2009-01-06 11:46:11

चीन का रेशम नगर

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त , बंधनसिंह भानू और राहुल कुमार कैवर्त ने पूछा है कि सूचओ शहर को रेशम का घर क्यों कहा जाता है .

रेशम का उद्गम देश होने के कारण चीन में रेशम वस्त्र उद्योग अत्यधिक विकसित है । सदियों साल के विकास के चलते अब तक चीन में विभिन्न स्थानों में अपनी विशेषता वाले रेशम वस्त्र उद्योग संपन्न हुए। कालांतर में चीन में चार शैली के रेशमी वस्त्र उद्योग जो संपन्न हुए है , वे देश भर में मशहूर है , चार शैली के रेशमी वस्त्र उद्योग के नाम सूचओ रेशम , हुनान रेशम , क्वांगचो रेशम औ सछ्वान रेशम है । जिन में सूचो रेशम उद्योग और ज्यादा प्रसिद्ध है ।

सूचो शहर पूर्व चीन के च्यांगसू प्रांत में स्थित है । वह एक प्राचीन सांस्कृतिक शहर है । चीन में जो कहावत प्रचलित है कि यदि धरती पर स्वर्ग हो , तो वह सूचो और हांगचो ही है । इस से जाहिर है कि सूचो चीनियों की नजर में कितना सुन्दर है । सूचो शहर नगरी सौंदर्य के साथ साथ रेशम उद्योग के लिए भी देश भर में नामी है । प्राचीन काल में यानी आज से 1300 साल पहले थांग राजवंश और इस के बाद सोंग राजवंश के काल में सूचो देश का रेशम उद्योग केन्द्र बन गया । मिंग और छिंग राजवंश के कालों में शाही खानदान में प्रयुक्त रेशमी वस्त्र अधिकांश सूचो रेशमी वस्त्र शिल्पियों के हाथों बनाये गए थे । सूचो में रेशमी वस्त्र उद्योग दरअसल आज से लगभत तीन हजार साल पहले ही शुरू हुआ था , वहां के रेशमी वस्त्र हमेशा शाही परिवार को कर के रूप में भेंट किए जाते थे । आधुनिक युग में सूचो के रेशमी वस्त्र दुनिया के विभिन्न स्थानों में खूब लोकप्रिय है और सूचो भी चीन के मुख्य रेशमी वस्त्र उद्योगों में से एक बना रहा । आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में सूचो शहर में दो हफ्ते में उत्पादित रेशमी कपड़ों की कुल लम्बाई प्राचीन रेशम मार्ग के आरंभ स्थल चीन के छांगआन शहर से तुर्की की राजधानी इस्तंबुल तक पहुंच सकती है । इधर के दस सालों में जो रेशमी कपड़े बनाये गए है , उन की कुल लम्बाई पृथ्वी का 45 चक्कर काटने के लिए पर्याप्त है । यही कारण है कि सूचो शहर हमेशा रेशम का घर कहा जाता है ।

पुरातत्व खुदाई से पता चला है कि सूचो में रेशम का इतिहास छै हजार साल ज्यादा पुराना है । आज से 4700 साल पहले सूचो के पास खुदाई में प्राप्त रेशमी वस्त्र उच्च स्तर के साबित हुए है । आज से करीब तीन हजार साल पहले , चीन के वसंत शरद काल में सूचो रेशम देश भर में नामी हो गया । आज से 1700 साल पहले , त्रिराज्य काल में सूचो का रेशम देश का अहम उद्योग बन गया । आज से 1300 साल के बाद थांग और सोंग राजवंश के समय सूचो रेशमी वस्त्र देश में सब से अधिक मात्रा में शाही परिवार को भेंट किए जाते थे । आज से 700 व 800 साल पहले मिंग राजवंश में सूचो में शाही खानदान के लिए विशेष रेशम निर्माण विभाग खोला गया और इस के बाद छिंग राजवंश में भी शाही रेशम निर्माण ब्यूरो स्थापित हुआ । और मिंग छिंग राजवंशों में रेशमी वस्त्र कोरिया , वियतनाम , बर्मा और भारत आदि देशों को बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते थे । आधुनिक चीन में सूचो का रेशमी वस्त्र उद्योग और अधिक विकसित हुआ । रेशम उद्योग की तकनीकें तेजी से विकसित हुईं और स्वचलन तथा इलेक्ट्रोनिक नियंत्रण से रेशमी कपड़ों का उत्पादन किया जाता है, कपड़ों की किस्में 160 से ज्यादा और रंग और शैली के 2000 से ज्यादा हो गए और उत्पाद विश्व के एक सौ से अधिक देशों व क्षेत्रों को निर्यात किए जाते हैं ।