2008-10-06 17:06:01

मैं और ओलंपिक लेखन प्रतियोगिता के लिए कुछ श्रोतों की रचनाएं--2

बिलासपुर छत्तीसगढ़ के चुन्नीलाल कैवर्त का एक लेख , शीर्षक हैः

मैँ और ओलम्पिक

चीन लोक गणराज्य की राजधानी पेइचिंग का ह्रदय ...थ्येनआनमन चौक में आसमान में चमक बिखेरती आतिशबाजी के साथ खुशी से झूमते जन समूह और कलाकारों के उल्लासपूर्ण नृत्य और करतबों के बीच पेइचिंग ओलम्पिक की पवित्र मशाल 5 महाद्वीपों के 21000 धावकों के हाथों के द्वारा विश्व के विभिन्न देशों , संस्कृतियों , जातियों , धर्मों और भाषाओं के लोगों को खुशी , अमन और दोस्ती का संदेश देने के लिए 1 लाख 37 हजार किलोमीटर की महायात्रा में निकल पड़ी है.

वास्तव में ओलम्पियाड शांति और मैत्री का दूत है, जो विश्व की जनता को एक मंच पर इकट्ठा करके , उनमें विश्व बन्धुत्व की भावना का संचार करता है तथा लोगों और खिलाड़ियों में परस्पर मेल मिलाप एवं आपसी समझ बढ़ाता है.ओलम्पिक दुनिया भर के पुरुषों और महिलाओं को अपनी क्षमताएं दिखाने का सुअवसर प्रदान करता है.दुनिया के सामने देश के लिए खेलना और दुनिया के सामने देश के लिए जीतना तथा एक बार राष्ट्रीय ध्वज को लहराते हुए देखना , जो आपकी वजह से लहरा हो--यह सब ओलम्पिक से ही संभव हैं । यह सपना ओलम्पिक खेलों के सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों के मन में होता है. ओलम्पिक पदक जीतना , खिलाड़ियों के साथ साथ संबंधित देशों के लिए भी गौरवशाली एवं ऐतहासिक उपलब्धि होती है.ओलम्पिक खेलों के दौरान दुनिया भर के लोगों में असीम उत्साह और जोश होता है.ओलम्पिक खेलों को अपनी आखों से देखना , जीवन का स्वर्णिम पल होता है.इसकी लोकप्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि दुनिया की आधी से अधिक आबादी , इन खेलों का आनंद टी.वी.के सामने बैठकर लेती है.ओलम्पियाड , दुनिया का सर्वाधिक प्राचीन और महान खेल आयोजन है.

मैँ बहुत खुश और उत्साहित हूँ कि एशिया में इस शताब्दी का पहला ओलम्पियाड , चीन लोक गणराज्य की राजधानी पेइचिंग में सम्पन्न होगा.चीन प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाला दुनिया का एक प्राचीन और महान देश है.सबसे बड़ी बात , चीन हमारा पड़ौसी और मित्र देश है , जिसके साथ हमारा सम्बन्ध 2000 वर्ष से भी अधिक पुराना है.निश्चित रुप से हमारे देश के खिलाड़ियों का मनोबल , पेइचिंग ओलम्पिक में ऊंचा रहेगा और यहां से कुछ पदक लेकर ही वापस लौटेंगे ।

मौजूदा साल में पेइचिंग ओलम्पिक और ओलम्पिक की भावना से चीन और भारत की जनता को आपस में और नजदीक आने का अवसर मिलेगा.दोनों देश ओलम्पिक भावना के विकास के लिए मिलजुल कर सहयोग करेंगे।

मैं पेइचिंग ओलम्पिक को लेकर बहुत अधिक रोमांचित हूं. मुझे 8 अगस्त की बेसब्री के साथ प्रतीक्षा है , जब पवित्र ओलम्पिक मशाल , दुनिया को शांति एवं मैत्री की भावना से आलोकित करने के बाद पेइचिंग के बर्डस् नेस्ट स्टेडियम में पहुंचेगी.वास्तव में वे लोग बहुत ही खुशनसीब होंगे , जो अपनी आंखों से पेइचिंग ओलम्पियाड के साथ साथ , चीन की महान सभ्यता और संस्कृति को नजदीक से देखेंगे तथा चीनी भाई बहनों की आत्मीय मेहमाननवाजी को महसूस करेंगे.मेरी इतनी हैसियत नहीँ कि मैं पेइचिंग ओलम्पिक को अपनी आंखों से देखने के लिए पेइचिंग जा सकूं. मैं ओलम्पिक खेलों का आनन्द CRI के कार्यक्रमों के द्वारा लूंगा.मैं CRI की वेब साइट में ओलम्पिक खेलों को देखूंगा. मेरे लिए पेइचिंग ओलम्पिक की पवित्र मशाल का दर्शन और स्वागत करना भी महत्वपूर्ण और सौभाग्य की बात होगी.

