सूत्रों के अनुसार शिक्षा मंत्रालय के वर्ष 2008 के कार्य में मानवीय शिक्षा के आधार पर नैतिक शिक्षा को सर्वप्रथम विकसित करने की बात की गयी है और स्कूली छात्रों का मानसिक स्वास्थ्य, अव्यस्क के अपराधों की रोकथाम, राष्ट्रीय भावना व ऑलम्पिक भावना के प्रचार-प्रसार से नैतिक शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। अनिवार्य शिक्षा की नए पाठ्यक्रमों के मानदंड के अनुसार शिक्षा मंत्रालय अध्यापन-सामग्री की जांच व्यवस्था में सुधार करेगा, ताकि पाठ्य-पुस्तकों का अधिक बार उपयोग किया जा सके । (रूपा)