कू--कू-कू , मुर्गी ने अपना पहला अंडडा दे दिया , इस की खुशखबरी उस ने आवाज देते हुए मित्रों को सुनाई ।
बत्तख झूमता -डोलता हुई आ पहुंचा , राजहंस दौड़ता हुए आया और नन्हा कुत्ता भी अपना दुम हिलाते हुए पास आया । मुर्गी का घर पहुंच कर उन्हों ने उस के छोटे काष्ठ मकान का दरवाजा खुला हुआ पाया , तो अन्दर प्रवेश कर गए , उन्हें अन्दर कुछ भी नहीं पाने पर बहुत हैरत हुई ।
बत्तख ने पुकाराः हैलो , मुर्गी चाची , आप का अंड्डा कहां है . मुर्गी चाची अन्दर आयी और उस ने अंडा देने के दरबे की ओर इशारा करते हुए कहाः लो , वही दरबे में है । राजहंस ने कहाः उस में तो कुछ नहीं है । सच ? मुर्गी ने अपने दरबे में झांका , वह भी चकित हुई , अंड्डा न जाने कहां गायब हो गया । उस ने चिंतित हो कर चिल्लायाः कौन है , जो मेरा अंड्डा ले गया है । राजहंस ने पूछाः अभी कौन आप के घर आया है . मुर्गी बोली , कोई भी नहीं आया । सभी मित्र शोरगुल मचाते हुए अंड्डे की तलाश करने लगे । छोटा कुत्ता बिना बोले सिर झुकाते हुए इधर उधर सूंघता रहा ।
मकान के अन्दर और बाहर हर कोने पर छापा मारा था , पर अंड्डे का कुछ भी पता नहीं चला । मुर्गी का मुखड़ा और ज्यादा सुर्ख हो गया , उस ने कहाः जरूर छोटी बिल्ली ने मेरे अंड्डे की चोरी की होगी । तुम लोग देखो , वह अभी बन्द कमरे में नींद सोने का स्वांग कर रहा है । बत्तख और राजहंस ने बिल्ली के घर के दरवाजे पर दस्कट देना चाहा , तो छोटा कुत्ता ने उन्हें रोक कर कहाः देखो , इस रेतीली भूमि पर बिल्ली का कोई पदचिंह नहीं है , वह सचमुच सो रहा है । अंड्डे की चोरी उस से नहीं होगी ।
सभी मित्रों ने जमीन पर गौर किया , सटमुच रेतों पर बिल्ली का पदचिंह नहीं है । सबों ने कहाः कुत्ता ठीक कह रहा है । आखिर तो किस ने चोरी की है . छोटा कुत्ता आगे आगे सूंघते हुए बढ़ रहा है , उस के पीछे मुर्गी , बत्तख और राजहंस हो लिए । इसी बीच बिल्ली भी नींद से जागी । वह कमरे में से बाहर आयी और उन में मिल गयी । कुत्ता किस किस्म का गंध पा कर दीवार के एक कोने में एक छेद के पास पहुंचा , उस ने कहाः संभव है कि अंड्डा इस के अन्दर लाया है ।
यह छेद चूहे का घर लगता था , वह बहुत छोटा और संकरा था । मित्रगण उस के अन्दर घुस नहीं पाते , तभी बिल्ली छेद के मुह पर आगे आयी , उस ने अपने दाढी से छेद को नापा , फिर म्यों की आवाज के साथ वह छेद के अन्दर घुस गयी । ची --ची की चीखने की आवाज बाहर आ निकली , इस के बाद बिल्ली ने एक चूहे को धर दबोच कर बाहर खींच निकाला , चूहे के गोद में अभी अंड्डा पकड़े रखा गया था ।
चूहा बाहर निकाला गया , उस ने अंड्डे को आगे पेश कर मुर्गी से कहाः मुर्गी चाची , कृपया मुझ पर दया करें और बिल्ली से मुझे छोड़ने कहिए , मैं आप को अंड्डा लौट देता हूं और फिर कभी चोरी नहीं करूंगा । मुर्गी चाची ने गुस्से में कहाः मैं नहीं कहूंगी , बिल्ली तुम्हारा निपटारा करेगी । मुर्गी अंड्डा उठा कर चली गई ।