सी .आर .आई के प्रसारणों को सुनते हुए सहज ही यह आभास हो जाता है कि चीन भारत दोनों ही अतीत की कटुता को भुला कर नए सिरे से रचनात्मक संबंध विकसित करने में लगे हैं । हाल ही का तेल समझौता इस की एक मिसाल है । पश्चिमी विश्लेषक इस का चाहे जो अर्थ निकालें , यह समझौता विश्व स्पर्धा के दौर में परस्पर सहयोग का एक नमूना है , जो कि दोनों देशों के लिए समानरूप से लाभदायक होगा ।
भारत चीन के बीच सीमाविवाद का मसला एक कड़ी रूकावट है , परन्तु वर्तमान प्रगति की रफ्तार को देखते हुए नहीं लगता है कि इस पर सुलह कोई बड़ी समस्या होगी । मुझे आशा ही नहीं , पूर्ण विश्वास है कि भारत चीन दोनों ही अपने ईमानदार प्रयासों के जिए शीघ्र ही सभी समस्याओं से पार पा लेंगे ।
श्री सुरेश अग्रवाल ने अपने एक दूसरे पत्र में लिखा है कि चीनी श्वान वर्ष पर एक महत्वपूर्ण जानकारी हासिल हुई , पता चला कि चीन की अल्पसंख्यक जाति मान श्वान को किस कदर पसंद करती है । एक ओस्ट्रियाई युवक के मुख से भी श्वान की प्रशंसा किया जाना अच्छा लगा । हां , कार्यक्रम के प्रारंभ में श्वान वर्ष के स्वागत में रचित विशेष धुन भी मंत्रमुग्ध कर गयी ।
सुरेश अग्रवाल भाई ने चीन भारत मैत्री के विकास के बारे में गहन रूप से अपना विचार और उम्मीद जताये है , जो तारीफ के काबिले हैं । हमें भी विश्वास है कि विश्व की नई स्थिति में चीन और भारत के बीच इतिहास द्वारा छोड़ी गई सभी समस्याओं को एक न एक दिन जरूर हल किया जाएगा और चीन भारत मैत्री अवश्य ही तेजी के साथ आगे बढ़ती जाएगी ।
जगतसिंहपुर उड़ीसा के सुब्रत कुमार पति ने सी .आर.आई के हिन्दी कार्यक्रमों पर यह कहा है कि आप का मैं आभारी हूं कि आप इतने अच्छे अच्छे कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं । आप का हर कार्यक्रम मुझे पसंद है । चीन का भ्रमण , आज का तिब्बत , आप का पत्र मिला और चीनी गीत संगीत कार्यक्रम मुझे बड़ा पसंद है । आप के चीनी बोलना सीखे कार्यक्रम को मैं बहुत ध्यान से सुनता हूं । कुछ कुछ चीनी बोलना भी सीख गया हूं ।
शेखपुरा बिहार के कृष्णा मुरारी सिंह ने हमें पत्र लिख कर अपने के बारे में परिचय करने के अवाला हिन्दी कार्यक्रम पर यह कहा कि चीनी तिब्बत पर कार्यक्रम सुना , काफी पर्यटक वहां आए और बहुत लाभ भी हुआ , जान कर अच्छा लगा । तिब्बत एक प्रिय जगह है , तिब्बत के लेखकों और कवियों के बारे में जानकारी है । कोई पुस्तक होती है , तो भेजें । मैं ने चीनी तिब्बत पर कविता लिखी है , जो श्रोता वाटिका में प्रकाशित हुआ है । काव्य हेतु तिब्बती सामग्री भेजें , यहां एक अच्छा पुस्तकालय भी है और वाचयालय में भी काफी लोग पढ़ते हैं ,तिब्बत पर पत्रिका होती भी है , तिब्बत के सभी लोगों के जीवन और कार्य में सफलता की कामना करता हूं ।
उपरोक्त दो श्रोता भाइयों को मैं धन्यावाद देता हूं कि आप ने हिन्दी कार्यक्रमों तथा तिब्बत के बारे में अपना विचार जताया है और अपनी पसंद व्यक्त की है ।
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