2009-01-19 15:10:34

हिन्दी कार्यक्रम पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं

आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद शाहिद आजमी ने हमें लिख कर कहा कि सी .आर .आई की हिन्दी सेवा केवल एक रेडियो प्रसारण नहीं है , बल्कि भारत चीन में दोस्ती की पहचान और सैतु भी है । मैं ने चीन के बारे में जो कुछ भी जाना है , वह केवल सी .आर .आई के माध्यम से ही जाना । चीनी लोग भारत के बारे में क्या सोच रहे हैं , चीनी हम भारतियों से कितना प्यार करते हैं , सब कुछ सी .आर.आई हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों से जानने को मिला है । हम चीन को अपना सब से निकटतम दोस्त और भाई समझते हैं । मैं ने चीन का भ्रमण कर बहुत कुछ अनुभव किया , मेरे चीन भ्रमण ने चीन के प्रति मेरी सकारात्मक सोच समझ पर सच्चाई की मोहर लगा दी है ।

वर्ष 2006 भारत चीन मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है , हम ने भी दो बड़े भारत चीन मैत्री के कार्यक्रमों की योजना बनायी है । आयोजन के माध्यम से चीन के बारे में अधि से अधिक लोगों को अवगत कराया जाएगा , भारत चीन मैत्री की बातें बतायी जाएंगी । आप के सी .आर .आई हिन्दी सेवा द्वारा आयोजित भारत चीन मैत्री प्रतियोगिता का हम सहर्ष स्वागत करते हैं और इस से संबंधित लेख जानकारी से पूर्ण है , जो प्रतियोगिता को सफल बनाने में कामयाब होगी। मुझे पक्का विश्वास है कि इस प्रतियोगिता में श्रोता मित्र बढ़ चढ़ कर भाल लेकर सफल बनाएंगे ।

आडमगढ़ उत्तर प्रदेश के फतेमा सोगरा का पत्र , उन्हों ने कहा कि आप के समाचार अच्छे और नए होते हैं । आज मैं आप के कार्यक्रम आप से मिले पर कुछ कहना चाहती हूं , कार्यक्रम आप से मिले ऐसा कार्यक्रम सिद्ध हो रहा है , जिस के माध्यम से भारत चीन के ऐतिहासिक संबंधों के बारे में अनजान बातें जानने को मिल रही है , कल ही इस कार्यक्रम में मधु सुभन जी से चाओ हवा दीदी की बातचीत सुनी । भारत चीन संबंध सदियों पुराने हैं , ह्नेनसांग ने पैदल भारत की यात्रा कर जो दोस्ती की नींव डाली थी , उसे ही हमें आगे बढाना है , अतीत में जो हिन्दी चीनी भाई भाई का नारा दिया गया है , उस को संपूर्ण रूप से साकार करना चाहिए । आइए , हम भी वचन दें कि भारत चीन संबंधों में कोई कटुता नहीं आने देंगे और भारत चीन दोस्ती को हिमालय की बुलंदियों पर ले जाएंगे । ये सब विचार मेरे मन में चाइना रेडियो इंटरनेशनल के प्रसारण से दिया गया है ।

फतेमा सोगरा जी ने ठीक कहा है कि चीन और भारत के बीच दोस्ती सदियों से लम्बी पुरानी है और जो इस की नींव चीनी बौद्ध भिक्षु ह्वेनसांग ने डाली थी , उसे आगे बढ़ाने के लिए हमें समान रूप से कोशिश करना चाहिए , ताकि यह दोस्ती चिरस्थाई रूप से आगे विकसित हो जाए ।