2009-04-22 10:54:56

वित्तीय संकट का सामना करने की चर्चा की, चीन की कार्यवाही की प्रशंसा की गयी

वर्ष 2009 में प्रवेश कर वित्तीय संकट का रुझान समाप्त नहीं हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक आदि अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं ने विश्व आर्थिक वृद्धि का पूर्वानुमान कम किया है। इस स्थिति के तहत, विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति के रुप में चीन ने इस साल की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य 8 प्रतिशत बनाया है। अभी समाप्त वर्ष 2009 चीन विकास उच्च मंच में चीन के द्वारा अर्थतंत्र के स्थिर व अपेक्षाकृत तेज विकास को बनाए रखने पर देशी विदेशी विभिन्न जगतों का ध्यान गया है।

विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व की आर्थिक वृद्धि पूर्वानुमान के 1 प्रतिशत से घटकर 1.5 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि तक पहुंचेगी। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पूर्वानुमान किया था कि विश्व अर्थतंत्र में 0.5 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि होगी। चीनी उप प्रधान मंत्री ली क छ्यांग ने चीन विकास उच्च स्तरीय मंच वर्ष 2009 वाषिक सम्मेलन में कहा कि अर्थतंत्र के स्थिर व अपेक्षाकृत तेज़ विकास के मिशन को पूरा किया जा सकेगा।

"चीनी अर्थतंत्र के विकास का अच्छा रुझान नहीं बदला है। चीन तेज़ विकास के दौर में है, देशी बाजार का अच्छा भविष्य होगा। चुनौतियों का सामना करने के लिए चीन ने संबंधित कदम उठाए हैं, चीनी अर्थतंत्र के अच्छे भविष्य के लिए हमारे पास विश्वास है।"

चीन सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में पूंज़ी निवेश ,जनता की उपभोक्ता शक्ति को बढ़ाना, उद्योगों का गठन करने की योजना का कार्यान्वयन करना, विज्ञान-तकनीक शक्ति को बढ़ाना आदि शामिल है। उन कदमों के प्रति ह्वी फ़ोन ग्रुप के अध्यक्ष श्री क लिन का मानना है कि चीन द्वारा उठाए गए कदम दृढ़ हैं

"विश्व अर्थतंत्र में चीन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है, वर्तमान में चीन विश्व में तीसरी बड़ी अर्थतंत्र शक्ति है, शायद वर्ष 2009 में एक मात्र 8 प्रतिशत वृद्धि की अर्थतंत्र शक्ति होगी। चीन द्वारा उठाए गए कदम कामयाब हैं।"

विश्व बैंक के पूर्व एशिया व प्रशांत क्षेत्र के उपाध्यक्ष जेम्स का भी मानना है कि वित्तीय संकट का सामना करने में दृढ़ व कामयाब कदम सब से महत्वपूर्ण हैं।

"अब तक चीन द्वारा उठाए गए वित्तीय कदम तेज़ एवं कामयाब रहे हैं, चीन की अर्थव्यवस्था को प्रेरित करने की योजना पूरी तरह ठीक है।"

निर्यातोन्मुख अर्थव्यवस्था वाले देश के रुप में चीन के निर्यात उद्योग के सामने वित्तीय संकट की चुनौती सब से बड़ी है। आंकड़ों के मुताबिक चीन के वैदेशिक व्यापार की आयात निर्यात रकम में निरंतर चार महिनों में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, स्थिति गंभीर है।

चीनी वाणिज्य मंत्रालय के मंत्री श्री छेन ड मिन्ग ने चीन विकास उच्च स्तरीय मंच वर्ष 2009 वाषिक सम्मेलन में कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय प्रचलित नियम के अनुसार अपने आयात निर्यात उद्योग के लिए नीति समर्थन देगा।

"इतिहास के अनुभव के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय निवेश का आज़ाद व स्वस्थ विकास विश्व अर्थतंत्र के पुनरूत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति है। वर्तमान में सिर्फ़ सहयोग करने से विभिन्न देशों की हितों को रक्षा की जा सकेगी। चीन वास्तविक कदमों से अपने व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने के रूख को प्रमाणित करेगा।"

नोबेल अर्थतंत्र पुरस्कार के विजेता एवं अमेरिकी कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफ़ैसर स्टिग्लिज़ का मानना है दूसरे देशों को चीन के अनुभव से सीखना चाहिए।

"विश्व के आर्थिक पुनरूत्थान के दौर में चीन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेगा, एक, चीन अपनी आर्थिक वृद्धि को बरकरार रखेगा। दो चीन विश्व के आर्थिक पुनरूत्थान के लिए योगदान दे सकेगा। और चीन दूसरे विकासमान देशों को मदद दे सकेगा।"