2008-09-22 14:55:21

हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता से उत्तर-पूर्वी एशियाई देशों के बीच आर्थिक आवाजाही बढ़ी

आज के चीन में निर्माण व सुधार कार्यक्रम सुनने के लिये आप का हार्दिक स्वागत। मैं आप की दोस्त रूपा। बहुत खुशी है कि आप से फिर मिली हूं। दोस्तो, 19वीं हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता पिछले हफ्ते में उत्तर-पूर्वी चीन के हेलोंगचांग प्रांत के हार्पिन शहर में समाप्त हुई। उत्तर-पूर्वी एशियाई क्षेत्र में हर साल एक बार आयोजित होने वाले आर्थिक व व्यापारिक मेले के रूप में मौजूदा वार्ता में भाग लेने के लिये चीन, रूस, जापान व कोरिया गणराज्य आदि देशों व क्षेत्रों से आये 12 हजार व्यापारी आकृष्ट हुए । पिछले साल की वार्ता की तुलना में मौजूदा वार्ता में जापान और कोरिया गणराज्य ने अपनी भागीदारी के पैमाने का विस्तार किया है। आज के कार्यक्रम में हम आप लोगों को इस संदर्भ में एक रिपोर्ट सुनाएंगे।

चीन के पड़ोसी होने के कारण रूस उत्तर-पूर्वी चीन के विभिन्न प्रांतों के साथ बड़े पैमाने वाली आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही बनाए रखे हुआ है। हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता दोनों देशों के व्यापारियों के लिये सौदा वार्ता व आदान-प्रदान का मंच बन गयी है, इसलिये वार्ता को रूस बहुत महत्व देता है। मौजूदा वार्ता में भाग लेने वाले लगभग 12 हजार व्यापारियों में रूस से आये व्यापारियों की संख्या कुल संख्या का 40 प्रतिशत रही ।

रूस के जाबेकालस्काइ कराइ सीमांत प्रशासनिक क्षेत्र के प्रमुख प्रशासक श्री गेनियाटुलिन ने कहा कि उन्होंने रूसी प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर दसेक सालों की वार्ता में भाग लिया था। हर बार उन्हें बहुत सी उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता उत्तर-पूर्वी एशियाई क्षेत्र में आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही का महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहाः

बेशक, हमारी आशा है कि इस मंच के जरिये बहुत से लोग रूस के हमारे सीमांत इलाके के बारे में ज्यादा जानकारी कर सकते हैं। मुझे मालूम है कि मौजूदा वार्ता में भाग लेने वाले व्यापारियों में से कुछ चीन के सब से विकसित प्रांतों से आये हैं और कुछ जापान आदि देशों से आये हैं। मुझे विश्वास है कि बारंबार की मुलाकातें हमारे व्यापार के लिये लाभदायक हो।

वर्तमान में रूस चीन का सांतवां व्यापारिक साझेदार है और 2007 में चीन व रूस की द्विपक्षीय व्यपार रक्म 48 अरब अमरीकी डालर तक पहुंची है। गेनियाटुलिन के विचार में चीन व रूस के बीच आर्थिक व व्यापारिक सहयोग का भविष्य बहुत उज्जवल होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि इस साल रूसी राष्ट्रपति मेडवेडेव की चीन यात्रा के समय चीनी नेताओं के साथ यह लक्ष्य रखा गया है कि 2010 तक दोनों देशों की द्विपक्षीय व्यापार रक्म 6 खरब अमरीकी डालर होगी और जाबेकालस्काइ कराइ प्रशासनिक क्षेत्र इस लक्ष्य को साकार करने के लिये योगदान करेगा। उन्होंने कहाः

2002 में जाबेकालस्काइ कराइ प्रशासनिक क्षेत्र व चीन के बीच व्यापार रक्म सिर्फ 10 करोड़ अमरीकी डालर थी। लेकिन अगले साल व इस के आगे के साल में चीन के साथ हमारी व्यापार रक्म संभवतः 1 अरब अरमीकी डालर पहुंचेगी।

