"वर्तमान में काम नहीं है, कुछ भी माल नहीं बिक रहा है, इसलिए मज़दूरों की मांग नहीं है। मुझे अपने घर वापस जाना पड़ रहा है।"
कहने वाले का नाम यांग शिन लिन, उस का घर चीन के च्यांग शी प्रांत में है। वर्ष 2008 के अंत में उस ने चीन के क्वांगदूंग प्रांत में जाकर खिलौने बनाने वाले एक कारखाने में काम करना शुरू किया, लेकिन माल की मांग में कमी होने के कारण उसे अपने घर वापस जाना पड़ा है।
वर्तमान में आर्थिक मंदी को लेकर अपनी नौकरी खोने वाले किसान मज़दूरों की संख्या दो करोड़ तक पहुंच चुकी है जो किसान मज़दूरों की कुल संख्या का 15 प्रतिशत है।
किसान मज़दूरों को फिर एक बार नौकरी पाने में मदद देने के लिए चीन ने वर्ष 2009 नम्बर एक केंद्रीय दस्तावेज जारी किया, जिस में कृषि, गांव और किसाल सवालों पर ध्यान दिया गया है। चीन में कृषि मामलात के अधिकारी छेन शी वेन ने इस दस्तावेज का परिचय देते हुए कहा कि नये साल में चीन कारगर कदम उठाकर किसानों की आय में वृद्धि लाने की कोशिश करेगा। उन्होंने कहा:
"एक है किसान मज़दूरों की बर्खास्तगी न करने या बर्खास्तगी कम करने के लिए सरकार शहरों में व समुद्र तटीय विकसित क्षेत्रों में स्थित कंपनियों को प्रोत्साहित करेगी और मदद देगी। दो - किसान मज़दूरों को प्रशिक्षण के अधिक अवसर मुहैय्या करवाना। तीन - सार्वजनिक संरचना की स्थापना में किसान मजदूरों की अधिक मांग। चार - उद्यम में लगने वाले किसान मजदूरों को मदद देना। "
उक्त कदमों का चीन में कार्यान्वयन किया जा रहा है, यांग शिन लिन के गृहनगर च्यांग शी प्रांत में च्यांग शी प्रांत सरकार ने कंपनियों में मजदूरों की मांग के आंकड़े जमा किए हैं और किसान मजदूरों को प्रशिक्षण देने के लिए 20 करोड़ चीनी च्यान का निवेश किया है।
मदद देने के साथ च्यांग शी प्रांत किसान मजदूरों को स्व काम छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। गत अप्रैल में घर वापस जाने वाले किसान मजदूर ल्वो श्याओ मिन्ग ने सरकार द्वारा दिया गया निःशुल्क उच्च तकनीक प्रशिक्षण पाया। वर्तमान में वह अपने ख़रगोश फार्म का स्वामी है।
"वर्तमान में एक ख़रगोश से लाभ दस चीनी च्यान होता है, मेरे पास छह सौ ख़रगोश हैं यानि छह हजार चीनी य्वान का लाभ। पार्टी व सरकार की सहायता के बिना मैं इतने पैसे नहीं कमा सकता हूं।"
किसान-मजदूरों के अलावा, चीन में महाविद्यालयों से बाहर आए नये स्नातकों के रोज़गार का सवाल भी सरकार के सामने है। आंकड़ों के मुताबिक इस साल चीन में महाविद्यालयों से स्नातक होने वाले विद्यार्थियों की संख्या 61 लाख 10 हजार रही, गत साल से 9 प्रतिशत अधिक। जब कि वर्ष 2008 में महाविद्यालय ने स्नातक होने वाले विद्यार्थियों में से अभी भी 15 लाख को स्थाई काम नहीं मिला है।
फ़ू यान नान पेइचिंग विश्वविद्यालय के एक स्नातक हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में अपने 40 सहपाठियों में से सिर्फ़ पांच को काम मिला है, बहुत से सहपाठियों के वेतन की मांग कम हो गयी है। उन्होंने कहा:
"काम ढूंढ़ने की स्थिति कई सालों से और गंभीर है, अधिकांश सहपाठियों को काम नहीं मिला है। "
पेइचिंग विश्वविद्यालय में रोज़गार मामलात के प्रधान छेन योन ली ने परिचय देते हुए कहा:
"हम ने रोज़गार बाजार क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है और उन से विद्यार्थियों के लिए विशेष रिपोर्ट बनवायी है। साथ ही विद्यार्थियों के लिए रोज़गार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए पेइचिंग विश्वविद्यालय ने मझौले व छोटे कारोबारों के साथ संपर्क बनाया है।"
जन शक्ति साधन और सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता यीन छेन जी ने कहा कि गत साल चीन के शहरों में काम मिलने वालों की संख्या एक करोड़ 11 लाख 30 हजार थी, उन को विश्वास है कि इस साल चीन में रोजगार पर्यावरण सुधार हो रहा है।