कोआथ बिहार के मनज कुमार गुप्ता,राजेश कुमार गुप्ता,मुकेश कुमार पूछते हैं कि चीन लोक गणराज्य की राजधानी का नाम क्या है?बोका बिहार के कुमोद नारायण सिंह पूछते हैं कि पेइचिंग का पुराना नाम क्या था?
भया,चीन लोक गणराज्य की राजधानी का नाम है पेइचिगं.वह देश के राजनीतिक औऱ सांस्कृतिक केंद्र के साथ अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान का एक प्रमुख केंद्र भी है.इतिहास में वह के 6बड़े प्राचीन राजधानियों में शुमार है.अन्य 5 के नाम क्रमश:शीआन,लोयांग,खाईफंग, नानचिंग और हांगचो हैं.
पेइचिंग उत्तरी चीन के मैदान के उत्तर पश्चिमी भाग में स्थित है,जिस का क्षेत्रफल 16 हजार से अधिक वर्गकिलोमीटर है औऱ आबादी 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा.अर्द्धउष्णकटिबंध पर अवस्थित होने के कारण उस के चारोंऋतुओं में स्पष्ट फर्क है.ग्रीष्मकाल में ज्यादा गर्मी और बड़ी मात्रा में बारिश होती है.जाड़े में कड़ाकेदार ठंड व सूखा होता है.वसंत और पतझल अल्पकाल तक चलते है.साल भर औसत तापमान 10-12 डिग्री सेलसियस है.पेइचिंग को 12 डिस्ट्रेक्टों में बंटा है और उस के अधीन 6 काऊंटियां हैं.
पेइचिगं विश्व के मशहूर प्राचीन ऐतिहासिक व सांस्कृतिक महानगरों व राजधानियों में से एक है.दो हजार वर्षों से भी अधिक समय पूर्व पेइचिंग की स्थापाना हुई थी.ईसा पूर्व 221 में चीन के प्रथम सम्राट छिनशीह्लांग द्वारा चीन को एकीकृत किए जाने के बाद पेइचिंग उत्तरी चीन का एक प्रमुख शहर और स्थानीय केंद्र रहा है.सन् 938 के पश्चात वह क्रमश:ल्याओ राजवंश,चिन राजवंश और य्वान राजवंश की उपराजधानी तथा मिंग राजवंश की राजधानी रहा.पहली अक्तूबर 1949 को वह विधिवत् रूप से चीन लोक गणराज्य की राजधानी घोषित की गयी.
पेइचिंग में समृद्ध पर्यटन संसाधान उपलब्ध हैं.विदेशियों के लिए खुले हुए पर्यटन स्थलों की संख्या 200 से अधिक है.उन में विश्व का सब से बड़ा शाही नगर--प्राचीन राज प्रासाद,थ्यानथान पार्क,पेइहाई शाही उद्यान,शाही समर पैलेस आदि शामिल हैं.इस के अलावा विश्वविख्यात लम्बी दीवार और विश्व का सब से बड़ा चारदीवारों से घिरा प्रांगण वाला शाही भवन भी देशी व विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है.पेइचिंग में कुल 7309 प्राचीन ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थल हैं,जिन में से 42 स्थलों को राष्ट्रीय संरक्षण की प्राथमिकता प्राप्त है और 222 स्थल नगरी संरक्षण के दर्जे के हैं.पेइचिंग का नगरी वृक्ष Chinese Scholortree और Arbovitae हैं,नगरी फूल Chinese Roseऔर Chrysanthemum(गुलदाउदी)हैं.पेइचिंग में हाथी दांत,जेड और चीनी मिट्टी से बनी हस्तकला की वस्तुएं तथा कालिक अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हाथोंहाथ बिकती हैं.
पेइचिंग में सड़कों की कुल लम्बाई 4126 किलोमीटर है और राजमार्कों की कुल लम्बाई 13597 किलोमटर है.मेट्रो की कुल लम्बाई करीब 200 किलोमीटर है। योजनानुसार निकट भविष्य में पेइचिंग में मेट्रों का जाल सा बिछ जाएगा, तब उस की लम्बाई 408 किलोमीटर तक जा पहुंचेगी।पेइचिंग का राजधानी हवाई अड्डा एशिया के सब से व्यस्त हवाई अड्डों में से एक है,जो 200 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय लाइनों के उड़ानों को सेवा प्रदान करता है.पेइचिंग और विश्व के सभी देशों व क्षेत्रों के बीच डाक सेवा चलता है.उस के और देश के अन्य 2300 शहरों के बीच तथा उस के व 260 विदेशों एवं क्षेत्रों के बीच सीधी टेलिफान की सुविधा उपलब्ध है.
2005 के अंत तक उस के शरही इलाके में बेसिक टेलिफानों का घनत्व लगभग 80 प्रतिशत हो गया और मोबाइल फोनों के उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ 47 लाख हो गयी.इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की तादाद करीब 90 लाख हो गई.
पेइचिगं चीन का सब से बड़ा वैज्ञानिक व तकनीकी अनुसंधान केंद्र भी है.इस में चीनी विज्ञान अकादमी और चीनी सिलिकोल वैली के नाम से मशहूर चुंगक्वानछुन विज्ञान-तकनीकी उद्यान शामिल हैं.देश में सालाना राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त उपलब्धियों का एक तिहाई भागयहां से आती हैं.पेइचिंग शिक्षा की दृष्टि से चीन का सब से विकसिक क्षेत्र भी है.यहां 60 से अधिक उच्चशिक्षालय हैं,जिन में से पेइचिंग विश्वविद्यालय,छिंगह्वा विश्वविद्यालय,चीनी जन विश्वविद्यालय और नार्मल विश्वविद्यालय प्रसिद्ध हैं.पेइचिंग में एशिया के सब से बड़े पुस्तकालय समेत 24 पुस्तकालय और विभिन्न प्रकार के 100 से ज्यादा संग्रहालय हैं.
पेइचिंग विश्व के बहुत से देशों व क्षेत्रों के साथ आर्थिक,व्यापारिक,वैज्ञानिक व तकनीकी,शैक्षिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में आदान-प्रदान कर रहा है.उस के और 72 विदेशों की 124 राजधानियों व शहरों के बीच मैत्रीपूर्ण आवाजाही का संबंध कायम है.पेइचिंग में 137 विदेशी दूतावास,17 अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय संगठनों के कार्यालय और 190 विदेशी समाचार संस्थाओं के कार्यालय स्थित हैं.
पेइचिंग में 11वां एशियाई खेल समारोह,चौथा विश्व महिला सम्मेलन और विश्वविद्यालय-छात्रों का 21वां अंतर्राष्ट्रीय खेल समारोह आदि बड़े पैमाने वाले अंतर्राष्ट्रीय आयोजन सफलतापूर्वक हुए है.2005 के अंत तक पेइचिंग का आयात-विर्यात 60 अरब से ऊपर हो गया.विश्व की 500 प्रमुख बड़ी कंपनियों में से 170 से अधिक ने पेइचिंग में पूजी निवेश किया है.
ध्यान रहे पेइचिंग का पुराना नाम पेइफिंग था.