2008-05-26 15:34:44

छोटा खरगोश की कहानी(4)

एक दिन , खरगोश मांद के बाहर कुछ लिख रहा है , एक भेड़िया पास आ कर पूछाः" अरे ,खरगोश , तुम क्या लिख रहे हो ? "

खरगोश ने जवाब में कहाः " मैं निबंध लिख रहा हूं । "

भेड़िया ने फिर पूछाः " किस विषय पर ? "

खरगोश ने कहाः" खरगोश द्वारा किस तरह भेड़िया को निगल कर खाने के बारे में । "

भेड़िया ने ठहाका मार कर विश्वास नहीं किया ।

खरगोश ने कहाः " मेरे साथ आओ । " वह भेड़िया को एक पहाड़ी गुहा में ले गया और इस के बाद खरगोश फिर गुहा के बाहर आ कर लिखने लगा । थोड़ी देर में एक लोमड़ी आ पहुंची , उस ने पूछाः " खरगोश , तुम क्या लिख रहे हो ? "

खरगोश बोलाः "निबंध लिख रहा हूं "

लोमड़ी ने पूछाः " कौन सा विषय ? "

खरगोश ने जवाब दियाः" खरगोश द्वारा लोमड़ी को जिन्दा खाने के बारे में । "

लोमड़ी ने भी ठहाका मारा और अविश्वास प्रकट किया ।

खरगोश ने कहाः " तुम मेरे साथ आओ , " वह लोमडी को भी पहाड़ी गुहा में ले गया , थोड़ी देर के बाद वह अकेले गुहा से बाहर निकला और अपना निबंध लिखना जारी रखा ।

इस बीच , पहाड़ी गुहा के भीतर एक शेर हड्डी–पंजरों के ढेर पर बैठे डकार लेते हुए खरगोश के निबंध पर नजर दौड़ा रहा हैः किसी भी जानवर की शक्ति बड़ी या छोटी हो सकती है , लेकिन उस की शक्ति तब प्रभावकारी साबित हो जाएगी , जब उस के पीछे एक शक्तिशाली मालिक खड़ा है ।