सरकारों के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही के अलावा, चीन व रूस के बीच ओद्योगिक जगतों का संपर्क और गैरसरकारी वाणिज्य आवाजाही और अधिक घनिष्ठ व व्यस्त है। मौजूदा वार्ता में बहुत से रूसी उद्यमों ने अपनी माल प्रदर्शनी लगायी, जिस से दोनों देशों के उद्यमों के बीच जोरदार आर्थिक व व्यापारिक विकास का रूझान दिखाई पड़ा है।

बहुत सी प्रदर्शनियों में से एक चीन-रूस सूचना वेबसाइट नामक प्रदर्शनी पर हमारे संवाददाता का ध्यान आकर्षित हुआ है। यह वेबसाइट प्रदर्शनी सटोल चीन व रूस द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया है। वेबसाइट के रूसी पक्ष के जिम्मेदार व्यक्ति सुश्री ओलया ने संवाददाता को बताया कि चीन व रूस के बीच व्यापार बढ़ने के कारण अधिक से अधिक व्यापारियों को एक दूसरे पक्ष के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिये, इसलिये उन्होंने ऐसी वेबसाइट की स्थापना की और लगभग 10 सालों तक सेवा प्रदान की है। उन्होंने बतायाः

हमारे कुछ स्थाई ग्राहक हैं , जो वर्षों से हमारे साथ सहयोग करते हैं । सेतु स्वरूपी वेबसाइट से चीन व रूस एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। उदाहरण के लिये अगर चीनी लोग रूस में कोई व्यापार करना चाहते हैं या उन्हें कुछ चीजों की अवश्यकता है तो हम उन्हें सहायता दे सकते हैं । साथ ही यदि रूसी लोग चीन में कुछ उत्पाद खरीदना चाहते हैं या कुछ काम करना चाहते हैं तो इस के लिए भी हम मदद दे सकते हैं।

मौजूदा वार्ता में कुछ चीनी व रूसी उद्यमों ने सलाह मशविरे के बाद अंत में 18 सौदा समझौतों पर हस्ताक्षर किये और इन की अनुबंधित रक्म 1 अरब 30 करोड़ अरमीकी डालर तक पहुंची है, जिन में जैविक ऊर्जा कार्यक्रम, तेल व प्राकृतिक गैस का विकास, कपड़ों का आयात निर्यात मुद्दा आदि शामिल हुए हैं।

रूस के अलावा, जापान, कोरिया गणराज्य, फिन्लैंड ,बेल्जियम आदि देशों ने मौजूदा वार्ता में विशेष वाणिज्य गतिविधि की, विशेष कर उत्तर-पूर्वी एशियाई क्षेत्र के महत्वपूर्ण आर्थिक समुदाय जापान और कोरिया गणराज्य ने अपना बड़ा प्रदर्शनी हॉल की स्थापना की और वार्ता में भाग लेने वाले व्यापारियों को अपने व्यापार कार्यक्रम का परिचय किया। हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता कार्यलय के प्रभारी छन त्यान युन ने कहाः

मौजूदा वार्ता में हम ने कोरिया गणराज्य, जापान आदि एशियाई देशों के प्रदर्शनी सटोलों की संख्या बढ़ायी, जिस से उन्हें खासा आकर्षित किया गया है।

वार्ता में भाग लेने वाले जापानी यामागाटा काऊंटी के जिम्मेदार व्यक्ति सुजुकी ने कहा कि जापान में हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता का प्रभाव बढ़ता जा रहा है। और अब बहुत से जापानी उद्यमों को वार्ता पर बहुत रूचि हुई है। उन्होंने कहाः

यहां आने का उद्देश्य यामागाटा काऊंटी के कुछ उद्यमों का परिचय करना और कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों में सहयोग का मौका खोजना है। वर्तमान में चीन व जापान के बीच पूर्वी रेशम मार्ग नामक एक सहयोग कार्यक्रम यहां हो रहा है।

वार्ता के आयोजक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वार्ता में चीनी उद्यमों द्वारा विदेशी उद्यमों के साथ संपन्न अनुबंधों की कुल रक्म 10 अरब 60 करोड़ अमरीकी डालर है, जो पिछली वार्ता से 3.5 प्रतिशत अधिक है। हर साल एक बार आयोजित होने वाली हार्पिन अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक वार्ता चीन व रूस, जापान, कोरिया गणराज्य आदि उत्तर-पूर्वी एशियाई देशों को जोड़ने का अहम पुल बना है। (रूपा)