2008-07-23 10:50:21

आंखों से जो उतरी है दिल में

राकेशः तो बातचीत जारी रखते हैं, और पेइचिंग ऑलंपिक की और क्या-क्या विशेषताएं हैं, ललिता जी?

ललिताः पेइचिंग ऑलंपिक में स्वयं सेवकों की संख्या ऑलंपिक के इतिहास में सब से अधिक है। कुल एक लाख स्वयंसेवक महीनों से प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन के अलावा हांगकांग, मकाओ, थाइवान, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अमेरीका के स्वयंसेवक पेइचिंग शहर के कुल 4 लाख स्वयंसेवकों के साथ आने वाले मेहमानों की सेवा में उपस्थित रहेंगे। इस के अलावा, यह भी पहली बार होगा कि ऑलंपिक खेलों की एक ही प्रबंधन समिति ग्रीष्म ऑलंपिक और पैरा ऑलंपिक खेलों का भी आयोजन कार्य देखेगी। एक मजेदार सूचना यह भी है कि कुल 4014 चीनी लोगों ने अपना नाम "आयोयान" यानिकि ऑलंपिक रखा है। इन में से 700 नाम सन् 1992 में पंजीकृत करवाए गए, जब चीन ने पहली बार ऑलंपिक के लिए आवेदन किया था, 553 नामों का पंजीकरण 2001 में हुआ, 2001 में जब चीन को ऑलंपिक आयोजित करने के आवेदन में सफलता प्राप्त हो गई।

राकेशः यह तो सचमुच रोचक सूचना है। आएं अपने श्रोताओं के लिए "फिर वही दिल लाया हूं" फिल्म से आशा का गाया हुआ यह गीत पेश करें।

गीत के बोलः

आँखों से जो उतरी है दिल में

तसवीर है एक अन्जाने की

खुद ढूँढ रही है शमा जिसे

क्या बात है उस परवाने की

आँखों से जो उतरी है दिल में

वो उसके लबों पर शोख हँसी

रँगीन शरारत आँखों में

साँसों में मोहब्बत की ख़ुशबू

वो प्यार की धड़कन बातोन में

दुनिया मेरी बदल गयी

बनके घटा निकल गयी

तौबा वो नज़र मस्ताने की

खुद ढूँढ रही है शमा जिसे

क्या बात है उस परवाने की

आँखों से जो उतरी है दिल में

अंदाज़ वो उसके आने का

चुपके से बहार आये जैसे

कहने को घड़ी भर साथ रहा

पर उमर गुज़ार आये जैसे

उनके बिना रहूनँगी नहीं

किस्मत से अब जो कहीं मिल जाये खबर दीवाने की

खुद ढूँढ रही है शमा जिसे

क्या बात है उस परवाने की

आँखों से जो उतरी है दिल में

राकेशः इस गीत को सुनना चाहा था आलम श्रोता संघ के इन सदस्यों ने आएशा बानो, साजिदा बानो, शगुफ्ता नाज़, आलिया नाज़, राजा कौसर, अल्का, गुड़िया, रानी और नीलम।

ललिताः इस बार के ऑलंपिक में सब से अधिक पांच शुभंकर होंगे।

राकेशः क्या तुम्हें मालूम है यह शुभंकर किस के प्रतीक हैं और इन के नाम क्या हैं?

ललिताः इन में से चार चीन के लोकप्रिय जानवरों पर आधारित हैं, मछली, पैंडा, तिब्बती एंटीलोप और स्वैलो। और पांचवां ऑलंपिक पवित्र अग्नि का। और इन शुभंकरों के नाम हैं पेपे, चिंगचिंग, हुआनहुआन, यींगयींग और नीनी। और इन सब शब्दों को यदि एक साथ क्रम में लिखा जाए, तो वाक्य बनता है पेइचिंग आप का स्वागत करता है।