17अप्रैल को ओलम्पिक मशाल को देखने के लिए मैं दिल्ली जरूर जाऊंगा.दिल्ली में ओलम्पिक मशाल का स्वागत करके मुझे खुशी और संतोष होगा.भारत में ओलम्पिक मशाल रिले को सुरक्षित व पवित्र रुप से हस्तांतरित किया जायेगा.

पेइचिंग ओलम्पियाड , पिछले सभी ओलम्पियाडों से विशिष्ठ और उच्च स्तरीय होगा. निःसंदेह, पेइचिंग ओलम्पिक इतिहास का सबसे बेहतरीन ओलम्पिक खेल होगा.पेइचिंग ओलम्पिक की तैयारी के सभी कार्य शानदार हैं.चीन ने पेइचिंग ओलम्पिक की तैयारी में पर्यावरण सुधार और वातावरण संरक्षण में भारी शक्ति लगाई है.

पेइचिंग ओलम्पिक का विषयक नारा -- एक विश्व , एक सपना का पूरे विश्व में प्रशंसा व स्वागत किया जा रहा है.यह नारा भारतीय उपनिषद में उद्घाटित प्रसिद्ध सूक्ति -- वसुधैव कुटुम्कम् -- की भावना को चरितार्थ करता है.जिसका अर्थ है-पूरा विश्व एक परिवार है और समस्त मानव का एक सपना है , सुख शांति. लेकिन मुझे थोड़ा दुःख भी होता है कि दलाई गुट के मुट्ठी भर लोग , कुछ पश्चिमी राजनीतिज्ञ , पश्चिमी मीडिया संस्थाएं और गैर राजनीतिक संगठन द्वारा पेइचिंग ओलम्पिक का विरोध किया जा रहा है , जो अनुचित और निन्दनीय है

मेरे विचार से किसी भी ओलम्पिक का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिये.क्योंकि ओलम्पियाड सारी दुनिया की जनता का समारोह है और ओलम्पिक मशाल भी सारी दुनिया की जनता की है.ओलम्पिक का बहिष्कार करने से खिलाड़ियों के अधिकारों का हनन होता है.मैं और मेरे क्लब के सदस्य , पेइचिंग ओलम्पिक खेलों का विरोध करने या मशाल रिले में बाधा डालने की कुचेष्टा की कड़ी भर्त्सना करते हैं. खैर , मुट्ठी भर विघ्न संतोषी व्यक्तियों की हरकतों से पेइचिंग ओलम्पियाड की छवि पर जरा भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.

ओलम्पिक इतिहास में पेइचिंग ओलम्पिक के शुभंकर फुवा की संख्या सर्वाधिक है.बेबे , चिंगचिंग ,ह्वांह्वां , यड.यड.और निनि--ये पांचों फुवा मुझे विशेष रुप से प्रिय हैं .ये फुवा समुद्र , जंगल , अग्नि , भूमि और आकाश का प्रतिनिधित्व करते हैं.भारतीय दर्शन के अनुसार मानव शरीर की रचना , इन्ही पांच पदार्थों से हुई है.भारतीय धर्म ग्रंथ रामायण में लिखा है-

छिति जल पावक गगन समीरा ।

पंच तत्व यह अधम शरीरा ॥

पेइचिंग ओलम्पिक के फुवा और रामायण की उपरोक्त चौपाई में यह सामन्जस्य देखकर मुझे सुखद आश्चर्य हुआ.ये फुवा मुझे इतना आकर्षित करते हैं कि जब भी मैं CRI की वेब साइट देखता हूं, फुवा चित्रों का मेल जोड़ , प्रतियोगिता के लिए दिये चित्रों को हर बार जोड़ता हूं. ऐसा करना मुझे बहुत मनोरंजक लगता है.

मुझे पूर्ण विश्वास है कि पेइचिंग ओलम्पियाड , इतिहास का सर्वश्रेष्ठ ओलम्पियाड होगा.पेईचिंग ओलम्पिक में चीनी खिलाड़ियों का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ होगा और पदक तालिका में चीन का स्थान सर्वोपरि होगा. मैँ और मेरे क्लब की ओर से सभी चीनी भाईयों और बहनों को पेइचिंग ओलम्पिक की शानदार सफलता की हार्दिक शुभकामनाएं !

पेइचिंग ओलम्पिक जिन्दाबाद !

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