दोस्तो,चीन के दक्षिण-पश्चिमी छोर पर युननान प्रांत स्थित है।इस में हान लोगों के अलावा 25 अल्पसंख्य जातियों के लोग भी बसे हुए हैं।इस लिहास से वह विश्व में जातीय संस्कृतियों से संपन्न एक प्रमुख विशेष क्षेत्र माना गया है।लम्बे अरसे से इस प्रांत का प्रशासन इन संस्कृतियों के संरक्षण व विकास को भारी महत्व देता रहा है और संबंधित काम में उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
युननान प्रांत के अभौतिक सांस्कृतिक विरासत संरक्षण-केंद्र के प्रभारी श्री नी चिंग-ख्वी ने कहा कि देश भर में लोकप्रिय `युननान की छाप` नामक एक भव्य गीतनृत्य में अल्पसंख्यक जातियों की जो विचित्र कलाएं दर्शाई गई हैं,उन से युननान प्रांत में जातीय संस्कृतियों के संरक्षण में प्राप्त उपलब्धियों की झलक मिल सकती है।युननान प्रांत में जातीय संस्कृतियों के संरक्षण के साथ-साथ इन संस्कृतियों से जुड़े उद्योग का भी जोरदार विकास किया जा रहा है।`युननान की छाप` नामक जैसे जातीय गीतनृत्य का व्यापारिक मंचन किया जाने और जातीय संस्कृतियों के संरक्षण को स्थानीय आर्थिक विकास से जोड़ा जाने की अर्थतंत्र व संस्कृति के साथ-साथ विकास में अच्छी भूमिका हो रही है।श्री नी चिंग-ख्वी ने कहाः
"अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृतियों का संरक्षण करने का हमारा तरीका लचीला व विकासशील है और सामाजिक प्रगति के नियमों से मेल खाता है।संरक्षण का तरीका एक सा नहीं होना चाहिए यानि कि अपरिवर्तनीय नहीं होना चाहिए। अपरिवर्तनीय तरीका पुराना और पिछड़ा पड़ चुका है।अगर पुराने व पिछड़े पड़ चुके तरीके से संरक्षण किया जाए,तो समाज के विकास में बाधा बनी वस्तुओं का संरक्षण किया जाएगा।हमारे संरक्षण-काम का उद्देश्य जातीय संस्कृतियों का बेहतरीन विकास करना ही है। "
युननान प्रांत के अभौतिक सांस्कृतिक विरासत संरक्षण केंद्र के प्रभारी श्री नी चिंग-ख्वी ने यह भी जानकारी दी कि युननान प्रांत की सरकार स्थानीय अल्पसंख्यक जाकियों के इतिहासों व संस्कृतियों से जुड़े संसाधनों की खोज,संरक्षण व विकास के लिए अनेक नीतियां बनाई हैं।मिसाल के तौर पर मई 2002 में युननान प्रांत की जातीय परंपराओं व लोक संस्कृतियों के संरक्षण की नियमावलियां जारी की गईं।यह चीन में अपने तरह का पहला स्थानीय कानून-कायदा है।और इस से युननान में अल्पसंख्यक जातियों के सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण और विकास का काम कानून सम्मत पटरी पर आ गया है।
युननान प्रांत ने चीन में अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृतियों के संरक्षण के काम का सर्वेक्षण सब से पहले किया है।सर्वेक्षण से मालूम चला है कि पूरे प्रांत में अल्पसंख्यक जातियों के 10 हजार से अधिक किस्मों के कोई 1 लाख ऐतिहासिक ग्रंथ सुरक्षित हैं।इस के अलावा युननान प्रांत ने 660 लोक ललितकारों को 3 श्रेष्ठ श्रेणियों में बांटकर पुरस्कृत किया है और जातीय संस्कृतियों से जुडे 80 से अधिक पारिस्थितिकी संरक्षण गांव भी स्थापित किए हैं।इन कदमों से युननान में अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृतियों के संरक्षण में कामयाहियां हासिल हुई हैं।
