2009-02-03 15:30:22

चीन का राजनय उसूल

सीतामढ़ी बिहार के मोहम्मद जहांगीर पूछते हैं कि चीन का राजनीतिक संबंध कितने देशों से अच्छा है और कितने से अच्छा नहीं है?

आज की दुनिया में यह कहना प्रचलित है कि राजनीतिक क्षेत्र में हमेशा का मित्र नहीं है और न ही हमेशा का दुश्मन. चीन सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है.जो मित्र-देश हैं,वह उन के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने का प्रयास कर रहा है और जिस के साथ संबंधों में कुछ समस्याएं हों, उन के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहा है.

चीन शांति,विकास और सहयोग के सिद्धांत पर स्वतंत्र व शांतिपूर्ण विदेश नीति अपनाता है और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के पांच सिद्धांतों के आधार पर विश्व के सभी देशों के साथ दोस्ताना आदान-प्रदान पर डटा रहा है.शांतिपूर्ण व स्थिर अंतर्राष्ट्रीय वातावरण,अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण परिवेश और समानता व आपसी लाभ पर आधारित सहयोग का माहौल प्राप्त करना तथा समृद्धिशाली समाज के निर्माण की सेवा करना इस समय एवं आने वाले लम्बे अरसे का चीन के राजनयिक कार्य का केंद्र और लक्ष्य है.

चीन वैश्विक बहुध्रुवीकरण,अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लोकतांत्रिकीकरण व विकास-फार्मुलों के विविधता का समर्थन जारी रखेगा और आर्थिक भूमंडलीकरण को विभिन्न देशों की समान खुशहाली की दिशा में बढाने का प्रयास करेगा तथा बहुपक्षवाद एवं सुरक्षा की नयी धारणा के विकास में सक्रिय रहेगा. चीन प्रभुत्ववाद,बल-राजनीति और किसी भी रूप के आतंकवाद का विरोध करता रहेगा तथा नयी न्यायोजित व युक्तिसंगत अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की स्थापना की पूरी कोशिश करता रहेगा. चीन विकासशील देशों के साथ आपसी लाभ वाले सहयोग को गहराई में चलाएगा और विकासशील देशों के साझा हितों की रक्षा करेगा तथा पड़ोसियों से मैत्री करने एवं पड़ोसियों को साथी मानने वाले उसूल पर आसपास के सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध व सहयोग मजबूत करते हुए क्षेत्रीय सहयोग को नया आयाम देगा । साथ ही चीन विकसित देशों के साथ अपने संबंधों का नया विकास करेगा, परस्पर हितों में अधिक समानता खोजने तथा मौजूद मतभेदों को समुचित रूप से दूर करने की कोशिश करेगा। चीन अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय राजनयिक गतिविधियों में सक्रिय रहेगा, संयुक्त राष्ट्र व इस की सुरक्षा परिषद की अधिकारिकता एवं मार्गदर्शन की भूमिका की रक्षा करेगा तथा अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय संगठनों में अपना रचनात्मक योगदान करेगा । चीन आर्थिक व सांस्कृतिक क्षेत्रों में विदेशों के साथ पूर्ण आदान-प्रदान करेगा.

चीन सरकार और चीनी जनता विश्व के सभी देशों की जनता के साथ मानवजाति की शांति, विकास व प्रगति को आगे ले जाने के लिए समान प्रयत्न करेगा ।

कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, बविता केशरी, खुशबू केशरी, प्रियंका केशरी पूछते हैं कि क्या चीन में रंगीन कपास की खेती होती है और रंगीन कपास से बनी वस्तुओं की किस्में कितनी हैं?

चीन में रंगीन कपास की खेती होती है। पर्यावरण संरक्षण की प्रक्रिया में हरित वस्तुओं के उपभोग की इधर एक नई शैली बनी है । इस के प्रभाव में आ कर रंगीन कपास की खेती और टेक्सटाइल का एक नया व्यवसाय शुरू हुआ है।

चीनी टेक्सटाइल उद्योग महासंघ के निदेशक के अनुसार चीन विश्व में रंगीन कपास का सबसे बड़ा उत्पादक बन चुका है। यहां रंगीन कपास का उत्पादन विश्व में रंगीन कपास के सकल उत्पादन का एक तिहाई है। चीन में उत्पादित रंगीन कपास की गुणवत्ता विश्व के उच्चतम स्तर पर जा पहुंची है।

चीनी रंगीन कपास समूह को लीजिए, यह चीन का सब से बड़ा रंगीन कपास उत्पादक है। 2 साल पहले इसका रंगीन कपास का उत्पादन 14 हजार टन रहा, जो चीन में उत्पादित रंगीन कपास का 95 प्रतिशत था। रंगीन कपास से बनी वस्तुओं की किस्में भी 400 से अधिक रही।

चीन में रंगीन कपास की खेती 1997में शुरू हुई। वर्तमान में सिनच्यांग वेवुर स्वायत्त प्रदेश,हुपेई और शानतुंग जैसे प्रांतों में किसान रंगीन कपास की खेतीबारी करते हैं। दुनिया में रंगीन कपास का उत्पादन उतना ज्यादा नहीं है,जितना लोगों की मांग पूरी कर सकता है। इसलिए रंगीन कपास वाली वस्तुओं की कीमत बहुत महंगी है।