2008-08-20 10:39:36

हम ने तो दिल को आपके कदमों पे रख दिया

ललिताः आप की पसंद पर अगला गीत पेश है फिल्म "मेरे सनम" से आशा और रफी की आवाज़ में।

गीत के बोलः

हम ने तो दिल को आपके कदमों पे रख दिया

इस दिल क्या करेंगे ये अब आप सोचिये

हम आप के वफ़ा की कसम खा रहे हैं आज

अहद-ए-वफ़ा करेंगे ये अब आप सोचिये

जब दिल से हम ने जोड़ लिया दिल का सिलसिला

आगे है क्या नसीब में जाने मेरी बला

जोड़ा जब आप ही से मुहोब्बत का फ़ैसला

क्या फ़ैसला करेंगे अब आप सोचिये

हम ने तो दिल को आपके

चाहत का ऐतबार है, कितना हसीन ख्वाब

ऐसे में कौन माँगे किसी बात का जवाब

जब आप ही के हाथ है तक़दीर की किताब

क्या क्या लिखा करेंगे अब आप सोचिये

हम ने तो दिल को आपके

हम आप की वफ़ा की

राकेशः इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी हमारे इन श्रोताओं ने ग्राम रट्टे नगला अलीगंज, एटा से दीपक कुमार शाक्य, ज्योति कुमारी शाक्य, अंकित कुमार शाक्य, अशोक, विनोद, अजय, दीपक शाक्य फरुखावादी। सहावर टाउन से पवन वर्मा, मुशीर अहमद, रमन साहू और योगेन्द्र नायक।

ललिताः श्रोताओ, ऑलंपिक खेलों के इतिहास में यह भी पहली बार है कि सब से अधिक शहर कुल छह शहर पेइचिंग ऑलंपिक के आयोजन के सहयोगी शहर हैं। थ्यनचिन, शांगहाई, और हपे प्रांत का छिंनहुआंगताओ शहर, ल्याओनिंग प्रांत का शनयांग शहर, ऑलंपिक फुटबाल की कुछ प्रतियोगिताओं का आयोजन कर रहे हैं। शांतुग प्रांत की समुद्रतटीय शहर छिंगताओ सेलिंग रेगाता प्रतियोगिता का आयोजन करेगा, जबकि हॉगकॉग शहर घुड़सवारी प्रतियोगिता का आयोजन करेगा।

राकेशः और इस बार के ऑलंपिक में दो नए खेल शामिल होंगे, एक है बी एम एक्स यानिकि बाईस्कल मोटर क्रॉस, और दूसरा खेल है तैराकी में दस किलोमीटर की मैराथन दौड़। दोनों में महिलाओं और पुरुषों की प्रतियोगिता में एक एक स्वर्ण-पदक होगा। यह भी गौर तलब है कि इस ऑलंपिक के बाद साफ्ट-बॉल और बेस बॉल को ऑलंपिक खेलों की सूची से शायद निकाल दिया जाएगा, क्यों कि इन खेलों में भागीदारी बहुत कम होती जा रही है।

ललिताः आएं, एक और गीत सुनें। यह गीत है फिल्म "कशमीर की कली" से और इसे गाया है आशा ने, संगीतबद्ध किया है ओ. पी. नैय्यर ने और सुनना चाहा है आप सब ने जिला मुरादाबाद पटटीवाला से मोहम्मद दिलशाद, फईम राजा, नौशाद बाबू, नईस आजाद, मौ. नसीम और मौ. इरशाद।

गीत के बोलः

बलमा खुली हवा में महकी हुई फ़िज़ा में

दिल चाहता है मेरा बहकना इधर उधर

पग पग चलूँ बलखाती

खुद भी न जानूँ कहाँ

कहता है ये दिल मतवाला

आज अपना है सारा जहाँ

हो हो हो बलमा खुली हवा में

छुन छुन बोले मोरी पायल

आजा कहे साजना

आजा के ये सारे नज़ारे

सैंया फीके हैं तेरे बिना

हो हो हो बलमा खुली हवा में

राकेशः ललिता जी पिछले सप्ताह समय पहले मुझे मौका मिला पेइचिंग ऑलंपिक के मीडिया सेंटर जाने का और वहां के प्रसारण केन्द्र देखने का। वहां एक प्रसारण केन्द्र है अंतराष्ट्रीय प्रसारण केन्द्र और दूसरा पेइचिंग ऑलंपिक ब्राडकास्टिंग। इस बार सारी दुनिया में कुलमिलाकर 4 बिलियन लोग ऑलंपिक खेलों को देखेंगे। और इन मीडिया सेटर में दुनिया भर से 40000 पत्रकार इस महा खेल समारोह की रिपोर्टिंग करेंगे और लगभग 5400 घंटों का प्रसारण कार्यक्रम बनाया जाएगा।

ललिताः श्रोताओ, हम ने पेइचिंग ऑलंपिक की काफी जानकारी का आप के साथ साझा किया। आशा है आप को अच्छा लगा होगा। कार्यक्रम के अंत में आएं सुने एक और गीत।

गीत के बोलः

आप से मैंने मेरी जान मुहब्बत की है

आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकती है

आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है

जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है

आप से मैंने

आप को मैंने मुहब्बत का ख़ुदा समझा है

आप कहिये के मुझे आपने क्या समझा है

ज़िंदगी क्या है मुहब्बत की महेरबानी है

दर्द को मैंने हक़ीक़त में दवा समझा है

आप से मैंने

दिल वो ही है जो सदा गीत वफ़ा के गायें

प्यार करता हो जिसे प्यार ही करता जाये

सैंकड़ों साल के जीने से हैं बहेतर वो घड़ी

हाथ में हाथ हो जब यार का, मौत आ जाये

आप से मैंने मेरी जान मुहब्बत की है

आप चाहें तो मेरी जान भी ले सकतें हैं

आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है

जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है

आप से मैंने

आप जब है तो मेरे पास मेरा सब कुछ है

जान क्या चीज़ है ईमान भी ले सकती है

आप से मैंने

ललिताः "यह रात फिर न आएगी" के इस गीत को गाया था रफी और आशा ने।

राकेशः इस के साथ ही हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होता है। अगली बार तक के लिए आज्ञा दें, फिर मिलेंगे, नमस्कार।

ललिताः नमस्कार।