रोउर केला उड़ीसा के आकिब नेहल खान का पत्र , श्री आकिब नेहल खान ने अपने पत्र में कहा कि कुछ दिनों पहले श्रोता वाटिका का 11 वां अंक मिला । पढ़ कर फिर से बहुत सी जानकारी मिली । संपादक श्याओ थांग जी की बहुत बहुत मुबारकबाद कि उन्हों ने हम श्रोताओं के लिए कई प्रकार की जानकारी जमा की ।
डाक्टर कोटनिस जी पर जानकारी काफी पसंद आयी । उन के बारे में जान कर हमारा सिर गर्व से ऊपर हो गया । यकीनन् वह एक काफी प्रतिभाशाली इंसान थे और चीन तथा भारत के बीच एक अनूठा रिश्ता बना गए है । सच मानिए इन की जानकारी हम श्रोताओं के सामने ला कर आप लोगों ने एक बहुत अहम काम किया है , क्योंकि यहां भारत में बहुत कम लोग उन की जानकारी रखते हैं । उन के परिवार के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा । उन की बहन , बीमार होने के बावजूद घर आ कर आप लोगों से मिली , यकीनन् यह एक साहसी भाई के साहसी बहन ही कर सकती है । डाक्टर कोटनिस ने चीन के लोगों की भरपूर सेवा की और चीनी लोगों ने भी उन्हें भरपूर इज्जत और प्यार दिया । और भाई बहनों के बीच प्यार एक दिल मोह लेने वाला पल रहा । मैं ऐसा समझता हूं कि डाक्टर कोटनिस को चीनी भाई बहनों का प्यार इतना मिला कि वह अभी भी वहां मशहूर है और उन्हों ने वहां लोगों की सेवा करते करते अपनी जान दे दी । हम सभी भारतीयों को इन की सेवा पर गर्व है ।
चीनी विद्वान माओ शी छांग जी के साथ मुलाकात ज्ञानवर्धक रही। वह एक बहुत सरल इंसान है और उन के विचार भारतीयों के बारे में काफी अच्छे हैं । इस अंक की सभी तस्वीरें बहुत खूबसूरत और मनमोहक हैं। उम्मीद करता हूं कि ऐसे अंक आगे भी मिलते रहेंगे । आज जीवन व समाज सुनने का अवसर मिला । ली श्यांगहुई के बारे में जानकारी पा कर ऐसा लगा कि तिब्बती शहर लहासा एक बहुत ही आनंदमय स्थान है । जहां एक बार जाकर कोई व्यक्ति वहीं का हो कर रह जाना है ।
बहनो और भाइयो , आकिब नेहल खान की बातें बहुत सही है कि भारतीय मित्र , डाक्टर कोटनिस के साहसी कामों ने भारत और चीन के बीच एक असाधारण अच्छे रिश्ता कायम किया , जिसे हम दोनों देशों की जनता को आगे विकसित करने की अथक कोशिश करना चाहिए । हमें पक्का विश्वास है कि डाक्टर कोटनिस की निस्वार्थ सेवा भावना चीनी और भारतीय जनता में प्रफुल्लित और फलता फूलता रहेगी ।
अब आप के सामने है फजलपुर दिल्ली के अमीर अहमद का पत्र , अमीर अहमद ने अपने पत्र में सर्वप्रथम सी .आर .आई हिन्दी परिवार की श्रेष्ठ उद्घोषिका चाओ हवा दीदी के बारे में अपना मत बताया । हम समझते हैं कि चाओ हवा दीदी अब रिटार्य हो चुकी है , ऐसे अवसर पर उन की हिन्दी प्रसारण की तीस चालिस सालाना सेवा का मूल्यांकन किया जाए , तो एक कम लाभदायी काम नहीं है । इसलिए अब हम ने अमीर का यह पत्र पढ़ने के लिए चुना । अमीर अहमद भाई ने अपने इस पत्र में लिखा कि चाओ हवा दीदी , आप को लाख लाख बार नमस्ते , आप बहुत महान चीनी महिला हैं , आप ने भारत चीन की मैत्री में बड़ा योगदना दिया है । चीन के बारे में भारतीय जनता के दिलों में घृणा की जगह आप ने प्रेम भर दिया है । हम भारतीय लोग आप के हमेशा आभारी रहेंगे ।
