2007 में विदेशों द्वारा चीन में सांस्कृतिक आयोजन किए जाने के साथ-साथ चीन ने भी विदेशों में सांस्कृतिक गतिविधियां चलाई हैं।गत सितम्बर में चीन और रूस ने साझे तौर पर वोल्गा सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया।चीनी कलाकारों ने मास्को से प्रस्थान करके रूस की दो प्रमुख नदियों—वोल्गा और डोन के किनारे स्थित 11 शहरों का दौरा किया और बड़ी संख्या में रूसी जनता के सामने चीनी ऑपेरा,संगीत,नृत्य,नटकला और परंपरागत हस्तकला से जुड़े श्रेष्ठ कार्यक्रम प्रस्तुत किए।गत अक्तूबर में चीन ने मुख्य अतिथि के रूप में लातिन अमरीका के सब से बड़े कला-उत्सव—सेविनटिस अंतर्राष्ट्रीय कला उत्सव में भाग लिया।उधर अमरीका के ह्युस्टन अंतर्राष्ट्रीय उत्सव ने प्रथम बार चीन को मुख्य विषय बनाया है और अपने मुख्य हॉल में चीनी संस्कृति का प्रतीक वाली विश्वप्रसिद्ध लम्बी दीवार का एक बड़ा मॉडल सजाया है।
चीनी वैदेशिक प्रदर्शन कंपनी की उप महानिदेशक सुश्री सुंग हुंग-ली के अनुसार विदेशों में चीन को मुख्य विषय बनाने वाले कला-उत्सवों के आयोजन से जाहिर है कि विदेश चीन का बड़ा ख्याल रखते हैं।उन्हों ने कहाः
'चीन और विदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान बहुत बढ गया है।सांस्कृतिक गतिविधियों ने चाहे वे द्विपक्षीय हों या बहुपक्षीय,बहुत से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।विदेशियों में चीन के प्रति रूचि खासी बढ रही है।चीन का इतिहास कैसा है?और चीन की कला किस तरह की है? ये सब जानने के लिए वे उत्सुक हैं।सांस्कृतिक गतिविधियों ने उन्हें चीन जानने के मौके प्रदान किए हैं।'
सुश्री सुंग हुंग-ली ने जानकारी दी कि हर साल अनेक चीनी ऑपेरा मंडलियां चीनी संस्कृति से गहन रूप से प्रभावित जापान और कोरिया गणराज्य में कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं। पश्चिमी देशों में भी चीनी ऑपेरा ने सुसंस्कृत शैली से बड़ी संख्या में लोगों को अपना दीवाना बनाया है।
वर्ष 2007 में चीन ने 30 से अधिक देशों व क्षेत्रों में कोई 600 चीनी फिल्में दिखाईं।चीनी युवा फिल्म-निर्देशकों द्वारा निर्मित 20 से ज्यादा फिल्मों को 50 से अधिक विषयों पर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।चीनी राजकीय फिल्म ब्यूरो के अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान विभाग के प्रभारी श्री ल्वान क्वो-ची ने कहा कि चीनी फिल्मों की विदेशों में प्रदर्शनियां बहुत बढी हैं और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त चीनी फिल्मों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। साथ ही फिल्म-निर्माण के लिए पूंजी जुटाने,विदेशों के साथ संयुक्त रूप से फिल्म बनाने और फिल्में रिलीज करने के क्षेत्रों में भी नई प्रगति हुई है।श्री ल्वान के अनुसार विदेशों के साथ सहयोग करने और इस सहयोग का फायदा उठाकर चीनी फिल्मों को रिलीज करने का हम बड़ा समर्थन करते हैं।वर्ष 2007 में चीन ने विदेशी सहयोग से 35 फिल्में बनाईं और 9 विदेशी फिल्मों की शूटिंग में मदद दी है।इन फिल्मों की न सिर्फ चीनी फिल्मी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी है,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फिल्मी बाजार तक चीनी फिल्मों की पहुंच में भी नेतृत्वकारी भूमिका है।
सूत्रों के अनुसार पूरे 2007 में विदेशों में 27 चीनी फिल्मों की बिक्री-रकम 2 अरब चीनी य्वान तक जा पहुंची है,जो इतिहास में एक रिकार्ड है।
चीनी युवा कलाकारों द्वारा निर्मित चित्र और मूर्तियों जैसी वस्तुओं ने भी विदेशी कला-बाजार में चांदी काटी है।कुछ समय पहले हांगकांग की क्रिस्टियर्स कंपनी द्वारा आयोजित आधुनिक एशियाई कला विषयक नीलामी में चीनी चित्रकार श्री छाई क्वो-छ्यांग के बनाए 14 चित्रों को 7 करोड़ 42 लाख 40 हजार हांगकांग डॉलर में बेचा गया।यह आंकड़ा आधुनिक चीनी कला-कृतियों के लिए एक विश्व रिकार्ड है।चीनी अंतर्राष्ट्रीय गैलरी प्रदर्शनी के कार्यकारी महानिदेशक श्री तुंग मंग-यांग का विचार है कि वर्ष 2007 में चीनी कलाकारों की कृतियों को विदेशी संग्रहकर्ताओं से भी खासा स्वागत मिला है।उन्हों ने कहाः
'न्यूयॉर्क में आयोजित सोटेबी नीलामी में चीनी चित्रकार फांग ली-चुन की एक ही कृति 40 लाख से भी अधिक अमरीकी डॉलर में बिकी। फांग ली-चुन आधुनिक चीनी कलाकारों के प्रतिनिधि माने जाते हैं।उन की कृतियों में चीनी युवाओं के विचार साफ तौर पर झलकते हैं।वास्तव में उन जैसे कलाकार चीन में अनेक हैं।विदेशी संग्रह-जगत में उन की कृतियों की कीमतें बढती जा रही है।'
2008 में पेइचिंग ऑलम्पियाड का आयोजन होगा।इसे मनाने के लिए पेइचिंग और चीन के अन्य शहरों में समृद्ध विषयों पर विविधतापूर्ण ढंग से नई सांस्कृतिक गतिविधियां चलाई जाएंगी,जो विदेशी संस्कृतियों व कलाओं के लिए चीन आने और चीनी संस्कृति व कला के लिए विदेश जाने के अच्छे मौके बनेंगी।