2008-11-28 18:02:16

एक गांव बदलकर आधुनिक शहर बन गया

सुधार व खुलेद्वार की नीति लागू की जाने के पिछले 30 सालों में चीन में बहुत परिवर्तन हुए हैं जिन में सब से उल्लेखनीय उदाहरण है शन चेन शहर में हुआ परिवर्तन। 30 साल पहले शन चेन सिर्फ एक गरीब गांव था,आज शन चेन एक बहुत आधुनिक शहर बन गया है। 60 वर्षीय श्री थांग वेन ब्याओ का जन्म स्थान है क्वां डूंग प्रांत का एक गांव,गांव में एक नदी है और नदी के दूसरी ओर हांगकांग है,जब वे युवा थे, गांव में दूसरे युवकों की ही तरह अवैध आप्रवास करके वे विकसित शहर हांगकांग में काम करना चाहते थे। पिछले समय की याद करते हुए श्री थांग वेन ब्याओ ने कहा:

"बचपन के समय इस स्थान में मानसून में अक्सर मूसलाधार वर्षा वाला मौसम होता था, जिस दिन बड़ी वर्षा होती थी, वह समय अवैध आप्रवास करने के लिए एक अच्छा अवसर होता था, मैं ने सुना था कि बहुत से लोग हांगकांग गए हैं।"

यह गांव बाद में शन चेन शहर बन गया,लेकिन उस समय यह सिर्फ एक गरीब गांव था और हांगकांग और इस गांव के बीच सिर्फ एक नदी थी, जो अधिक चौड़ी नहीं थी,इसलिए पैसा कमाने बहुत से युवक अवैध रुप से हांगकांग जाते थे।

उस समय श्री थांग वेन ब्याओ एक छात्र थे। उन्होंने कहा:

"मेरे बहुत से सहपाठी हांगकांग गए, खासकर वर्ष 1972 में ,मेरा एक तीसरी जमात का सहपाठी हांगकांग गया। "

हांगकांग जाने का एकमात्र कारण था गरीबी। वर्ष 1978 के सर्वेक्षण के अनुसार उस समय अच्छी आर्थिक स्थिति वाले गांव में प्रति व्यक्ति की शुद्ध आय सालाना सिर्फ 134 चीनी य्वान थी।

श्री फांग बाओ पिछली शताब्दी के सातवें वाले दशक में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बाओ अन काउंटी कमेटी के सचिव थे, अवैध आप्रवास की स्थिति के प्रति उन्होंने कहा:

"इस से जाहिर है कि ज्यादा अच्छे जीवन के लिए गरीब लोगों की मांग और उस समय की आर्थिक व्यवस्था का परिणाम था लोगों का सीमा पार कर हांगकांग जाना।"

आर्थिक व्यवस्था की बात करें तो,उस समय चीन में योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था लागू थी जिस में निजी कारोबार पर प्रतिबंध था। उस समय अर्थ निर्माण के लिए चीन में अनुभव की कमी थी। बाओ अन कांउटी में अवैध आप्रवास से हांगकांग में जाना लोगों के बेहतर जीवन जीने का संभवतः एकमात्र रास्ता था। कुछ समय बाद श्री थांग वेन ब्याओ एक सैनिक बन गए।

परिवर्तन हुआ। वर्ष 1979 में, क्वांग डूं प्रांत ने केंद्रीय सरकार को विकास की एक योजना सौंपी जिस के अनुसार क्वांग डूं प्रांत में एक स्वाधीन प्रशासन वाले निर्यात प्रसंस्करण व व्यापार सहयोग क्षेत्र की स्थापना की जाए ।

केंद्रीय सरकार का अनुमोदन दस्तावेज बहुत उत्साहवर्धक था। अगले साल चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा ने शन चेन आर्थिक विशेष क्षेत्र की स्थापना का अनुमोदन किया। शन चेन में आयातित माल व उपभोक्ता माल कर मुक्त किया गया ।

इस के बाद गांव में उत्पादन का उत्साह बढ़ा । सिर्फ दो साल के बाद यानि वर्ष 1981 के अंत में गांव में हर परिवार की शुद्ध आय सालाना 33 हजार चीनी य्वान तक पहुंच गई। गांव मे बहुत लोगों ने कारखाने स्थापित किए । इस समय श्री थांग वेन ब्याओ अपने गांव वापस लौटे।

कांउटी कमेटी के सचिव श्री फ़ांग पाओ ने देखा कि इस के पहले हांगकांग में जाने वालों में बहुत से लोग अपने- अपने गांव वापस लौट रहे हैं।

वर्ष 1984 में उस समय देश के नेता श्री तंग श्याओ पिन्ग ने शन चेन का दौरा किया और कहा कि इस नीति को दीर्घकालीन बनाया जाएगा। इस के बाद शन चेन के विकास में तेजी आई। गांव में यू फ़ेन नामक कंपनी की स्थापना की गयी और गांव में कुछ लोग बंगलों में रहने लगे।

लेकिन नये सवाल पैदा हुए।

"गांव के लोगों ने अंधाधुंध मकानों का निर्माण करना शुरू किया,गांव में पर्यावरण की गंदगी पैदा हो गई और विभिन्न लोगों के बीच दुश्मनी जैसी स्थिति पैदा होने लगी। "

यह बात बताने वाले गांव में रहने वाले श्री ह्वांग यान हैं,वे यू फ़ेन नामक कंपनी के मैनेजर भी हैं। उक्त नब्बे वाले दशक में दूसरी जगहों से आ आ कर लोग शन चेन में रहने लगे इसलिए मकानों की ज़रूरत बढ़ी, गांव के लोगों ने पैसे कमाने के लिए अपने-अपने मकानों का विस्तार करना शुरू किया।

वर्ष 2000 में गांव का पुनर्निमाण कार्य शुरू हुआ, उच्च मापदंड वाले नए गांव का निर्माण किया गया, अधिक अतिथियों ने यहां रहने का निर्णय किया, इस गांव के अर्थ में सतत विकास साकार हुआ है।