2009-02-04 16:20:33

मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे है

ललिताः यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को ललिता का प्यार भरा नमस्कार।

राकेशः राकेश का भी सभी श्रोताओं को प्यार भरा नमस्कार।

ललिताः प्रिय श्रोताओ, इस साल चीन का सब से बड़ा और सब से महत्वपूर्ण त्योहार बसंत त्योहार इस माह की 26 तारीख को आ रहा है, यानिकि 26 जनवरी को चीन का बसंत त्योहार है और इसी दिन भारत का गणतंत्र दिवस भी है। हालांकि मैं भारत में नहीं हूं, पर मैं कल्पना कर सकती हूं कि इस दिन भारतीय लोग ज़रूर बहुत खुशी के साथ गणतंत्र दिवस मना रहे होंगे। और यहां चीन में हम लोग बसंत त्योहार मना रहे होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत आएं हम इस एक ऐसे गीत से करें, जिस में बसंत त्योहार के साथ-साथ भारत की आज़ादी के संघर्ष की गूंज भी है।

गीत के बोलः

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे है

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला ओय रंग बेसमान है

बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला

मेर रंग दे बसंती चोला

दम निकले इस देश की खातिर बस इतन अर्मान है

एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है

देख के वीरों की क़ुरबानी अपन दिल भी बोला

मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंति चोला मेरा रंग दे

ओ मेरा रंग दे बसंति चोला ओय रंग दे बसंती चोला

माई रंग दे बसंती चोला

जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे

जिसे पहन झांसी की रानी मिट गई अपनी आन पे

आज उसी को पहन के निकला पहन के निकला

आज उसी को पहन के निकला हम मस्तों का टोला

मेरा रंग दे बसंती चोला

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे

ओ मेरा रंग दे बसंती चोला ओय रंग दे

बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला

राकेशः यह गीत था फिल्म "शहीद" से और इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी हमारे इन श्रोताओं ने पैग़ानगरी मीरगंज बरेली के आबिद अली देशप्रेमी, मुबारक अली पेन्टर, नूर हसन मंसूरी, कमाल हसन मंसूरी, मुराद हुसैन मंसूरी व अबजाल हुसैन मंसूरी। बंगला घाट बक्सर, बिहार के ललन प्रसाद, श्रीमती चन्दा देवी, बिनोद कुमार, नेहा कुमारी और नवीन पाण्डेय। और चौसा गोला बनारपुर के सभापति चौधरी, गीता देवी, चन्दन कुमार और पूजा कुमारी।

ललिताः इस साल 26 जनवरी को चीनी लोगों का जो सब से बड़ा त्योहार है, उसे हर साल की तरह इस बार भी देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है। वसंत त्योहार के अवसर पर सभी चीनी लोग अपने अपने घर लौटकर एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। त्योहार के दौरान, वे सज-धजकर मेलों में जाते हैं।

राकेशः जी हां। वसंतोत्सव चीन का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस दिन सभी लोग घर पर इक्कठे होते हैं, एक साथ खाना खाते हैं, मेले में जाते हैं, छोटे बच्चों को बुजुर्गों से पैसों "वाला लाल" लिफाफा मिलता है। मैंने पढ़ा है कि बसंत त्योहार के दौरान ये पांच अनुष्ठान करने ज़रूरी होते हैं। ललिता जी, मैं इन्हें चीनी में बोलता हूं, आप इन्हें हिंदी में बताने की कोशिश कीजिए। पहला अनुष्ठान है नियन-ये-फान, दूसरा चाओत्ज़, तीसरा यासुएछियन, चौठा क्वातंगलोंग और पाओचू।

ललिताः नियन-ये-फान अर्थात नए वर्ष की पूर्वसंध्या पर रात्रिभोज। घर के सभी लोग एक साथ मिलबैठ कर खाना खाते हैं। चाओत्ज़ का अर्थ है एक विशेष चीनी खाना। यह भारतीय समोसे की तरह ही बनाया जाता है, लेकिन इसे हम पानी में उबालते हैं तेल में नहीं। यासुएछियन का मतलब है बड़े बूढ़े छोटे बच्चों को लाल लिफाफे में पैसे देते हैं। क्वातंगलोंग यानिकि घर के बाहर जलती हुई लालटेन लटकाना और पाओचू का मतलब है पटाखे छोड़ना। सभी लोग पटाखे छोड़ते हैं। यह माना जाता है कि पटाखों की आवाज़ से पुराने साल की सभी बुराईयां भाग जाती हैं और नया साल खुशियां और सौभाग्य ले कर आता है। आएं बसंत का एक और गीत सुनें।

राकेशः इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी आप सब ने महेन्द्रनगर, सुनसरी, नेपाल के तुलसी प्रसाद रौनियार, शरफुद्दिन अंसारी, शंभु गुप्ता, प्रदीप रौनियार, मनोज शाह और तुलसा बंजारा। आबगीला गया के बाबू रेडियो लिस्नर्स क्लब के मो. जावेद खान, मो. जमील खान, मो. आसीफ़ खान, मो. आरीफ खान और जूलेखा खातून। जगदीशपूर गया के कहकशां मंजिल, बूनियादगंज के जरीना खातून, शाहीना प्रवीन, कहकशां जबी, एस. पी. तूफानी, रूही ताज और जे. के. खान। और कैलवारा खुर्द के रघुनाथ प्रसाद दुबे, रेवती बाई, पवन कुमार दुबे, दिलीप दुबे, रंजीता एवं दीपमाला।