अब कोआथ बिहार के मोहम्मद आसिम व मोहम्मद कासिम एवं सैयद अली सईद के सवाल का जवाब देंगे । उन्हों ने पूछा है कि चीन में लम्बी दीवार का निर्माण कब हुआ , उसे बनाने का कारण क्या था और इस के निर्माण में कितने साल लगे थे और वह चीन के किस किस प्रांत में स्थित है.
लम्बी दीवार प्राचीन चीनी श्रमिकों की मेहनत और बुद्धिमत्ता का परिचायक है और विश्व के सात प्राचीन आश्चर्यों में से एक मानी जाती है । लम्बी दीवार का निर्माण आज से दो हजार पांच छै सौ साल पहले शुरू हुआ था । उस काल में चीन की भूमि पर विभिन्न राज्यों का शासन था और वे आपस में युद्ध किया करते थे । एक दूसरे से अपनी रक्षा करने तथा उत्तरी चीन में घूमंतू जातियों के आक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों ने अपनी अपनी सीमा पर लम्बी दीवार बनायी। ईसा पूर्व 221 में छिन राज्य ने अन्य सभी राज्यों का नाश कर चीन का एकीकरण किया । एकीकृत छिन राजवंश ने उत्तरी भाग में हूण जाति के हमले की रोकथाम के लिए पहले की दीवारों को जोड़ कर और लम्बी बनायी । छिन राजवंश के काल में निर्मित लम्बी दीवार उत्तर पूर्व चीन से शुरू हो कर पश्चिम में लिनथाओ तक फैली थी , जो छै हजार किलोमीटर से अधिक लम्बी थी ,इस काम में बीस साल से कम समय लगा था । छिन राजवंश की लम्बी दीवार अधिकांश जगहों पर मिट्टी से बनायी गयी थी , इसलिए वर्तमान में उस के सिर्फ चंद कुछ खंडहर रह गए । छिन के बाद चीन के विभिन्न कालों के राजवंशों ने लम्बी दीवार का पुनर्निर्माण किया या उसे मजबूत बनाया । इस में हान राजवंश और मिंग राजवंश ने बड़े पैमाने पर लम्बी दिवार का पुनर्निर्माण किया । आज से सात सौ साल पहले मिंग राजवंश ने उत्तरी भाग में मंगोल जाति के हमले को रोकने के लिए सब से बड़े पैमाने पर लम्बी दिवार का पुनर्निर्माण किया और मिट्टी की जगह पत्थर से मजबूत भित्ति बनायी । मिंग राजवंश की लम्बी दिवार पूर्व में उत्तर पूर्व चीन की या ल्यु चांग नदी से ले कर पश्चिम चीन के कांसू प्रांत के च्या यु दर्रे तक फैली थी ।
आज जो लम्बी दीवार बच कर सुरक्षित रही है , वह मिंग राजवंश के काल यानी 13 व 14 वीं शताब्दी में निर्मित थी, जो पूर्व में शानहाई दर्रे से पश्चिम में च्या यु दर्रे तक फैली है , कुल लम्बाई 6300 किलोमीटर है । मिंग राजवंश की पूरी दीवार ल्याओनिन , हपेई , थ्येनचिन , पेइचिंग , भीतरी मंगोलिया , शानसी , श्येनसी , निनशा ,कांसू आदि नौ प्रांतों , स्वायत्त प्रदेशों व केन्द्र शासित शहरों से गुजरती थी । जो 7000 किलोमीटर से ज्यादा लम्बी थी और औसत ऊंचाई 7.8 मीटर थी ।
चीन की लम्बी दिवार 1987 में विश्व ऐतिहासिक विरासत सूची में शामिल की गयी है, जो एक विश्वविख्यात पर्यटन स्थल है , जिस पर चढ़ने के लिए हर साल लाखों करोड़ों लोग आते हैं ।
चीन में यह कहावत प्रचलित है कि जो लोग लम्बी दिवार पर नहीं चढ़ा, वह सच्चा वीर नहीं होता है ।
खटियार रोड़ उड़ीसा के हेमसागर नाएक ने पूछा है कि चीन में कितने पुल हैं और सब से लम्बा पुल कौन सा है. चीन के पुल के बारे में औरेया उत्तर प्रदेश के देशपाल सिंह सेंगर ने यह सवाल पूछा है कि उन्हों ने भारतीय समाचार पत्र में पढ़ा कि चीन ने बांस का पुल बनाया है , जिस पर कई टनों का ट्रक भी गुजर चुका है , कृपया विस्तार से बताया ।
