चीनी राजकीय सांस्कृतिक अवशेष ब्यूरो के प्रधान श्री शान चि-श्यांग ने 20 तारीख को एक बैठक में कहा कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पोताला महल , लोबुलिन्खा पार्क और सागा मठ इन तीन महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अवशेषों का जीर्णोद्धार , जिन पर कुल 33 करोड़ य्वान की पूंजी लगी है , आम तौर पर समाप्त हो गया है ।
सातवीं शताब्दी में निर्मित पोताला महल विश्व सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में शामिल है । सन 1751 में निर्मित लोबुलिन्खा पार्क तिब्बत पठार की इतनी ऊंचाई पर स्थापित सब से बड़ा और अखंड सुरक्षित वन्य उद्यान है । सागा मठ तिब्बती बौद्ध धर्म की शाखा यानी सागा संप्रदाय का प्रमुख मंदिर है , मठ के अन्दर अनगिनत ग्रंथ और दुर्लभ सांस्कृतिक अवशेष संरक्षित हैं । वर्ष 2002 की जून में चीनी केंद्र सरकार ने पूंजी डालकर इन तीनों महत्वपूर्ण अवशेषों का जीर्णोद्धार शुरू किया था।
पता चला है कि इधर के बीस सालों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कुल 1400 से अधिक मंदिरों , सांस्कृतिक अवशेषों तथा धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार करके उन्हें नागरिकों के लिए खोल दिया गया है जिससे इन प्राचीन वास्तुओं का कारगर संरक्षण किया गया है ।