2008-03-10 09:53:04

जनवरी में चीन में वस्तुओं का दाम सूचकांक नये रिकोर्ड पर चढ़ा

चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने 19 फरवरी को जनवरी माह में नागरिकों के उपभोक्ता मुल्य का सूचकांक जारी किया, जो गत माह से 7.1 प्रतिशत अधिक है और 1997 के बाद अब तक का मासिक रिकोर्ड बन गया है। चीनी अर्थ शास्त्रियों ने कहा कि वर्ष 2007 से अब तक पैदा हुई ढ़ांचागत दाम वृद्धि, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मालों के दामों की वृद्धि और चीन में वसंत त्योहार व प्राकृतिक विपदा से उत्पन्न चीजों की अस्थाई कमी जनवरी माह में चीन में वस्तुओं की दाम वृद्धि के मुख्य कारण हैं। उन्होंने सरकार को वस्तुओं की दाम वृद्धि को दूर करने के लिये अधिक कदम उठाने की सलाह दी। अब सुनिए विस्तार से ।

वर्ष 2007 के उत्तरार्द्ध से खाद्य-पदार्थों व मकानों के दाम की वृद्धि से चीन में वस्तुओं का दाम स्तर लगातार तेजी से बढ़ता रहा और नागरिकों के सालाना उपभोक्ता मुल्य सूचकांक 4.8 प्रतिशत से अधिक दर्ज हुआ है। इस के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रमुख मालों के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं, जिस से चीनी वस्तुओं के दामों पर भारी प्रभाव पड़ा है। चीनी जन विश्वविद्यालय के वित्त व स्टोक अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर श्री जाओ शी जुन ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार जनवरी में खाद्य-पदार्थों के दामों में 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इस से जाहिर है कि चीन में वस्तुओं के दामों की वृद्धि का मूल कारण उक्त तत्वों से प्रभावित होता जा रहा है। उन्हों ने कहाः

गत साल में कुछ कच्चे मालों व खाद्य-पदार्थों के दामों में जो वृद्धि हुई थी , उस से प्रभावित हो कर इस साल चीन में वस्तओं के दाम बढ़ते गए हैं। इस के अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनाज, खनिज व तेल आदि प्रमुख मालों के दाम बहुत ऊंचे बढे हैं, जिन में बहुत से चीजों का चीन को आयात करना पड़ता है, इसी के कारण भी जनवरी माह में चीन में वस्तुओं के दाम बढ़ गए।

चीनी आर्थिक शास्त्रियों ने कहा कि इस साल के जनवरी माह में चीन का परंपरागत त्योहार -----वसंत त्योहार पड़ा, चीनी राष्ट्र का यह महत्वपूर्ण त्यौहार मनाने के लिए चीनी नागरिकों में चीजें खरीदने का उमंग आया , बड़ी मात्रा में चीजों की बिक्री होने से कुछ स्तर पर वस्तुओं के दामों में भी वृद्धि का काम किया गया है। इस के साथ जनवरी में चीन के अधिकांश प्रांतों में गंभी वर्षा व बर्फबारी की विपदा पैदा हुई, इस अभूतपूर्व प्राकृतिक विपत्ति के कारण चीन के कृषि उत्पादन को काफी बड़ा नुक्सान पहुंचा और मालों के ढुलाई परिवहन में रूकावट पैदा भी हुआ,जिस से बहुत से स्थानों में चीजों के दाम में उछाल आया , परिणामस्वरूप देश भर में वस्तओं के दाम में भी इजाफा बढ़ाया गया है। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के आर्थिक विशेषज्ञ श्री य्यान कांग मिंग ने कहाः