राकेशः आएं एक और गीत पेश करें श्रोताओं के लिए।

गीत के बोलः

मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की क़सम

फिर मुझे नरगिसी आँखों का सहारा दे दे

मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा दे दे, मेरे महबूब तुझे

भूल सकती नहीं आँखें वो सुहाना मंज़र

जब तेरा हुस्न मेरे इश्क़ से टकराया था

और फिर राह में बिखरे थे हज़ारोँ नग़में

मैं वो नग़में तेरी आवाज़ को दे आया था

साज़-ए-दिल को उन्हीं गीतों का सहारा दे दे

मेरा खोया

याद है मुझको मेरी उम्र की पहली वो घड़ी

तेरी आँखों से कोई जाम पिया था मैने

मेरे रग रग में कोई बर्क़ सी लहराई थी

जब तेरे मरमरी हाथों को छुआ था मैने

आ मुझे फिर उन्हीं हाथों का सहारा दे दे

मेरा खोया

मैने इक बार तेरी एक झलक देखी है

मेरी हसरत है के मैं फिर तेरा दीदार करूँ

तेरे साए को समझ कर मैं हंसीं ताजमहल

चाँदनी रात में नज़रों से तुझे प्यार करूँ

अपनी महकी हुई ज़ुल्फ़ों का सहारा दे दे

मेरा खोया

ढूँढता हूँ तुझे हर राह में हर महफ़िल में

थक गये हैं मेरी मजबूर तमन्ना के कदम

आज का दिन मेरी उम्मीद का है आखिरी दिन

कल न जाने मैं कहाँ और कहाँ तू हो सनम

दो घड़ी अपनी निगाहों का सहारा दे दे

मेरा खोया

सामने आ के ज़रा पर्दा उठा दे रुख़ से

इक यही मेरा इलाज-ए-ग़म-ए-तन्हाई है

तेरी फ़ुरक़त ने परेशान किया है मुझको

अब मिल जा के मेरी जान भी बन आई है

दिल को भूली हुई यादों का सहारा दे दे

मेरा खोया

मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की कसम

फिर मुझे नर्गिसी आँखों का सहारा देदे

मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा देदे

मेरे महबूब तुझे

ऐ मेरे ख़्वाब की ताबीर मेरी जान-ए-जिगर

ज़िन्दगी मेरी तुझे याद किये जाती है

रात दिन मुझको सताता है तस्सव्वुर तेरा

दिल की धड़कन तुझे आवाज़ दिये जाती है

आ मुझे अपनी सदाओं का सहारा देदे

मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा देदे

मेरे महबूब तुझे

याद है मुझको मेरी उम्र की पहली वो घड़ी

तेरी आँखों से कोई जाम पिया था मैंने

मेरी रग-रग में कोई बर्क सी लहराई थी

जब तेरे मरमरी हाथों को छुआ था मैंने

आ मुझे फिर उन्हीं हाथों का सहारा देदे

मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा देदे

मेरे महबूब तुझे

सामने आके ज़रा परदा उठादे रुख से

इक यही मेरा इलाज-ए-ग़म है

तेरी फ़ुरक़त ने परेशान किया है मुझको

अब तो मिल जा के मेरी जान पे बन आई है

दिल को भूली हुई यादों का सहारा दे दे

मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा दे दे

मेरे महबूब तुझे

राकेशः "मेरे महबूब" फिल्म से ये गीत गाए हैं रफी और लता ने और इन्हें सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने गढ़नौलखा लालगंज बिहार से राज किशोर चौहान, धीरज कुमार चौहान, पूनम कुमारी चौहान और बड़क चौहान। और मंसूरी रेडियो श्रोता संघ राम चबूतरा, कालपी, जिला जालौन यू. पी. से मों जाकिर मंसूरी, कमरुन निशा, बेबी शबिस्ता, मों साकिर, मों जाविद, मों सईद, मो शरीफ, मों अनीश, मुकेश कुमार, सोनू, गोलू, राज, लकी एवं यश मंसूरी।

ललिताः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिंदी फिल्मी गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यह कार्यक्रम प्रति सप्ताह शनिवार शाम को पौने सात बजे से सवा सात बजे तक और रविवार सुबह पौने नौ बजे से सवा नौ बजे तक प्रसारित किया जाता है। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से या हमारी वेइबसाइट के जरिए अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।

राकेशः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं। पहला पता हैः हिन्दी विभाग चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पहली मंजिस, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।

ललिताः और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021। यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।

राकेशः हमें बहुत से श्रोताओं ने पेइचिंग ऑलंपिक की सफलता के लिए शुभकामनाएं भेजी हैं। हम उन सभी श्रोताओं को हार्दिक धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि वे भी पेइचिंग खेलों का टी. वी. के जरिए पूरा आन्नद उठाएंगे। कार्यक्रम के अंत में आए सुनें फिल्म "बादल" से मुकेश की आवाज में यह गीत और इसे सुनना चाहा है मऊनाथ यू. पी. से मंजर कमाल, मुन्ना अंसारी, शाहिद कलीम, मनसुर अहमद, अजमल अंसारी। और कोआथ बिहार से हाशिम आजाद, खैरुन निसा, रज़िया खातून, खाकसार अहमद और बाबू अकरम।

राकेशः इस के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है।

ललिताः अगली बार मिल मिलेंगे, तब तक के लिए आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

राकेशः नमस्कार।

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040