हेमसागर नाएक और देशपाल सिंह सेंगर जी, वर्तमान में चीन विश्व का सब से बड़ा पुल वाला देश माना जाता है । अपूर्ण आंकड़ों के अनुसार पिछले साल तक चीन में निर्मित हो चुके विभिन्न किस्मों के पुलों की संख्या पांच लाख है और हर साल दस हजार की संख्या में नए नए पुलों का निर्माण शुरू भी होता है। चीन प्राचीन काल में ही पुल निर्माण के लिए मशहूर था , अब तक विश्व में सुरक्षित सब से प्राचीन प्रस्तर मेहराबदार पुल चीन में है , जिस का नाम चोच्वो पुल है और जो देखने में बहुत सुन्दर होता है ।
चीन में वर्तमान में सब से लम्बा पुल पूर्व चीन के चेच्यांग प्रांत में स्थित हांगचाओ खाड़ी पर निर्मित समुद्र पार पुल है , जिस का नाम हांगचाओ खाड़ी समुद्र पार पुल है और उत्तर में चाशिंग शहर से दक्षिण में निनबो शहर तक फैला है और कुल लम्बाई 36 किलोमीटर है , वह अब तक विश्व में सब से लम्बा समुद्र पार पुल भी है । हांगचाओ खाड़ी पुल पर दोनों तरफ छै लैन होते हैं । गाड़ी इस पुल पर प्रति घंटा 100 किलोमीटर की गति से दौड़ सकती है । डिजाइन के अनुसार इस पुल की आयु सौ साल की होगी और इस के निर्माण में 11 अरब 80 करोड़ य्वान की धन राशि लगी है । इस महान पुल का निर्माण 2008 के शुरू में पूरा हुआ और पहली मई 2008 को उस पर यातायात आरंभ हो गया है ।
चीन में सब से लम्बी नदी यांगत्सी नदी है , जिस की लम्बाई 6380 किलोमीटर है , इस महा नदी पर अब एक सौ से ज्यादा पुल खड़े किए गए हैं । ऐतिहासिक ग्रंथ के अनुसार यांगत्सी नदी पर सब से प्राचीन पुल ईस्वी 35 में निर्मित हुआ था , लेकिन अब यह पुल नष्ट हो गया , अब तक सुरक्षित प्राचीन पुल नदी के ऊपरी भाग में स्थित है , जो सन् 1880 में निर्मित किया गया था । 1957 में यांगत्सी नदी पर ऊहान शहर के पास प्रथम आधुनिक पुल खड़ा किया गया , जो ऊहान यांगत्सी नदी के नाम से बहुत मशहूर है । 20 वीं शताब्दी के 70 वाले दशक में यांगत्सी नदी पर नानचिंग शहर के पास एक दूसरा आधुनिक पुल निर्मित हुआ और अस्सी एवं नब्बे वाले दशकों में इस महा नदी के विभिन्न स्थानों में दर्जनों बड़े बड़े आधुनिक पुल बनाये गए और 21 वीं शताब्दी में अब तक फिर 32 आधुनिकतम पुल निर्मित किए गए और योजना में 10 पुल बनाये जाने वाले है । इस तरह विश्व की तीसरी लम्बी यांगत्सी नदी पर सौ से ज्यादा पुल खड़े किए जा चुके हैं ।
2007 के दिसम्बर में दक्षिण चीन के हुनान प्रांत के ल्ये यांग शहर में एक बांस का पुल निर्मित किया गया और उस पर एक 8.6 टन वाला ट्रक सुभीता से गुजरा । यह पुल आधुनिक विज्ञान तकनीक का फल है , जिस का ढांचा आम इस्पाती कंकरीट वाले पुल से कम मजबूत नहीं है । यह वर्तमान में विश्व का प्रथम बांस से बनाया गया आधुनिक पुल है ।
इस बांस का पुल दस मीटर लम्बा और उस पर मार्ग 3.4 मीटर चौड़ा है । पुल पर आठ टन वाला ट्रक गुजर सकता है , लेकिन उस की वास्तविक वाहन शक्ति 90 टन तक पहुंची है । डिजाइन के अनुसार इस पुल की आयु 20 साल लम्बी होगी । यह आधुनिक बांस पुल हुनान विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग कालेज द्वारा अनुसंधान कर बनाया गया है।