2008-10-08 15:27:19

दिल तड़प तड़प के कह रहा है आ भी जा

ललिताः वर्ष 2008 पेइचिंग पैरा ऑलंपिक के सफल आयोजन से पेइचिंग, यहां तक कि सारे चीन को मूल्यवान अनुभव और प्रेणा मिलेगी। पेइचिंग पैरा ऑलंपिक ने विकलांग खिलाड़ियों की प्रतियोगिताओं के लिए बड़ी तादाद में व्यायामशालाएं मुहैया करवाईं और उन के लिए विशेष स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया।

राकेशः चीन के सारे शहरों में बाधा रहित संस्थापन निर्माण को आगे बढ़ाया गया, जिस से विकलांगों के लिए भविष्य में यातायात और सुविधापूर्ण होगा।

ललिताः और 27 देशों व क्षेत्रों से आए अनगिनत स्वयं सेवकों ने विकलांगों की सेवा की है। इन सब ने पैरा ऑलंपिक के लिए पेइचिंग की कोशिश जाहिर की है। पेइचिंग पैरा ऑलंपिक समाप्त हो गया है, लेकिन उस का प्रभाव दीर्घकालिक होगा।

राकेशः सारी दुनिया के लिए पेइचिंग पैरा ऑलंपिक एक शांतिपूर्ण समारोह रहा, जिससे विभिन्न देशों के लोगों के बीच समझदारी व मैत्री बढ़ाई गई है। पेइचिंग पैरा ऑलंपिक से स्वस्थ लोगों के दिल भी कुछ और साफ हुए हैं। स्वस्थ लोगों को मालूम हुआ है कि संकल्प लेने पर ही काम पूरा किया जा सकता है, जिस का मतलब है जो काम विकलांग दोस्तों द्वारा पूरा किया जा सकता है, स्वस्थ लोगों को भी पूरा करना चाहिए।

ललिताः लीजिए सुनिए कार्यक्रम का अगला गीत।

गीत के बोलः

दिल तड़प तड़प के कह रहा है आ भी जा

तू हमसे आँख ना चुरा, तुझे कसम है आ भी जा

तू नहीं तो ये बहार क्या बहार है

गुल नहीं खिले तो तेरा इन्तज़ार है

के तेरा इन्तज़ार है

दिल तड़प तड़प

आ आ

दिल धड़क धड़क के दे रहा है ये सदा

तुम्हारी हो चुकीं हूँ मैं

तुम्हारे साथ हूँ सदा

तुमसे मेरी ज़िन्दगी का ये श्रृंगार है

जी रही हूँ मैं के मुझको तुमसे प्यार है

के मुझको तुमसे प्यार है

दिल तड़प तड़प के कह रहा है

मुस्कुराते प्यार का असर है हर कहीं

दिल कहाँ है हम किधर हैं कुछ खबर नहीं

किधर है कुछ खबर नहीं

दिल तड़प तड़प के कह रहा है

राकेशः यह गीत था फिल्म "मधुमति" से और इसे गाया था लता मंगेशकर और मुकेश ने और सुनने की फरमाइश की थी मंदार श्रोता क्लब, बांका बिहार से के. एन. सिंह, सनातन, प्रिती, बाबू, काकू और मों शमशाद। और प्रजापति रेडियो श्रोता संघ मारुफपुर चंदौली यू. पी. से भैय्या लाल प्रजापति, नन्दलाल प्रजापति, दीनानाथ, मधु कुमारी, काजल, अनिल और सुनील।

ललिताः चाइना रेडियो इन्टरनेशल से आप सुन रहे हैं हिंदी गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यह कार्यक्रम हर सप्ताहांत शनिवार भारतीय समयानुसार शाम को पौने सात बजे से सवा सात बजे तक और अगले दिन सुबह रविवार सुबह पौने नौ बजे से सवा नौ बजे तक प्रसारित किया जाता है। आप को हमारा कार्यक्रम कैसा लगता है, इस के बारे में और आप यदि अपनी पसंद का कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो उस के बारे में पत्र लिख कर हमें भेज सकते हैं। हम आप की फरमाइश पूरी करने की पूरी कोशिश करेंगे।

राकेशः पत्र भेजने के लिए चीन में हमारा पता है, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं, नोट कीजिए, पहला पता हैः हिन्दी विभाग चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पहली मंजिल, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।

ललिताः और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021। यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।

राकेशः कार्यक्रम का अगला गीत है तलत महमूद की आवाज में। यह एक गैर फिल्मी गीत है। आशा है आप को पसंद आएगा।

राकेशः अब सुनिए कार्यक्रम का अंतिम गीत। यह गीत है फिल्म "मुगले आजम" से और इसे गाया है लता मंगेशकर ने और सुनना चाहा है हमारे इन श्रोताओं ने मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज आलोट, जिला रतलाम म. प्र से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई, माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, शांतिलाल और पोरवाल।

गीत के बोलः

मुहब्बत की झूठी कहानी पे रोये

बड़ी चोट खाई जवानी पे रोये

मुहब्बत की झूठी

न सोचा न समझा, न देखा न भाला

तेरी आरज़ू ने, हमें मार डाला

तेरे प्यार की मेहरबानी पे रोये, रोये

मुहब्बत की झूठी

खबर क्या थी होंठों को सीना पड़ेगा

मुहब्बत छुपा के भी, जीना पड़ेगा

जिये तो मगर ज़िन्दगानी पे रोये, रोये

मुहब्बत की झूठी

ललिताः इस के साथ ही हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होता है। अगली बार तक के लिए आज्ञा दें, फिर मिलेंगे, नमस्कार।

राकेशः नमस्कार।