मैं बिलकुल सच कहता हूं कि दीदी पहले लोग चीन का नाम नहीं सुनना चाहते थे , परन्तु दीदी अब समय बहुत बदल चुका है , गांवगांव में शहर शहर में चीन , चीनी जनता के बारे में जानने के इच्छुक रहते हैं और सी .आर .आई के कार्यक्रम के माध्यम वो चीनी जनता के जीवन , चीनी संस्कृति जान रहे हैं । चीन का भ्रमण आप लोगों के माध्यम से भ्रमण कर रहे हैं ।
यहां दीदी आप को बताना चाहता हूं कि आप ने जो चीन की अल्प संख्यक जाति कार्यक्रम में सिन्चांग के 42 वर्षीय श्री लि युसांग की कहानी को सुनायी , सच में दीदी , ली युसांग की जीवन की कहानी को मैं ही नहीं , मेरे सभी मित्रों ने बहुत पसंद किया । मित्रों ने ली युसांग के जीवन पर चर्चा भी की कि एक व्यक्ति पोलियो लकवा के बावजूद वे अंग्रेजी टीचर बन गए । उन के बारे में जब आप ने बताया कि तेज बुखार के कारण ली युसांग को पोलियो लकवा लग गया था , वो भी दो साल की आयु में , आज वे 42 वर्ष के है , उन्हें अपनी लिकलांगता पर अफसोस नहीं है । उन्हो ने जो सोचा , वो हासिल कल लिया । मालूम हुआ कि ली का परिवार गरीब था और इलाज ठीक से नहीं होने के कारण विकलांग हो गए । फिर भी उन्हों ने अपने आप को विकलांगता पर अफसोस नहीं हुआ , अपनी कठिन परिश्रम से हाई स्कूल में अच्छे अंकों के साथ पास हुए और विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा में दाखिला मिला और नियमित क्लास करते रहे , कभी क्लास नहीं छोड़ा और अंग्रेजी भाषा को लगन से सीखा और 1984 में उन्हों ने प्रथम ट्युशन के लिए छात्र लिए और उन्हों ने छात्रों को अंग्रेजी पढ़ने किए उत्साहित किया और आज उन के क्लास में 80 छात्र पढ़ सकते हैं । उन का बीता समय सच में हम सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा के लायक है । उन्हों ने कठिन संघर्ष से अपने जीवन को सुखमय और सफल बनाया । हमारी शुभकामनाएं रहेंगी श्री ली युसांग के साथ । हमें ली के जीवन के बारे में जान कर बड़ा सबक मिला है । हम अपने जीवन को बेहतर बनाएंगे और चीनी भाषा सीखेंगे , दीदी कार्यक्रम बहुत पसंद आया , इस के लिए कोटि कोटि धन्यावाद ।
हम अमीर अहमद को धन्यवाद देते हैं कि उन्हों ने कार्यक्रम पर चर्चा के साथ साथ हमारी उद्घोषिका चाओ हवा दीदी द्वारा चीनी और भारतीय जनता के बीच दोस्ती कायम करने और उसे आगे बढ़ाने के लिए किए गए योगदना की सराहना की , यह जान कर हमें बड़ी खुशी हुई है कि हमारे हिन्दी प्रसारण ने चीनी व भारतीय जनता में दोस्ती बढ़ाने में सफलता पायी है और हमारे श्रोताओं ने इस प्रकार सी .आर.आई के हिन्दी प्रसारण की इस भूमिका की भी पुष्टि की है , इसलिए हम अपने वर्षों के प्रयासों को कामयाब समझते हैं । हम जरूर आगे भी चीन और भारत में दोस्ती बढ़ाने के अपने ध्येय को मूर्त रूप देने का निरंतर प्रयत्न करेंगे ।
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