और एक महत्वपूर्ण कारण है कि चीन में उत्पन्न असाधारण गंभीर विपदा से वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी हुई है। अगर चीन में ऐसी प्राकृतिक विपदा नहीं हुई होती, तो चीजों के दाम संभवतः गत दिसम्बर से गिरा होता। क्योंकि पिछले साल के नवम्बर माह में चीनी नागरिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जो 6.9 फीसदी बढी थी , गत दिसम्बर महीने में उस का स्तर घट कर 6.5 प्रतिशत रह गया था।

चीन में वस्तुओं के दामों की वृद्धि की स्थिति को ले कर विभिन्न पक्षों में आर्थिक नियंत्रण नीति पर विचार विमर्श पैदा हुआ। जनवरी माह में चीन में कर्ज वितरण की रिकार्ट बढ़ोत्तरी हुई और वैदेशिक व्यापार में चीन के पक्ष में अनूकुल संतुलन 20 प्रतिशत हो गया । ऐसी स्थिति में कुछ लोगों का यह विचार आया कि चीनी केंद्रीय बैंक को बैंक की ब्याज दर या बैंकों की रिजर्व राशि दर बढ़ाने के जरिये मुद्रा के अति प्रचलन और अति गर्म आर्थिक निवेश को रोकने की कोशिश करना चाहिये। इस मत पर चीनी जन विश्वविद्यालय के वित्त व स्टोक अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर श्री जाओ शी जुन सहमत हुए। उन्हों ने अपनी राय बताते हुए कहाः

मेरे विचार में चीनी मुद्रा रनमिनबी की ब्याज दर औक रिजर्व राशि दर बढ़ाने की अभी गुंजाइश होगी। हमारे सामने अब ऐसी आर्थिक स्थिति मौजूद है , जिस पर मुद्रास्फीति का दबाव पड़ा है, इसलिये मुद्रा नीति इस सवाल का समाधान करने के लिये बनायी जानी चाहिये।

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के विशेषज्ञ श्री य्वान कांग मिंग का विचार है कि मुद्रा सिकुड़न नीति लागू करने के साथ साथ चीन सरकार को विभिन्न किस्मों के पूंजी निवेश कार्यक्रमों के प्रति अलग कदम उठाना चाहिए । अनाज की खेती और पशुपालन क्षेत्र को ज्यादा समर्थन देना चाहिए ,उत्पादन बहाल करने की कोशिश करते हुए तिजारती मालों की आपुर्ति को बढ़ाना चाहिये ताकि वस्तुओं के दामों की वृद्धि से उत्पन्न हुए दबाव को हल्का किया जा सके। उन का कहना हैः

वर्तमान में हमें ऐसी नीति बनायी जानी चाहिये , जो उत्पदान बढ़ाने के हित में हो । ऐसा कहना पर्याप्त नहीं है कि वस्तुओं के दामों की वृद्धि केवल आर्थिक अति गर्म होमो से हुई है। यदि उत्पादन पर अधिक नियंत्रण किया गया , तो चीजों की सप्लाई में तंगी की स्थिति पैदा हो सकती है ।

चीनी अर्थशास्त्रियों ने सरकार को बुनियादी संस्थापनों के निर्माण व जन जीवन सुधार में और अधिक पूंजी लगाने और वित्तीय नीति के जरिये व्यक्तिगत आय कर की वसूली शुरूआती दर ऊंचा करने या व्यक्तिगत आय कर को कम करने से नागरिकों के जीवन स्तर बढ़ाने व सतत आर्थिक वृद्धि बनाए रखने की कोशिश करने की सलाह दी है । चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के अर्थ शास्त्री श्री य्वान कांग मिंग के अनुमान में चीन सरकार समग्र नियंत्रण पर जोर बनाए रखेगी और चीन में वस्तुओं के दाम मार्च महा से घट जाने लगेगा और पूरे 2008 में चीजों की दाम वृद्धि दर 6 से 7 प्रतिशत के बीच नियंत्रित की जा सकेगी और आर्थिक उत्पादन मात्रा में पिछले साल से 11 प्रतिशत की वृद्धि होगी ।