक रूप से क्रियाशील थे। 184 ईसवी के चान्द्र-पंचांग के दूसरे महीने में उन्होंने विद्रोह शुरू कर दिया। विद्रोही सेना के सैनिक पीला साफा पहनते थे, इसलिये इस का नाम पीला साफा सेना पड़ गया। शुरू में विद्रोहियों को अनेक लड़ाइयों में विजय प्राप्त हुई, और एक बार उन्होंने राजधानी ल्वोयाङ को चारों ओर से घेर भी लिया था। किन्तु बाद में सरकारी सेनाओं और जमींदारों के मिलिशिया-दस्तों के संयुक्त प्रहारों के सामने, इस सेना की मुख्य सैन्य-शक्ति को नौ महीने के वीरतापूर्वक संघर्ष के उपरान्त हार खानी पड़ी। फिर भी विभिन्न स्थानों में इस की बचीखुची टुकड़ियां निरन्तर बीस वर्षों से अधिक समय तक लड़ती रहीं। यह विद्रोह चीन के इतिहास में एक अच्छी तैयारी के बाद किया गया पहला सुसंगठित विद्रोह था। इस विद्रोह ने उन अमीर जमींदारों को, जिन्होंने अधिकाधिक जमीन हड़प ली थी, गम्भीर आघात पहुंचाया और पूर्वी हान शासन को तहस-नहस करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
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