राकेशः जो भी गीत आप सुनना चाहते हैं या अपने दोस्त या किसी प्रिय को हमारे माध्यम से कोई संदेश देना चाहते हैं तो भी हमें जरूर पत्र लिखें। आप की पसंद कार्यक्रम में हम जरूर आप की इच्छा पूरी करने की कोशिश करेंगे। यदि आप पहली बार यह कार्यक्रम सुन रहे हों, तो हमारा पता नोट करे लें। ललिता, अब श्रोताओं को आप हमारा पता बताएं, ताकि उन्हें हमें पत्र भेजने में आसानी हो।
ललिताः प्रिय श्रोताओं, नोट कीजिए, हमारा पता हैः पी. ओ. बॉक्स न. 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040।
राकेशः आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं। पहला पता हैः हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057। और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021।
ललिताः यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतज़ार रहेगा।
राकेशः प्रिय श्रोताओ, आप हमें पत्र लिखते हैं। पत्रों को देख कर हमें बहुत खुशी होती है और हम उन्हें अपने कार्यक्रम में शामिल करने की भी बहुत कोशिश करते हैं। फिर भी हमारे बहुत से श्रोताओं को यह शिकायत रहती है कि हम उन के पत्रों को अपने कार्यक्रम में शामिल नहीं करते हैं।
ललिताः जी हां, क्योंकि पत्रों को पहुंचने में कुछ समय लग जाता है और फिर इतने ढ़ेर सारे पत्रों में से कौन सा पत्र पहले पढ़ें यह समस्या बनी रहती है।
राकेशः इसलिए जैसाकि हम ने आप से पिछले कार्यक्रम में भी निवेदन किया था कि यदि आप इंटरनेट से हमें पत्र भेज सकें, तो बिना हिचक भेजें। हम आप के पत्रों को तुरंत कार्यक्रम में शामिल करेंगे।
ललिताः लेकिन यदि आप के पास हाल फिलहाल यह सुविधा न हो, तो चिंता करने की ज़रूरत नहीं। आप अपने पत्र जैसे भेजते हैं वैसे ही भेजें। लेकिन लिफाफे पर "आप की पसंद" लिखना न भूलें।
राकेशः लीजिए सुनिए कार्यक्रम का अगला गीत। यह गीत है फिल्म "ज्वेल थीफ" से और इसे सुनने की फरमाइश की है आप सब ने बेमेतरा, नया पारा, उड़ीसा से ईश्वरी प्रसाद साहू, श्रीमती भावना साहू, निलेश कुमार साहू, कुमारी श्रद्धा साहू और गौरव निधि साहू।
गीत के बोलः
ये दिल, ना होता बेचारा
कदम, न होते आवारा
जो खूबसूरत कोई अपना हमसफ़र होता
ओ ओ ओ ये दिल, न होता बेचारा
अरे सुना, जब से ज़माने हैं बहार के
हम भी, आये हैं राही बनके प्यार के
कोई न कोई तो बुलायेगा
पड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल, न होता बेचारा
अरे माना, उसको नहीं मैं पहचानता
बंदा, उसका पता भी नहीं जानता आ आ
मिलना लिखा है तो आयेगा
पड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल, ना होता बेचारा
अरे उसकी, धुन में पड़ेगा दुख झेलना
सीखा, हा हा, हमने भी पत्थरों से खेलना
सूरत कभी तो दिखायेगा
पड़े हैं हम भी राहों में
ये दिल, ना होता बेचारा
राकेशः यह पत्र है हवाई अड्डा रोड़ डुमरांव, ठठेरी बाज़ार डुमरांव और इसे लिखने वाले हैं भाई इम्तियाज भारतीय, इमरान भारतीय, सुमेश्वर प्रसाद निराला, संजय कसेरा और एस. पी. दीवाना। इन्हें हमारा कार्यक्रम बहुत अच्छा लगता है और इन्होंने भी अपनी फरमाइश का कोई भी गीत सुनने की फरमाइश की है। आप की पसंद पर पेश है फिल्म "वॉटर" का यह गीत।
गीत के बोलः छनन छनन आयो रे, सजन सरवी लायो रे
ललिताः लीजिए पेश है कार्यक्रम के अंत में एक और गीत। यह गीत है "हनीमून ट्रेवल" से।
गीत के बोलः जाने है वो कहां, जिसको ढूढ़ती है नज़र
राकेशः इस के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है। आप की प्रतिक्रिया का हमें इंतजार रहेगा। पत्र लिख कर आप जरूर बताएं यह कार्यक्रम आप को कैसा लगा। अगली बार तक के लिए आज्ञा दीजिए, नमस्कार।
ललिताः नमस्कार।