2009-05-04 16:19:20

कोआथ बिहार के हाशिम आजाद के सवाल का जवाब

श्री हाशिम आजाद ने इस बार पूछा है कि आज तक तिब्बत के विकास पर कुल कितने धन राशि खर्च हुए हैं.

हाशिम आजाद जी, आप का यह सवाल एक लम्बा चौड़ा वाला सवाल है । तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद अब तक लगभग 57 साल गुजरे हैं, इतने लम्बे अरसे में तिब्बत के विकास पर कुल कितने धन राशि खर्च होने के रिकार्ड मिलना हमारे लिए मुश्किल है । अब हम तिब्बत की स्थानीय सरकार के खर्च को छोड़ कर संक्षेप में चीनी केन्द्रीय सरकार द्वारा तिब्बत के विकास पर किए गए खर्च का एक मोटा विवरण देंगे, जो हमें अब तक प्राप्त आंकड़ों पर आधारित है ।

नए चीन की स्थापना के बाद तिब्बत के आर्थिक व सामाजिक विकास को हमेशा चीन की केन्द्रीय सरकार और देश के विभिन्न स्थानों का समर्थन मिलता जा रहा है । पिछली शताब्दी के 50 वाले दशक के शुरू से यानी 1951 से केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत के विकास के समर्थन के लिए विशेष नीति अपनायी और उसे बड़ी रकम की वित्तीय भत्ता, सहायता , विशेष सहायता और विशेष मुद्दों पर सहायता देना आरंभ किया है । मोटे आंकड़ों के अनुसार 1952 से 1979 तक केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत को वित्तीय भत्ता और विशेष सहायता के रूप में ही 6 अरब 9 करोड़ 40 लाख य्वान की सहायता दी थी। वर्ष 1980 से केन्द्रीय सरकार ने हर साल तिब्बत को देने वाली नियमित सहायता की रकम 49 करोड़ 60 लाख य्वान तक बढ़ायी, विशेष मुद्दों पर वार्षिक सहायता रकम 9 करोड़ और बुनियादी निर्माण के लिए 26 करोड़ 22 लाख य्वान की राशि लगायी जाने लगी । 1980 के बाद तिब्बत को सहायता देने के लिए किसानों व चरवाहों पर सभी कर वसूली बंद कर दी गयी और निजी पशुपालन और स्वतंत्र व्यापार की नीति लागू की गयी । वर्ष 2001 से केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत के लिए 50 सूत्रीय उदार नीति अपनायी और सहायता की 117 परियोजनाएं निश्चित कीं । 2001 से 2005 तक तिब्बत को दी गयी वित्तीय सहायता रकम 47 अरब 50 करोड़ य्वान तक पहुंची, जो तिब्बत की कुल व्यय के 92 प्रतिशत से अधिक है . इस का अर्थ है कि तिब्बत की करीब तमाम वित्तीय व्यय केन्द्रीय सरकार द्वारा उठायी जाती है । दसवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत को कुल 72 अरब 20 करोड़ य्वान की सहायता राशि प्रदान की थी । तिब्बत में 117 निर्माण परियोजनाओं में कुल 31 अरब 20 करोड़ य्वान डाले गए । केन्द्रीय सरकार की वित्तीय भत्ता 38 अरब य्वान हुई और देश के अन्य स्थानों ने 70 मुद्दों के विकास में सहायता दी और 3 अरब य्वान की धन राशि प्रदान की । केन्द्रीय सरकार को छोड़ कर देश के अन्य प्रांतों और शहरों द्वारा तिब्बत को सहायता देने का काम 1995 से औपचारिक रूप से शुरू हुआ । 2006 तक देश के 18 प्रांतों व केन्द्र शासित शहरों ने तिब्बत में निर्माण के लिए 3170 मुद्दे तय किए और उन में 6 अरब 20 करोड़ य्वान की राशि लगायी । केन्द्रीय सरकार और देश के अन्य स्थानों के जोरदार समर्थन से तिब्बत का आर्थिक विकास बहुत तेजी से बढ़ा है, उस की आर्थिक वृद्धि गति लगातार पांच सालों तक 12 प्रतिशत से अधिक बनी रही है, जो देश की औसत वृद्धि दर से अधिक रही ।

वर्तमान में तिब्बत को आर्थिक व वित्तीय सहायता देने के अलावा वहां सभी कृषि कर माफ की गयी है , किसानों और चरवाहों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलती है। स्कूली बच्चों का सभी शिक्षा खर्च सरकार देती है, जिस में खाने पीने , रहने और पढ़ने के सभी खर्च शामिल है । कहा जा सकता है कि उन उदार नीतियों के चलते तिब्बती निवासियों के जीवन की बुनियादी गारंटी हो गयी है ।

वलीदपुर मऊ उत्तर प्रदेश के एस .ए. फारूकी और एच.आई. फारूकी ने पूछा है कि चीन से विदेशों को निर्यात होने वाले फल तथा सब्जी कौन कौन सी है.

फारूकी भाइयो , चीन फल सब्जी उत्पादन का बड़ा देश है। इधर के सालों में चीन में फल सब्जी उत्पादन का तेज विकास हुआ और वह कृषि व ग्रामीण अर्थतंत्र का मुख्य स्तंभ बन गया है।

अपूर्ण आंकड़ों के अनुसार 2000 तक चीन का सब्जी उत्पादन क्षेत्रफल विश्व का 35.3 प्रतिशत बन गया और सब्जी उत्पादन मात्रा 65 प्रतिशत बनी , फल उत्पादन का रकबा 18 प्रतिशत और फल उत्पादन मात्रा 13.3 प्रतिशत हो गए। सब्जी का निर्यात विश्व का 7 प्रतिशत रहा और फलों में सेब और नाशपाती का उत्पादन विश्व में सर्वाधिक और संतरे का उत्पादन ब्राजील व अमरीका के बाद तीसरे स्थान पर रहा । 2005 में चीन का सब्जी निर्यात 68 लाख टन था । चीन के फल सब्जी मुख्यतः जापान, दक्षिण कोरिया, रूस और दक्षिण पूर्व एशिया को निर्यात किए जाते हैं। निर्यात के लिए मुख्य सब्जी में लहसून , प्याज , हरी पत्ती वाला प्याज, मिर्च , आलू , मटल , दाल , कद्दु , जंगली साग सब्जी और कुकुमर्ता आदि है । चीन विश्व का मुख्य फल उत्पादन देश है ,लेकिन निर्यात मात्रा कम है , क्योंकि फल उत्पादन की तकनीक समुन्नत नहीं होने के कारण निर्यात बाधित हो गया । चीन मुख्यतः सेब , नाशपाती और संतरे का निर्यात करता है ।