2009-03-23 09:54:00

हिन्दी कार्यक्रमों पर विभिन्न श्रोताओं की राय

नारनौल हरियाणा के उमेश कुमार ने हमें भेजे पत्र में कहा है कि कार्यक्रम चीन का भ्रमण में चाओ चो नगर के विषय में रोचक जानकारी प्राप्त की , इस के पुल के विषयमें जाना तथा इस पर लिखा गीत भी सुना , बहुत अच्छा लगा। इस के अतिरिक्त प्राचीन मठ पोलंग के बारे में भी संक्षेप में जाना। इस कार्यक्रम के द्वारा हम चीन के विभिन्न क्षेत्रों में भ्रमण करने का अवसर मिलता है ।

उमेश कुमार जी ने सही कहा कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम सी .आर .आई हिन्दा का एक लोकप्रिय कार्यक्रम सिद्ध हुआ है , इस कार्यक्रम की समीक्षा के लिए हमें बहुत से पत्र मिले हैं , श्रोता मित्र कहते हैं कि इस कार्यक्रम को सुनने से उन्हें लगता है कि मानो वे घर बैठे चीन देश के विभिन्न स्थानों का दौरा कर रहे हों । श्रोता मित्रों की इस पसंद को देख कर हमें भी बड़ी खुशी हुई है और हम अवश्य ही इस कार्यक्रम को और बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे ।

उमेश कुमार जी ने आगे लिखा है कि सांस्कृतिक जीवन में चीनी प्यानो का चमकता सितारा व्येन शाओ लिन का परिचय मिला , काम के प्रति उन की लगन से ही संगीत के क्षेत्र में उन्हें प्रतिष्ठित किया गया । चीनी अल्पसंख्यक जाति के कार्यक्रम में सिन्चांग का दौरा श्रृंखला में काश्गर शहर के विषय में जाना , यहां के पाकिस्तानी व्यापारियों के विचार भी सुने । कार्यक्रम बहुत पसंद आए।

अब खाम्माम आंध्र प्रदेश के एस . रवि कांट के पत्र से चुना अंश । श्री रवि कांठ ने अपने पत्र में कहा कि आप का सभी कार्यक्रम रोचक एवं ज्ञानवर्धक लगते हैं । आप का पत्र मिला , आप की पसंद , आज का तिब्बत , चीनी गीत संगीत ,चीन का भ्रमण , चीन में निर्माण और सुधार तथा चीनी बोलना सीखे आदि कार्यक्रम लाभकारी एवं शिक्षाप्रद है ।

हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में चीन से जो योगदान आप लोग कर रहे हैं , वह वास्तव में सराहनीय है । सी .आर .आई की हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों से भाषाई पत्रकारिता को एक ताकत मिलती है , जिस के परिणाम स्वरूप हिन्दी के अखबार क्रांतिकारी ढंग से अपने पाठकों में पैठ बना चुके हैं । एशिया के केन्द्र में रहते हुए इस क्षेत्र के बारे में पूरे हिन्दी जगत को निष्पक्ष व निरंतर सूचनाएं देने में सी .आर .आई आगे रहा है । मैं आप के कार्यक्रमों के इस तेवर के बने रहने की कामना करता हूं ।

सी .आर .आई भारत और चीन के ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान किया है । हाल के वर्षों में शांति . सहअस्तित्व , आतंकवाद विरोध तता आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरी समझ बढ़ी है

एक विशेष बात आप के हिन्दी प्रसारणों की यह भी रही है कि आप ने अच्छे हिन्दी के नमूने प्रस्तुत किये । भारत में सरकारी स्तर पर जिस हिन्दी का चलन है , वह आम लोगों की भाषा से अलग है । जबकि चीन से प्रसारित कार्यक्रमों की हिन्दी भारत के आम लोगों की भाषा शैली के समान है ।

मैं आशा करता हूं कि भविष्य में भी सी .आर .आई हिन्दी सेवा इसी तरह चीन और भारत के बीच एक सेतु का काम करता रहेगा ।

रवि कांठ भाई ने अपने पत्र में सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण का इस तरह उच्च मूल्यांकन किया है कि सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण ने न केवल हिन्दी पत्रकारिता के क्षेत्र में क्रांतिकारी ताकत लायी है , साथ ही हिन्दी भाषा के इस्तेमाल में आम लोगों की भाषा लेने का नमूना पेश किया है । श्री रवि कांट की यह समीक्षा हमारे लिए वाकई एक अतूल्य प्रोत्साहन और कीमती इनाम है । हम ने अपने हिन्दी प्रसारण में जिस शैली की भाषा का इस्तेमाल किया , वह यदि सच ही रवि कांठ के कहने की भांति हो , तो हम भी अपने को धन्य समझते हों , हमारे हिन्दी विभाग के सभी सदस्य चाइनीज हैं , दो एक भारतीय विशेषज्ञ हमारे काम में मदद देते हैं । हिन्दी भाषा पर अधिकार करने के लिए हमारे ढेर सारे प्रयास शेष है । हम जरूर और अच्छी तरह हिन्दी भाषा सीखते हुए हिन्दी भाषी श्रोताओं को और सुबौध बोली में रोचक व ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रसारित करेंगे और चीन व भारत की जनता के बीच परम्परागत दोस्ती को आगे बढ़ाने की कोशिश करते रहेंगे ,ताकि व्यापक हिन्दी श्रोताओं के समर्थन और विश्वास पर पानी नहीं फिरने दें । रवि कांठ भाई को हम कोटि कोटि धन्यावाद देते हैं ।