जगतसिंहपुर उड़ीसा के सुब्रत कुमार पति का पत्र । श्री सुब्रत कुमार पति ने अपने पत्र में लिखा है कि मैं आप के कार्यक्रम का एक पुराना श्रोता हूं । आप को पिछले कुछ सालों में आप को पत्र भेज रहा हूं । कुछ पत्रों को आप ने कार्यक्रम में शामिल किया है और कुछ पत्र दिल्ली से मुझे वापस भेज दिया गया । लेकिन अब तक आप ने मुझे कोई सामग्री नहीं भेजी है । आज यह पत्र आप को एक श्रोता मित्र से प्राप्त हुआ जवाबी लिफाफे से भेज रहा हूं । उस श्रोता मित्र का आभारी हूं कि उन्हों ने मुझे यह लिफाफा प्रदान किया और आप से यह आशा रखता हूं कि आप मुझे तुरंत ही जवाबी लिफाफा और श्रोता वाटिका भेज देंगे ।
आप का मैं आभारी हूं कि आप इतने अच्छे अच्छे कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं । आप का हर कार्यक्रम मुझे पलंद है । आप के चीन का भ्रमण , आज का तिब्बत , आप का पत्र मिला और चीनी गीत संगीत कार्यक्रम मुझे बड़ा पसंद है ।
सुब्रत कुमार पति भाई जी , आप का पत्र मिल कर हमें बड़ी खुशी हुई है । आप को सी .आर ,आई के हिन्दी कार्यक्रम पसंद आये हैं और अपने पत्रों को कार्यक्रम में शामिल किये जाने की तीव्र अपेक्षा है , जान कर हमें प्रेरणा मिली । आप का पत्र कार्यक्रम में शामिल करने तथा आप को श्रोता वाटिका व जवाबी लिफाफा भेजने पर आप को जरूर संतोष हुआ होगा । हमें उम्मीद है कि आप का अलगा पत्र हमारी जवाबी लिफाफे से मिलेगा और साथ ही हम आप के उस श्रेता मित्र के आभारी हैं कि उस ने आप को लिफाफा प्रदान किया । आप के नए पत्र के इंतजार में हैं।
यह धनबाद बिहार की नीलम कुमारी का पत्र , उन्हों ने लिखा है कि मैं सी .आर .आई का हिन्दी प्रसारण गत एक साल से बराबर सुनती आ रही हूं । इस क्षेत्र में आप का हिन्दी प्रसारण साफ सुनाई दे रहा है । मैं आप को पहली बार पत्र लिख रही हूं । और आशा करती हूम कि आप हमारे पत्र का उत्तर देकर हमें उत्साहित करेंगे , ताकि मैं आगे भविष्य में भी आप को बराबर पत्र लिखती रहूं।
कार्यक्रम आप का मित्र मिला , सवाल जवाब ,सामायिक रिपोर्ट ,चीनी बोलना सीखे आदि बहुत अच्छे लगते हैं । मुझे सी .आर .आई का लिफाफा अनिल लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष श्री अनिल कुनार जी से प्राप्त हुआ .उसी लिफाफा में आप को पत्र भेज रही हूं ।कृपया करके आप लोग हमें भी कुछ लिफाफा ,कार्यक्रम सूची और श्रोता वाटिका आदि भेजने का प्रयास करेंगे ।
हम नीलम कुमारी बहन जी का हार्दिक स्वागत करते हैं कि आप पिछले एक साल से सी .आर.आई के हमारे हिन्दी कार्यक्रम सुनती आयी है और पसंद भी हुए हैं । हम ने आप को अपना नियमित श्रोता के रूप में माना है और लिफाफा व श्रोता वाटिका आदि भेजे हैं , आशा है कि आप समय समय पर हिन्दी कार्यक्रमों पर अपनी राय लिख कर भेजेंगी।
बांदा उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार सोनी ने इस बार एक कविता और दो हंसगुल्लों के साथ यह पत्र भेजा है , जिस में उन्हों ने कहा कि उन्हें चीन सचित्र पसंद है और उस के सभी अंक मिलना चाहते हैं ।
संतोष कुमार सोनी जी , हम बहुत पहले ही रेडियो पर साफ साफ बता चुका था कि चीन सचित्र पत्रिका चीनी विदेशी भाषा प्रकाशन गृह से निकलती थी और कुछ साल पहले ही उस ने इस पत्रिका का प्रकाशन बन्द कर दिया था । इसलिए हम श्रोताओं को वह पत्रिका नहीं भेज सकते , आशा है कि आप समझते हैं ।
आप ने जो कविता भेजी है , वह आप के अनुरोध पर मैं यहां पढ़ कर अन्य श्रोताओं को सुनाऊंगी , उम्मीद है कि उन्हें भी पसंद आएगी । कविता का नाम है टायर का शायरः
मैं बस और ट्रक का शायर हूं
बस और ट्रक मेरी कहानी है ।
बस और ट्रक मेरी हस्ती है ,
बस और ट्रक मेरी जवानी है ।
मुझ से पहले कितने टायर ,
आये और आकर चले गए ।
कुछ पंचर हो कर रह गये,
कुछ सटका खाकर चले गए।
वो भी इस ट्रक का हिस्सा थे ,
मैं भी इस ट्रक का हिस्सा हूं ।
कल इस से जुदा हो जाऊंगा ,
बस चंद दिनों का किस्सा हूं ।