2008-11-21 17:27:10

सुधार ने चीनी ग्रामीण के आर्थिक विकास में गति दी

चीन एक बड़ा कृषि प्रधान देश है, ग्रामीण आबादी 70 करोड़ से अधिक है। सुधार व खुलेद्वार की नीति लागू की जाने के पिछले 30 सालों में चीन सरकार ग्रामीँण विकास के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सिलसिलेवार कदम उठा रही है, खेतीबाड़ी करने में किसानों के उत्साह को बढ़ाया गया है,गांव की आर्थिक ताकत निरंतर मजबूत हो रही है।

वर्ष 1978 से पहले,चीनी ग्रामीण खेती का सामुदायिक संगठन द्वारा प्रबंध किया जाता था, किसान एक साथ खेतीबाड़ी करते थे और औसतन आवंटन के जरिए अनाज मिलता था। नये चीन की स्थापना की जाने के प्रारंभिक काल में यह एक साथ खेतीबाड़ी करके औसतन आवंटन के जरिए अनाज पाने के तरीके ने ग्रामीण विकास को बढ़ाया था। लेकिन लंबे समय के बाद औसतन आवंटनवाद ने किसानों के उत्साह में गंभीर रुकावट पैदा की,इसलिए ग्रामीण गरीबी की स्थिति को दीर्घकाल तक नहीं सुधारा गया।

दिसम्बर वर्ष 1978, चीनी ग्रामीण नीति में परिवर्तन हुआ। पूर्वी चीन के अंह्वी प्रांत के श्याओ कांग नामक गांव ने सामूहिक खेती को प्रति किसान वितरित कर दिया और अधिक काम के लिए अधिक वेतन के तरीके से ग्रामीण गरीबी की स्थिति को बदलने की कोशिश की,इस के बाद किसानों का जीवन समृद्ध हुआ है।

श्री यान हों छ्यां श्याओकांग गांव के किसान हैं,अपने गांव में हुए परिवर्तन के प्रति उन्होंने कहा:

"उस समय मैं मानता था कि अगर हम खेती का बंटवारा करने का निर्णय करते हैं तो हमें सफलता मिलेगी।"

श्याओ कांग गांव के 18 किसानों द्वारा हस्ताक्षरित गुप्त समझौते के अनुसार गांव में सब खेती और उत्पादन उपकरणों को औसत रूप से किसानों में बांट दिया गया। किसान अपनी खेती पर खेतीबाड़ी करता है, मापदंड के अनुसार,किसान कुछ अनाज देश और समुदाय को देगा और बाकी सब अनाज किसान का होगा। इस तरीके का प्रयोग करके किसानों का उत्पादन उत्साह बढ़ा और अनाज की पैदावार पहले से चार गुना बढ़ गयी।

वर्ष 1980 में चीन सरकार ने औपचारिक रूप से किसान परिवार द्वारा खेतों को ठेके पर लेने की नीति लागू की,किसानों का जीवन स्तर अपने प्रयास करने से बढ़ा है। वर्ष 2006 में चीन ने पूरी तरह से कृषि कर हटा दिया जिस से किसानों का बोझ कम हुआ है। चीनी विज्ञान अकादमी कृषि नीति अध्ययन केंद्र की सुश्री जांग लिन श्यो ने माना:

"कृषि कर हटाने से किसानों का बोझ कम हुआ है, साथ ही देहातों के विकास की गति तेज होगी।"

किसानों के उत्पादन उत्साह को और बढ़ाने के लिए चीन सरकार ने कई साल पहले अधिक उदार नीति बनाई और खेतीबाड़ी करने और कृषि उत्पादन उपकरणों को खरीदने के लिए धनराशि समर्थन देना शुरु किया।

लेकिन कम रकबे वाली खेती पर खेतीबाड़ी करने से आय कम होती है, इसलिए बहुत से किसानों ने ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार की अदला-बदली शुरू की। अंह्वी प्रांत के किसान चिन ज़ोन कोन ने कहा:

"अपनी खेती कम रकबे की है,इसलिए आय कम है,जबकि ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार की अदला-बदली करके अनाज की पैदावार बढ़ी है,अपनी आय भी बढ़ी है।"

इस के प्रति अक्तूबर में समाप्त हुए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17 वीं केन्द्रीय कमेटी के तीसरे पूर्णाधिवेशन में चीन ने ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार की अदला-बदली निश्चित की है और किसानों को खेती का ठेका बदलने , किराये पर भूमि देने, अदला बदली और शेयर सहयोग आदि रूपों में भूमि पर संचालन के अनुबंध बदलने की अनुमति दी है।

अंह्वी प्रांत कृषि समिति के उप प्रधान श्यू वेई ने माना कि ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार की अदला-बदली निश्चित करने से बड़े पैमाने वाले संचालन को साकार किया जा सकेगा,खेती की उत्पादन दक्षता में बड़ी वृद्धि जरूर होगी। उन्होंने कहा:

"ग्रामीण भूमि पर अनुबंध अधिकार की कृषि उत्पादन में महारत वालों से अदला-बदली करके खेती की उत्पादन दक्षता में बड़ी बढ़ोतरी होगी।"

सुधार व खुलेद्वार की नीति लागू की जाने के पिछले 30 सालों में,चीन सरकार ने विभिन्न तरीकों से देहाती अर्थ के विकास को बढ़ाया है, किसानों की शुद्ध आय वर्ष 1978 से 31 गुना बढ़ी है।

अच्छा दोस्तो,आज का चीन में निर्माण व सुधार कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है, कार्यक्रम सुनने के लिए हार्दिक धन्यवाद, नमस्ते।