2008-08-19 16:01:25

श्रोताओं के पत्र

बस्ती उत्तर प्रदेश के श्रोता मित्र श्री कृष्णा कुमार जयसवाल ने अपने पत्र में हिन्दी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए सी .आर .आई हिन्दी परिवार के संस्थापकों में से एक बुजुर्ग कार्यकर्ता श्री सुन पाओ पर भी अपना विचार बताया , जो हमारे लिए प्रेरणा के लायक है । श्री जयसवाल ने कहा कि सी .आर .आई के हिन्दी सर्विस के सब से बुजुर्ग संस्थापक श्री सुन पाओ से ली गयी भेंटवार्ता बहुत ही महत्वपूर्ण लगी । उन्हों ने सी .आर .आई की हिन्दी सेवा का इतिहास अपने स्वर में सुनाया , उन्हों ने बताया कि सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण की शुरूआत 15 मार्च 1959 को रात के साढे आठ बजे हुई , वह भी तीस मिनट के लिए होता था । और उस समय पांच कार्यकर्ता काम कर रहे थे । वे सभी संपादक , एनांउसर और अनुवादक थे । वैसे अब तक सी .आर .आई के प्रसारण करते हुए 48 साल हो गए , लेकिन सी .आर .आई हमारे विचार में अभी युवा है एवं सक्रिय है । जैसे संस्थापक जी का कहना है कि सी .आर .आई चीन भारत मैत्री पुल का काम करता है । मैं भी पूर्ण रूप से मानता हूं कि सी .आर.आई का योगदान बढ़ चढ़ कर है , मैत्री सैतु का कार्य करता है . सुग पाओ जी सी .आर .आई से पूर्ण रूप से रिटार्य हो गए हैं । लेकिन सुनपाओ जी की आवाज में वह दम है कि पूछिए मत , समझिए कि सी .आर .आई में युवा संस्थापक और उद्घोषक है । उन्हों ने हिन्दी सेवा के इतिहास के बारे में जानकारी दी है , इसकिए उन्हें धन्यावाद ।

सी .आर .आई हिन्दी परिवार के सब से बुजुर्ग संस्थापक सुनपाओ के बारे में श्री कृष्णा कुमार जयसवाल की समीक्षा के लिए हम उन के बहुत बहुत आभारी हैं । जयसवाल जी ने सही कहा कि सी .आर .आई हिन्दी परिवार के पुराने सदस्य के रूप में श्री सुनपाओ ने चीन भारत मैत्री सैतु कायम करने में असाधारण योगदान किया है । हालांकि वे अब रिटार्य हो गए हैं , फिर भी वे हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों के विकास और व्यापक श्रोता मित्रों के साथ दोस्ती पर बहुत ध्यान देते हैं और अकसर इस के बारे में पूछते हैं और अच्छे अच्छे सुझाव पेश करते हैं । हमें विश्वास है कि सुनपाओ जैसे पुराने कार्यकर्ताओं और अभी हिन्दी सेवा में लगे नए कार्यकर्ताओं के साझे प्रयासों से सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रम और निखर जाएंगे और चीन और भारत में दोस्ती बढ़ाने के लिए उस की भूमिका और बढ़ती जाएगी । हम इसे भी नहीं भूल सकते हैं कि सी .आर .आई की हिन्दी सेवा की मैत्री पुल की भूमिका बढ़ाने में हमारे हजारों श्रोता मित्रों का अतूल्य योगदान भी है । जब सी .आर .आई के हिन्दी परिवार के सदस्यों के योगदान की चर्चा करने के समय हमें व्यापक श्रोता मित्रों की अहम भूमिका को भी पूर्ण समझना चाहिए और उन के निस्वार्थ समर्थन से ही सी .आर .आई हिन्दी सेवा का आज रूप अख्तियार हो गया । हम यहां रिटार्य हुए सुन पाओ जी और चाओ ह्ला दीदी तथा अन्य हिन्दी सेवा से निवृत कार्यकर्ताओं की ओर से श्रोता मित्रों को तहेदिल से धन्यावाद देते हैं ।

मऊ उत्तर प्रदेश के सलमान अहमद अंसारी ने अपने पत्र में कहा कि हमें खुशी है कि सी .आर .आई के वर्तमान कार्यक्रम ठीक होते हैं , मगर उन में खेल जगत मेरा पसंदीदा कार्यक्रम है और सी .आर .आई से वर्ल्ड फुटबोल या वर्ष 2008 के पेइचिंग ओलिंपिक के बारे में खूब जानकारी मिलती है और खिलाड़ियों के इंटरव्यू सुनवाया जाए , तो कार्यक्रम और अच्छे हो जाएंगे ।

अब है आजमगढ़ उत्तर प्रदेश के मोहम्मद अनस आजमी का पत्र सुनिए , उन्हों ने कहा कि आप के सी .आर .आई के प्रोग्रामों को बहुत ही उचित व दिल लगार सुनता हूं । और इसी तरह सुनता रहूंगा . मैं सी .आर .आई के प्रोग्राम को रोजाना बराबर सुनता हूं । मुझे आप का प्रोग्राम बहुत अच्छा लगता है ।

लखनऊ उत्तर प्रदेश के रविन्द्र कुमार ने अपने पत्र में यो कहा, हम सभी क्लब सदस्यों को चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिन्दी सेवा सुनना बहुत पसंद है , क्योंकि इस की सहायता से हमें अपने प्रिय देश चीन की सभ्यता , संस्कृति , प्रगति व इतिहास के बारे में उपयोगी जानकारियां प्राप्त होती हैं । अब कार्यक्रम का प्रसारण काफी साफ व स्पष्ट सुनाई पड़ता है एवं कार्यक्रमों का प्रस्तुतिकरण भी रोचक ढंग से होता है । हम चीनी भाषा को बहुत मल लगा कर सीखने का प्रयास कर रहे हैं , लेकिन चीनी भाषा बहुत कठिन लगता है । हम को चीनी संगीत सुनना एवं चीनी लोगों के रीति रिवाजों , त्यौहारों , समारोहों और उत्सवों के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगता है ।

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