आप की तरफ से श्रोता वाटिका एक नए अंदाज से मिला और माहाना चाइना टुडे भी मिला। मैं उम्मीद करता हूं कि आप मुझे आइंदा भी याद रखेंगे। मेरे खत को प्रोग्राम में जरूर जगह दीजिएगा।
अब सामने है बिलासपुर छत्तीसगढ के दरस राम श्रीवास का पत्र । श्री दरस राम श्रीवास ने अपने पत्र में कहा कि मैं आप हिन्दी सेवा के सभी कार्यक्रमों को नियमित रूप से सुन रहा हूं। आप के प्रसारण की गुणवत्ता इतना साफ एवं स्पष्ट है कि आप के कार्यक्रम रेडियो की सुई घुमाते हुए ही पकड़ जाता है। आप के कार्यक्रम भी रोचक, दिलचस्प तथा नई नई चीनी जानकारियों से भरपुर होते हैं। आप के द्वारा हिन्दी में जितना बढिया अपने सुमधुर कर्णप्रिय आवाजों में कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। आप के सक्रिय कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता चाओ ह्वा तथा शाओथांग की आवाज समाचार, रिपोर्ट, साप्ताहिक कार्यक्रम के दौरान कहीं पर भी मुझे पहचानने में आ जाती है। शाओथांग जी सी आर आई के नियमित सक्रिय कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता है, उन के द्वारा प्रस्तुत हर कार्यक्रम को बेहद ध्यान एवं लगन के साथ प्रतिदिन सुनता हूं। आप के द्वारा कार्यक्रम आप से मिले, आज का तिब्बत, सवाल जवाब, चीन भारत मैत्री पुल के निर्माता, सांस्कृतिक जीवन और अन्य कार्यक्रमों को बेहद ही शिक्षाप्रद तथा रोचक जानकारियों के साथ प्रस्तुत करते हैं तो कार्यक्रम सुनने में और अधिक आनंद मिलता है, साथ ही चीन के बारे में जिज्ञासाएं तथा शंकाएं है वह सब दूर होती जाती है। मैं शाओथांग जी के सी आरआई के इतना समर्पण भाव से जुड़ाव से काफी प्रभावित हूं। मैं भी आप के कार्यक्रम में एक श्रोता के रूप में अपना प्यार तथा सक्रियता का इजहार करना चाहता हूं। आप के कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहता हूं।
दरस राम श्रीवास जी का हम हार्दिक स्वागत करते हैं । आप ने तहेदिल से सी आर आई हिन्दी कार्यक्रमों और कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता का उच्च मूल्यांकन किया है, इस के लिए आप को बहुत बहुत धन्यावाद । हमें विश्वास है कि आप को हमारे हिन्दी कार्यक्रमों से जरूर अनेकों जानकारियां मिल सकती हैं और पसंद आती है। हमें उम्मीद है कि आप आगे भी इस प्रकार पत्र लिख कर सी आर आई हिन्दी कार्यक्रमों में भाग लेंगे और ज्ञान और लाभ प्राप्त मिलेगा। आप के नए पत्र की प्रतिक्षा में हैं।
यह बेरेली उत्तर प्रदेश के हैंड किशोर यानी निशांत कुमार कश्यप का पत्र । निशांत कुमार कश्यप ने अपने पत्र में कहा कि मुझे खुशी है कि आप ने मुझे एक बार फिर पाठ्य सामग्री भेजी और इस के लिए आप का धन्यावाद। उद्घोषिका रूपा दीदी को श्रोता वाटिका का संपादक बनने पर हार्दिक शुभकामनाएं । जिस प्रकार रूपा दीदी को म्युजिक सुनना एवं पुस्तक पढ़ने का शौक है, ठीक ठीक उसी प्रकार बचपन से मेरा शौक म्युजिक सुनना और किताबें पढना है। इस के साथ ही साथ रेडियो सुनना मेरा बचपन का शौक रहा है। जब मैं ने रेडियो की सुई घुमाते हुए अचानक सी आर आई को सुना , तो उस समय अनांउसर चंद्रिमा दीदी और भाई वेंकत थे. मुझे याद है कि दीदी चंद्रिमा को हिन्दी फिल्म राजा हिन्दुस्तानी का एक गाना बहुत पसंद है। चंद्रिमा दीदी एवं भाई वेंकत मेरा प्यार भरा नमस्कार । जब मेरे छोटे भाई राजेन्द्र सिंह ने मार्च 2008का श्रोता वाटिका का अंक पढ़ा, तो वह भी सब्जियों के डाक्टर श्री चांग येन श्यांग की तरह खुद को ढाल रहा है। अब वह सभी से गर्व से कहता है कि मैं हूं डाक्टर चांग येन श्यांग –सब्जियों का डाक्टर । उसे पहले ही बागवानी का शौक था , जब उस ने श्री चांग येन श्यांग के बारे में पढ़ा, तो उस ने वह बहुत प्रभावित हुआ। मेरा छोटा भाई अभी हाई स्कूल में पढ़ रहा है । मार्च के अंक के बाद जो अंक आया , वह एक नए रूप में था तथा सी आर आई की अपनी एक पहचान भी नयी थी। यह अंक पेइचिंग 2008 पर आधारित था । इस अंक से नई संपादक रूपा दीदी से परिचय हुआ। मेरी तरफ से रूपा दीदी को एक बार फिर हार्दिक शुभकामनाएं । इस अंक में आप ने अतूल्य भारत को जाने नामक लेख प्रकाशित किया , पढ़ कर बहुत अच्छा लगा। शायद ही कोई भारतीय डाक्टर कोटनिस के बारे में जानता हो, लेकिन आप ने हमें डाक्टर कोटनिस की पूरी जीवनी बता कर हमें एक नए परंतु अद्वितीय व्यक्तित्व से परिचय करवाया , इस के लिए आप का धन्यावाद।