अफसोस की बात है कि एक बार शन-ख्वो राजनीतिक निर्णय लेने में गलती कर बैठे। और इस तरह सम्राट का उन पर से विश्वास उठ गया और कम महत्व के एक पद पर उन का तबादला कर दिया गया।इस पद पर ज्यादा काम न होने के कारण उन के पास फुरसत का काफी समय निकलने लगा। वह जब चाहें तब घर लौट सकते थे।ज्यादा अवकाश ने उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधान करने की सुविधा प्रदान की।तब से वे एकाग्र रूप से खगोलविज्ञान,भू-विज्ञान,कृषि,चिकित्सा,वित्त व अर्थशास्त्र,जल-सिंचाई,सामरिक कौशल और जातियों के बीच संबंधों आदि के अनुसंधान में लग गए।ऐसा करने का उन का उद्देश्य देश के विकास पर बड़ा असर डालने वाली कृषि व जातीय संबंधों में मौजूद समस्याओं को दूर करके देश को औऱ अधिक समृद्ध व शक्तिशाली बनने में मदद देना था।चिकित्सा में माहिर होने के कारण शन-ख्वो उच्चाधिकारियों और आम जनता में काफी लोकप्रिय थे।ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार उन के घर के द्वार पर हर रोज रोगियों का तांता लगा रहता था।शन-ख्वो को संगीत,कविता और ललितकला जैसे क्षेत्रों में भी हुनर हासिल था।उन्हों ने अपनी पुस्तक《विविध उपलब्धियां 》में गायन-संगीत व वाद्य-संगीत की लयों,वाद्य-यंत्रों के निर्माण,आवाज़ के सही प्रयोग और संगीत की समीक्षा के बारे में अपने विशेष विचार भी प्रकट किए हैं।उन की संगीत संबंधी सृजनात्मक व्याख्या चीनी संगीत के विकास के इतिहास में कीमती हिरासत मानी गई है।
शन-ख्वो अनुसंधान-कार्य के प्रति गंभीर रवैया अपनाते थे और व्यवहारिक अनुभव को भी बहुत महत्व देते थे।उदाहरण के लिए उन की उल्लेखनीय कृति《पूरे देश की काउंटियों का मानचित्र》बन्द कमरे में नहीं,बल्कि ठोस स्थल पर जाकर बनाई गई है।इस मानचित्र को बनाने में उन्हें 12 साल का समय लगा और इस दौरान ज्यादातर समय उन्होंने बाहर ही बिताया।कहा जा सकता है कि अपनी अद्भुत बुद्धिमत्ता और समृद्ध व्यावहारिक अनुभवों के कारण शन-ख्वो प्राचीन काल में चीन के एक महा शब्दकोष जैसी हस्ती बन गए।वृद्धावस्था में शन-ख्वो ने कई लाख शब्दों वाली《विविध उपलब्धियां 》पुस्तक लिखी।30 खंडों वाली इस पुस्तक में शन-ख्वो ने खगोलविज्ञान,गणितविद्या,भौतिकशास्त्र,रसायनशास्त्र,
धातुशोधन,मशीनरी,जैव-विज्ञान,कृषि,चिकित्सा,साहित्य,संगीत और ललितकला आदि क्षेत्रों में तत्कालीन चीन में प्राप्त उपलब्धियां और उन पर अपने विचार लिपिबद्ध किये।इन उपलब्धियों में से अनेक उपलब्धियां तत्कालीन दुनिया में अपनी किस्म की सर्वोच्च स्तर की उपलब्धियां थीं और उन पर शन-ख्वो के विचार आज भी अनेक क्षेत्रों में उपयोगी माने गए हैं।
विश्व में प्राचीन काल के चार प्रमुख आविष्कारों में से एक चलित शब्दों वाली छपाई-पद्धति का शन-ख्वो की《विविध उपलब्धियां 》पुस्तक में विस्तृत विवरण दिया गया है।19वीं शताब्दी में एक प्रतिभावान चीनी कारीगर ने उन के इस विवरण का अनुसरण करके चिपचिपी मिट्टी से कई लाख शब्द बनाए।तब से चीन में इन शब्दों से पुस्तकों की छपाई शुरू हुई।प्राचीन काल का अन्य एक प्रमुख आविष्कार चीनी कुतुबनुमा है।यह आप जरूर जानते हैं,लेकिन उस का सब से पुराना विवरण किस पुस्तक में मिलता है ? यह आप को शायद ही मालूम है।जी हां,वह शन-ख्वो की 《विविध उपलब्धियां 》पुस्तक में पाया गया है।वास्तव में शन-ख्वो ने इस कुतुबनुमा की नयी व्याख्या कर उस की संरचना में सुधार भी किया।इस के अलावा उन्हों ने अपनी इस पुस्तक में चंद्र के पृथ्वी की परिक्रमा करने और पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा करने की दलील भी प्रस्तुत की,जो मशहूर यूरोपीय विज्ञानी गेबाइनी.निकोलाउस.कोपर्निसिस द्वारा प्रस्तुत सूर्य के केंद्र में होने के बारे में दलील से कोई 400 साल पुरानी है।इस दृष्टि से यह पुस्तक विश्व के विज्ञान-तकनीकी इतिहास में भी एक मूल्यवान विरासत कही जा सकती है।ब्रिटेन के विख्यात इतिहासकार डॉक्टर जोसेफ़ नीधाम ने इस पुस्तक को चीनी विज्ञान-तकनीकी इतिहास में मील-पत्थर कहकर सराहा है।उल्लेखनीय है कि शन-ख्वो के असाधारण योगदानों की स्मृति के लिए संबंधित अंतर्राष्ट्रीय संगठन ने न0.2027 लघु ग्रह को "शन-ख्वो लघु ग्रह" का नाम दिया है।