युननान का लीच्यांग नगर बहुत मशहूर है।800 वर्षों से पुराने इस नगर को सन् 1997 में विश्व सांस्कृतिक अवशेषों की नामसूचि में शामिल किया गया।तब से विभिन्न स्तरों की स्थानीय सरकारों और सामाजिक जगतों ने इस नगर के संरक्षण व प्रबंधन में कोई 50 करोड़ य्वान की धन-राशि निवेश की,जिस में से करीब 30 करोड़ य्वान का सीधे तौर पर नगर के जीर्णोद्वार व पुनः निर्माण में किया गया है।इन निवेश से प्राप्त आर्थिक मुनाफे ने इस प्राचीन नगर के पर्यटन-उद्योग के विकास को बड़ा बढावा दिया है।बीते एक दशक में पर्यटन-उद्योग से प्रेरणा लेकर इस नगर का आर्थिक व सामाजिक विकास भी तेजी से हुआ है।लीच्यांग नगर के संरक्षण व प्रबंधन ब्यूरो के प्रधान श्री ह शि-युंग के अनुसार अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृतियों के संरक्षण व विकास के बीच रिश्तों का अच्छा निबटारा करना लीच्यांग प्राचीन नगर को तेजी से विकसिक करने की कुंजी है।उन्हों ने कहाः
"हम हमेशा से संरक्षण को प्रथम सिद्धांत मानते रहे हैं,फिर विकास व समुचित प्रयोग की सोच करते हैं।विकास की प्रक्रिया में प्राप्त आर्थिक मुनाफे ने सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण को बढ़ावा दिया है।यहां आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण एक दूसरे के पूरक हैं।दोनों का अच्छा चक्र बन गया है।संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का मानना है कि इधर के वर्षों में लीच्यांग नगर में सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण-काम और पर्यटन-उद्योग का साथ-साथ समंवयपूर्वक विकास किया गया है।
श्री ह शि-युंग ने कहा कि आइंदे हम सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण में संबंधित कानून-कायदों और नियमावलियों का कड़ाई से पालन करते हुए प्रबंधन-काम को मानकीकृत बनाएंगे और वैज्ञानिक अनुसंधान व सेवा-स्तर की उन्नति में ज्यादा कोशिश करेगें। "
अल्कसंख्यक जातियों के सांस्कृतिक उद्योग के विकास के लिए युननान प्रांत की सरकार प्रात के सांस्कृतिक उद्योग-ग्रुपों को अंतरव्यवसायी व अंतरक्षेत्रीय कारोबार करने की प्रेरणा देती है।साथ ही उस ने बड़ी मात्रा में गैरसरकारी पूंजी को सांस्कृतिक क्षेत्र की ओर आकर्षित कराया है।वर्ष 2003 के बाद विख्यात ईनश्यांग कंपनी,पोल्यान पर्यटन व संस्कृति विकास कंपनी और फंगछी मीडिया संस्था जैसे अनेक गैरसरकारी सांस्कृतिक उद्योगधंधे युननान के सांस्कृतिक मंच पर प्रमुख भूमिका अदा कर रहे है।
चीन के प्रमथ आकर्षक प्राचीन कस्बा—हश्वुन युननान प्रांत में ही स्थित है।इस का संरक्षण गैरसरकारी सांस्कृतिक उद्योगधंधे—पोल्यान पर्यटन व संस्कृति विकास कंपनी द्वारा किया जा रहा है।इस कंपनी के महानिदेशक श्री वांग ता-सान के अनुसार हश्वुन प्राचीन कस्बे की परंपरागत संस्कृति के संरक्षण व विकास से अकेले इस कस्बे को ही नहीं,बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी लाभ मिला है।श्री वांग ता-सान ने कहाः
" सांस्कृतिक अवशेषों व जातीय संस्कृतियों के संरक्षण में गैरसरकारी उद्योगधंधों की भागीदारी से रोजगार के मौकों और कर-वसूली में बढोत्तरी हुई है।चीन के प्रथम आकर्षक प्राचीन कस्बा बनने के बाद हश्वनु में पर्यटन व संस्कृति के कार्य का बड़ा विकास हुआ है। और इस से स्थानीय लोगों की आय बहुत बढ़ गई है। "