2009-04-01 15:45:51

होली आई होली खेलो हमजोली

ललिताः यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को ललिता का प्यार भरा नमस्कार।

राकेशः राकेश का भी सभी श्रोताओं को प्यार भरा नमस्कार। तो श्रोताओ, हम एक बार फिर हाजिर हैं आप की पसंद के गीतों के साथ।

ललिताः श्रोताओ, पिछले कुछ दिनों आप ने ज़रूर खुशी के साथ होली का त्योहार मनाया होगा। रंगों से खूब खेला होगा, पेट भर कर मिठाई खाई होगी और मस्ती की होगी। होली के बाद ही सही, मेरी और राकेश जी की ओर से सभी श्रोताओं को होली की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और कार्यक्रम की शुरुआत में आप सब के लिए पेश है होली का यह गीत।

राकेशः इस गीत को सुनने की फरमाइश हमारे इन श्रोताओं ने की है कोआथ रोहतास बिहार के सुनील केशरी, डी. डी. साहिबा, संजय केशरी, बबिता केशरी और किशोर केशरी। इन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि आप भारत के परंपरागत त्योहारों पर विशेष कार्यक्रम पेश किया करें।

ललिताः सुनील केशरी जी और आप के सभी साथियों का इस सुझाव के लिए धन्यवाद। हम जरूर कोशिश करेंगे कि आप के लिए आप की पसंद के कार्यक्रम पेश करें।

राकेशः इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी हमारे इन श्रोताओं ने गोरखपुर यू. पी. से स्व. मीनू रेडियो श्रोता क्लब के बद्री प्रसाद वर्मा अनजान और ऊंची तकिया मुबारकपुर, आजमगढ़ के पैगाम रेडियो लिस्नर्स क्लब के दिलशाद हुसैन, बेकार हैदर, फातिमा सोगरा, सगीरुलहोदा और हसीना दिलशाद।

ललिताः होली मनाते हुए हम शीतकाल को नमस्कार कहकर वसंत का स्वागत कर रहे हैं। अब पेइचिंग में वसंतऋतु का मौसम आ गया है। तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। इधर-उधर रंग-बिरंगे फूल खिल उठे हैं और हरी-हरी पत्तियां व घास भी निकल आई है।

राकेशः आप ने बिल्कुल ठीक कहा। आजकल पेइचिंग बहुत सुन्दर है। साल के इस समय, सड़कों के किनारे, खास तौर पर पार्क में बहुत फूल खिलते हैं।

ललिताः तो वसंतऋतु के मौसम में हम अपने श्रोताओं को वसंत का यह गीत सुनाते हैं। यह गीत है फिल्म "राजकुमार" से और इसे गाया है लता ने।

गीत के बोलः

आ जा आई बहार, दिल है बेक़रार

ओ मेरे राजकुमार, तेरे बिन रहा न जाए

आ जा आई बहार, दिल है बेक़रार

ओ मेरे राजकुमार, तेरे बिन रहा न जाए

आ जा

जुल्फ़ों से जब भी, चले पुरवाई

तन मेरा टूटे

आयी अंगड़ाई

देखूँ बार बार, तेरा इन्तज़ार

ओ मेरे राजकुमार, तेरे बिन रहा न जाए

आ जा आई

मन मे सुनू मैं, तेरी मुरलिया

नाचूँ मैं छम-छम

बाजे पायलिया

दिल का तार-तार, तेरी करे पुकार

ओ मेरे राजकुमार, तेरे बिन रहा न जाए

आ जा आई

जल की मछरिया, जल मे है प्यासी

खुशियों के दिन हैं

फिर भी उदासी

लेकर मेरा प्यार, आ जा अब के बार

ओ मेरे राजकुमार, तेरे बिन रहा न जाए

आ जा आई

ललिताः इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी आप सब ने मुबारकपुर कटरा से आजमी रेडियो लिस्नर्स क्लब के शाहीद हसन आजमी, रजीउल हसन, जफरुल हसन, सईदुल हसन, बरकतुल्लाह अंसारी और फैजान अहमद।

राकेशः और दिल्ली से राधा रानी खंडेलवाल, मनीश खंडेलवाल, पप्पू, दिनेश और नरेश।

ललिताः राकेश जी क्या आप को मालूम है कि चीन में भी एक जगह पर होली से मिलता-जुलता त्योहार मनाया जाता है?

राकेशः हां शायद युन्नान में।

ललिताः हां, दक्षिण-पश्चिम चीन में युन्नान प्रांत में जहां चीन की अधिकांश अल्पसंख्यक जातियां रहती हैं, वहां चार अल्पसंख्यक जातियों में उन के नववर्ष पर एक त्योहार मनाया जाता है, जिसे "पानी का त्योहार" कहते हैं। उस दिन सब लोग एक दूसरे पर पानी फेंकते हैं और खूब मस्ती करते हैं।

राकेशः त्योहार होते ही मस्ती करने के लिए हैं। आए, श्रोताओं के लिए पेश है एक और गीत। यह गीत है फिल्म "चोर मचाये शोर" से है और इसे गाया है किशोर कुमार ने और इसे सुनने की फरमाइश की है हमारे इन श्रोताओं ने रतलाम म. प्र. से मालवा रेडियो श्रोता संघ के बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई, माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहूल, ज्योति और अतुलने।

गीत के बोलः

ले जाएंगे, ले जाएंगे, दिल-वाले दुल्हानिया ले जाएंगे

अरे, रह जाएंगे, रह जाएंगे, पैसे-वाले देखते रह जाएंगे

ले जाएंगे, ले जाएंगे

तुम हो कली तो गुलाब हम हैं

हो गुलाब हम हैं

होंठों से लगा लो तो शराब हम हैं

हो शराब हम हैं

कहते हैं लोग कि ख़राब हम हैं

तेरी हर बात का जवाब हम हैं

लाजवाब हम हैं

अपने दो हाथों से

कमाया हुआ खाने-वाले

हक़ न पराया कभी खाएंगे

ससुर-जी

ले जाएंगे

तेरी सों, मछरिया

ले जाएंगे

मैं भी तेरे साथ हूँ, दिल भी तेरे साथ

सजना दिल भी तेरे साथ

चाहे जब आजा चन्ना ले के बारात

छेती-छ्हेती आजा चन्ना ले के बारात

मेरे पास कोठी है न कार सजनी

कड़का है तेरा दिलदार सजनी

दिलदार सजनी

कोठी बँगला न मुझे कार चाहिए

दिल चाहिए दिलदार चाहिए

हाँ चल फिर छलिए सोणिए नी बलिए

दिल की ही दुनिया बसाएंगे

ले जाएंगे

तेरे बाग़ की बुलबुल

ले जाएंगे

ले जाएंगे ले जाएंगे