2008-07-16 09:56:29

होय अखियां भूल गयीं हैं सोना

ललिताः यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है। आप की पसंद कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को ललिता का प्यार भरा नमस्कार।

राकेशः राकेश का भी सभी श्रोताओं को प्यार भरा नमस्कार। श्रोताओ, आप को मालूम ही होगा कि पेइचिंग ऑलंपिक को अब एक महीने से भी कम का समय रह गया है। और 8 अगस्त को शाम 8 बजे दुनिया के सब से बड़े खेल समारोह का पेइचिंग के बर्ड नेस्ट स्टेडियम में उद्घाटन होगा। ललिता जी गीत-संगीत के साथ-साथ आज आप श्रोताओं को पेइचिंग ऑलंपिक की कुछ विशेषताएं भी बताएं।

ललिताः जरूर। सब से पहली विशेषता तो यह है कि यह खेल 2008 को 8वें महीने की 8 तारीख को पेइचिंग में शाम को 8 बजे शुरू होगा। 8 जिसे चीनी में बा कहा जाता है का उच्चारण एक अन्य चीनी अक्षर फा के उच्चारण के करीब है। और फा का मतलब है सौभाग्य। इस लिए 8 का अंक चीन में बड़ा भाग्यशाली अंक माना जाता है। और इसीलिए बहुत से चीनी युवाओं ने इस दिन को अपने विवाह का दिन भी चुना है। एक सर्वे के अनुसार इस दिन लगभग 15000 जोड़े विवाह के बंधन में बंधेंगे।

गीत के बोलः

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

होय होय होय

दिल पे हुआ है जादू टोना

अ हाय

शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को

चीर गई चीर गई चीर गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

दिल पे हुआ है जादू-टोना

शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को

चीर गई चीर गई चीर गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

अब दिन ये कैसे गोरी आये

कैसे गोरी आये

छुप-छुप के मिलना मन भाये

मिलना मन भाये

सखियों से काहे अब चोरी

काहे अब चोरी

बँध गई रे प्रीत की डोरी

प्रीत की डोरी

कोई जुलमी सँवरिया की तिरछी नजरिया

हो मार गई मार गई मार गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

दिल पे हुआ है जादू-टोना

शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को

चीर गई चीर गई चीर गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

सखियाँ न मारो मोहे ताने

जिसको न लागी वो क्या जाने

सखियाँ न मारो मोहे ताने

अच्छा जी

जिसको न लागी वो क्या जाने

हूँ हूँ

ओ ओ ओ ओ

भूल जाओगी भूल जाओगी

भूल जाओगी करना ये ठिठोली

कोई मिल गया जो हमजोली

कैसे बच के रहोगी

आहें भर के कहोगी

मैं तो हार गई हार गई हार गई

होय

अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

दिल पे हुआ है जादू-टोना

शहनाई वाले तेरी शहनाई रे कलेजवा को

चीर गई चीर गई चीर गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

आपस में मिलते दीवाने

और हमसे हो रहे बहाने

और हमसे हो रहे बहाने

चितवन कमान पे जो ताने

वो बान हमने पहचाने

वो बान हमने पहचाने

नजरों की ये घातें

चोरी चोरी मुलाक़ातें

हम जान गई जान गई जान गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

दिल पे हुआ है जादू-टोना

शहनाई वाले तेरी शहनाई रे करेजवा को

चीर गई चीर गई चीर गई

होय अखियाँ भूल गयीं हैं सोना

राकेशः गीतादत्त की आवाज़ में "गूंज उठी शहनाई" फिल्म के इस गीत को सुनना चाहा था आलम लिस्नर्स क्लब, गांव रामनगर, जिला दयोरिया यू. पी. से शाहनवाज आलम, माहताब आलम, मुमताज अहमद, मुस्ताक अहमद, मासूम अली, माहताब आलम, आयशा बानो, साजिदा बानो, आलिया नाज, शगुफ्ता नाज, निशा, शारिक। और राजा कौशर, सादिक रेडियो क्लब, अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन से, मजहर अली अंसारी, रजिया बेगम अंसारी, अबुबकर अली अंसारी, सादिक, साजिद और सारिक।

ललिताः श्रोताओ, पेइचिंग ऑलंपिक की एक और विशेषता यह है कि यह हरित ऑलंपिक होगा। पेइचिंग में 680 हैक्टर में ऑलंपिक फोरेस्ट पार्क बनाया गया है, जिस में पेड़ों के जंगल के अलावा खूबसूरत झील है और वहां की हवा बहुत साफ है और वहां जा कर लगता ही नहीं कि यह जगह पेइचिंग शहर के भीतर है। हरित ऑलंपिक को साकार करने के लिए सारे शहर में निर्माण कार्य स्थगित कर दिया गया है और रोजाना बीस लाख कम गाड़ियां सड़कों पर चल रही हैं। और इस से पेइचिंग की हवा में बहुत सुधार हुआ है। इस के अलावा लाखों की संख्या में पेइचिंग के आसपास पेड़ लगाए गए हैं।

राकेशः अभी एक गीत सुनें, बाकी बातचीत बाद में।

गीत के बोलः

ये दिल की लगी कम क्या होगी

ये इश्क़ भला कम क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली

फिर सुबह का आलम क्या होगा

नग़मो से बरसती है मस्ती

छलके हैं खुशी के पैमाने

आज ऐसी बहारें आई हैं

कल जिनके बनेंगे अफ़साने

अब इसे ज्यादा और हसीं ये प्यार का मौसम क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली

फिर सुबह का आलम क्या होगा

ये आज का रंग और ये महफ़िल

दिल भी है यहाँ दिलदार भी है

आँखों में कयामत के जलवे

सीने में सुलगता प्यार भी है

इस रंग में कोई जी ले अगर मरने का उसे ग़म क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली

फिर सुबह का आलम क्या होगा

हालत है अजब दीवानों की

अब खैर नहीं परवानों की

अन्जाम-ए-मोहब्बत क्या कहिये

लय बढ़ने लगी अरमानों की

ऐसे में जो पायल टूट गयी फिर ऐ मेरे हमदम क्या होगा

जब रात है ऐसी मतवाली

फिर सुबह का आलम क्या होगा

राकेशः "मुगलेआजम" फिल्म के लता द्वारा गाए गए इस गीत को सुनने की फरमाइश की थी हमारे इन श्रोताओं ने, न्यू सब्जी मार्किट, गढ़ नौका बिहार से भाई मुनिल कुमार साहू, आरती गुप्ता, संजय कुमार चंद्रवंश और धर्मराज चौरसिया।

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