2008-07-21 11:04:38

सौर मंडल की संक्षिप्त जानकारी

बांदा उत्तर प्रदेश के संतोष कुमार सोनी पूछते हैं कि सौरमंडल के कुल कितने ग्रह हैं?

सौरमंडल सूर्य,ग्रहों,उपग्रहों,लघु ग्रहों, पुच्छल तारों、उल्काओं और ग्रहों के बीच मौजूद तत्वों से बना हुआ है।सूर्य सौरमंडल का केंद्र है।सभी ग्रह अपनी अपनी पटरी पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं और सूर्य उदारतापूर्वक उन्हें अपने प्रकाश और तप देता है।

सौरमंडल में मुख्यत: 9 ग्रह हैं।वे हैं:शुक्र, बुध ग्रह ,बृहस्पति,मंगल,शनि,पृथ्वी, यूरेनस、नेपच्यून और प्लूटो।बृहस्पति सूर्य से सब से करीब है और प्लूटो उस से सब से दूर। सौरमंडल मे सूर्य का आकार सब से बड़ा है औऱ प्लूटो का सब से छोटा।सौरमंडल में उक्त 9 मुख्य ग्रहों के अलावा अनगिनत पुच्छल तारे और उल्काएं भी शामिल हैं।

कोआथ बिहार के सुनील केशरी,डी डी साहिबा,संजय केशरी,सीताराम केशरी ने हम से चीन में ह्वेई जाति के बारे में जानकारी देने का अनुरोध किया.

दोस्तो,चीन में ह्वई जाति 800 साल पहले य्वान राजवंशकाल में सक्रिय होने लगी है.इस से पहले ह्वई लोग राज्य के अनेक क्षेत्रों में बिखरे हुए बसे थे.य्वान राजवंश में युद्ध औऱ खेतीबारी का राजनीति में विशेष स्थान था.बड़ी संख्या में ह्वई लोग सम्राट के आदेशानुसार विभिन्न क्षेत्रो से आज के कानसू और निंगश्या आदि प्रांतों में एकत्र होकर खेतीबारी में जुट गए.आर्थिक विकास के चलते उन में से बहुत से लोगों ने व्यापार करना और हस्तकला उद्योग चलाना शुरू किया.

ह्वई लोग बहुत परिश्रमी और बुद्धिमान हैं.य्वान राजवंशकाल में उन्हों ने देश के फौजी,राजनतीनिक और आर्थिक विकास में बड़ा योगदान किया था,इसलिए उन का दर्जा बहुसंख्यक हान जाति से भी ऊंचा था.ध्यान रहे य्वान राजवंश के शासक मंगोल थे,सो उस समय मंगोल लोग प्रथम दर्जे के थे.य्वान राजवंशकाल के बाद मिंग राजवंशकाल में ह्वई लोगों की आबादी तेजी से बढी और दरबारी अफसरों में ह्वई लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ.जंग-ह उन में से एक थे,जिन्हों ने मिंग राजवंश के सम्राट चू-ती के आदेशानुसार एक विशाल जहाज-बेड़े के साथ

7 बार हिन्द महासागर और लाल सागर के रास्ते से एशिया और अफ्रीका के 30 से भी अधिक देशों की यात्रा की.दक्षिणी भारत के कोचिन और कोमोलिन कोप में भी उन के पदचिंह छोडे गए.

मिंग राजवंशकाल के पश्चात छिंग राजवंशकाल में सामाजिक स्थिरता और आर्थिक विकास बरकरार रहा.इस से ह्वई लोगों की आबादी 20 लाख से ऊपर हो गयी.अफीम युद्ध के बाद पश्चिमी ताकतों ने आक्रमण से चीन को अपने उपनिवेश बनाया.तब से ह्वई लोग शक्तिशाली बल के रूप में चीन के अन्य सभी जातियो के लोगों के साथ मिलकर देश की मुक्ति के लिए अथक प्रयासों में लग गए.

चीन की मुक्ति के बाद निंगश्या ह्वई स्वायत्त प्रदेश की स्थापना हुई,जहां ह्वई लोग संघन रूप से आबाद है.पर चीन के दक्षिण पश्चिमी इलाके में भी ह्वई लोग रहते हैं.इस समय पूरे चीन में ह्लई लोगों की संख्या लगभग 86 लाख है.ह्वई लोग मुसलमान हैं.वे नित्य-क्रिया करते हैं और विशेष तिथियों पर मस्जिदों में जाकर नमाज पढते हैं.हर साल मक्का की हज-यात्रा पर जाने वाले चीनी मुसलमानों में ह्वई लोग सब से ज्यादा है.

ह्वई लोग सफेद रंग वाले कपडे पहनना पसन्द करते हैं.पुरूष के लिए सफेद टोपी,कमीज, आस्तीनरहित जैकेट,पैंट और मोज़े जरूरी हैं.इस तरह के पहनावे में वे अत्यंत सुशील और गंभीर लगते हैं.स्त्रियां सफेद स्कर्ट,चाइनीस काँलर व सीने की बाईं ओर बन्द करने वाले टोप पहनती हैं.उन के लिए बुर्के जरूरी है.लेकिन बुर्कों के रंग स्त्रियों की उम्र की भिन्नता से भिन्न हैं.आम तौर पर लड़कियां हल्के हरे रंग के बुर्के पहनती है.शादीशुदा स्त्रियां काले रंग के और बूढ़ियां सफेद रंग के बुर्के पहनती हैं.ह्वई स्त्रियां अपने कपडों पर कढाई,जरी और गोटा किनारी का उपयोग करना पसन्द करती हैं.बेशक सोने,चांदी के आभूषण भी उन्हें सब से ज्यादा पसन्द आने वाला चीजें हैं. ह्वई लोगों के मुख्य आहार आटे से बने तरह तरह के पकवान,मटर,गोश्त,मछली,ताजा सब्जियां,बिन-कट और मिल्क-चाय है.उन का पा-पाओ नामक एक विशेष पेय पदार्थ देश में कोफी लोकप्रिय है.यह पेय पदार्थ ब्लैक टी,क्रिस्टल शुगर,गुवाब, अखरोट,मूंगफली,

किशमिश, और अन्य मेवों से बनता है,जो स्वास्थ्यवर्द्धक है.