2008-10-15 16:13:07

चांद सिफारिश जो करता हमारी

ललिताः चाइना रेडियो इन्टरनेशनल के आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को ललिता का प्यार भरा नमस्कार।

राकेशः राकेश का भी सभी श्रोताओं को प्यार भरा नमस्कार।

ललिताः श्रोताओ, पेइचिंग में दोनों ऑलंपिक सफलता के साथ समाप्त हो गए, और चीन पदक तालिका में 51 स्वर्ण पदक और कुल 100 पदक लेकर पहले स्थान पर रहा। और भारत ने भी पहली बार व्यक्तिगत इवेंट प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

राकेशः ऑलंपिक के बाद चीन में एक और ध्यानाकर्षक गतिविधि हो रही है, जिस की ओर सारे विश्व की नज़रें लगी हुई हैं। 27 सितम्बर को चीन दुनिया का तीसरा ऐसा देश बन गया, जिस ने अंतरिक्ष में स्पेसवॉक, यानिकी चहलकदमी में सफलता हासिल की है। हम अपने श्रोताओं को उन की पसंद के गीत सुनाने के साथ-साथ इस मिशन के बारे में भी आज के कार्यक्रम में और जानकारी देंगे।

ललिताः जी हां, तो कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं हम आप की पसंद के फिल्म "फना" के इस गीत से।

राकेशः इस गीत को सुनना चाहा था आप सब ने जिला बस्ती यू. पी. से कृष्ण कुमार जायसवाल, स्नेहलता जायसवाल, सचिन जायसवाल और सौम्या जायसवाल। गणेशपुर, गंजडुंडवारा, यू. पी. से एम फारुक शेख, शेख शमा परवीन, भुवन प्रकाश, सरिता गौतम, सायमा फारुक, सर फराज शेख और बेबी मुस्कान।

ललिताः श्रोताओ, शनचो 7 चीन का अंतरिक्षयान तीन चीनी थाएखुंगनॉट यानिकि अंतरिक्षयात्रियों चाए च कांग, ल्यु पो मिंग और चिंग हाए फंग को लेकर अंतरिक्ष में गया और चीन के इतिहास में पहली बार चीनी जनता का अंतरिक्ष में चलने का सदियों पुराना सपना पूरा हुआ है।

राकेशः ये तीनों अंतरिक्षयात्री 42 वर्ष के हैं और चीनी प्रथम अंतरिक्षयात्रियों के बैच से हैं। अंतरिक्ष की यात्रा और अंतरिक्ष में चहलकदमी, यानिकी स्पेसवॉक के लिए इन्होंने साल भर से अधिक का कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त किया है। शनचो 7 के इस मिशन को चीनी जनता विशेष रुचि और उत्साह से देख रही है। शनचो 7 के प्रक्षेपण के कुछ घंटे पहले तीनों अंतरिक्षयात्रयों को चीनी सरकार, नेताओं और जनता ने सफल यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं।

ललिताः शनचो 7 के मिशन के बारे में हम बातचीत जारी रखेंगे इस गीत के बाद।

राकेशः यह गीत था फिल्म "ओम शांति ओम" से और इसे सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने मोजाहिदपुर, पूरबटोला भागलपुर से मोहम्मद खालिद अन्सारी, ताहिर अन्सारी, शमीम नवाब, कादिर, जोवेद और आलम। और कबीरपुर भागलपुर से मुन्ना खान मुन्ना, तारा बेगम, आजम अकेला, शबनम और शहजादे ने। मंसूरी रेडियो श्रोता संघ, राम चबूतरा, कालपी, जिला जालौन यू. पी. से मों जाकिर मंसूरी, कमरुन निशा, बेबी शबिस्ता, मों साकिर, मों जाविद, मों सईद, मो शरीफ, मो अनीश, मुकेश कुमार, सोनू, गोलू, राज, लकी एवं यश मंसूरी।

ललिताः श्रोताओ, अंतरिक्ष मनुष्य की जिज्ञासा का हमेशा से केंद्र रहा है और मनुष्य धरती के परे की दुनिया को जानना चाहता है। इस दिशा में प्राचीन मनुष्य ने अंतरिक्ष में जाने के सपने देखे और कल्पना की। आधुनिक युग में आकर विज्ञान में हुई प्रगति के कारण मनुष्य ने उस कल्पना को साकार किया है। चीन के इतिहास में यांग ली वे को चीन को पहले अंतरिक्षयात्री बनने का सौभाग्य मिला और 15 अक्तूबर 2003 के दिन अंतरिक्ष में जाकर उन्होंने चीनी जनता की अंतरिक्ष को जानने की जिज्ञासा को और बढ़ा दिया। और ब्रह्माण्ड को जानने की इसी जिज्ञासा का परिणाम है शनचो 6 की अक्तूबर 2005 में समानव चीनन की दूसरी सफल अतंरिक्ष यात्रा और 27 सितम्बर 2008 को शनचो 7 के थाएखुंगनॉट द्वारा की गई अंतरिक्ष में पहली बार चहलकदमी, यानिकी स्पेसवॉक।