गीत के बोलः
तुम जो हुए मेरे हमसफ़र, रस्ते बदल गये
लाखों दिये मेरे प्यार की, राहों मे जल गये
आया मज़ा, लाया नशा, तेरे लबों की बहारों का रंग
मौसम जवाँ, साथी हसीं, उसपर नज़र के इशारों का रंग
जितने भी रंग थे, सब तेरी आँखों में ढल गये
लाखों दिये मेरे प्यार की, राहों मे जल गये
क्या मंज़िलें क्या कारवाँ, बाहों में तेरी है सारा जहाँ
आ जानेजाँ, चल दे वहाँ, मिलते जहाँ पे ज़मीं आसमाँ
मंज़िल से भी कहीं दूर हम, आगे निकल गये
लाखों दिये मेरे प्यार की, राहों मे जल गये
राकेशः कार्यक्रम का अगला गीत है फिल्म "12 बजे" से और इसे संगीत दिया है ओ. पी. नैय्यर ने और गाया है गीता दत्त और रफी ने और सुनना चाहा था आबगीला गया से जरीना खातून, गुलशन आरा, गुलअफशां खानम, सोनी और मोनी। के पी रोड़ गया से शबिना खातून, मोकिमन खातून, शबाना सईद। नई गोदाम गया से धनेश्वरी देवी, प्रीति कुमारी। जगदीशपुर गया से कहकशां जबी, शाहीना प्रवीन और सना फातिमा।
ललिताः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिंदी फिल्मी गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यह कार्यक्रम प्रति सप्ताह शनिवार शाम को पौने सात बजे से सवा सात बजे तक और रविवार सुबह पौने नौ बजे से सवा नौ बजे तक प्रसारित किया जाता है। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से या हमारी वेइबसाइट के जरिए अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।
राकेशः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंगग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं। पहला पता हैः हिन्दी विभाग चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पहली मंजिस, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।
ललिताः और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021। यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।
ललिताः आशा की आवाज में फिल्म "कभी अंधेरा कभी उजाला" के इस गीत को संगीत से संवारा था ओ. पी. नैय्यर ने और लिखा था मजरुह सुलतानपुरी ने और इसे सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने कलेर बिहार से मो. आसिफ खान, बेगम निकहत प्रवीन, सदफ आरजू, अजरफ अकेला, तहमीना मशकर और अरमान। बर्स कुलासर, बेला औरेय्या, यू. पी. से देशपाल सिंह सेंगर, रचना सेंगर, पवन सिंह सेंगर, भीम सिंह सेंगर, आनंद, सितम व सुधीर।
राकेशः और इसी गीत को सुनना चाहा था जमील रेडियो श्रोता संघ जगदीशपुर गया से एम के जमील अहमद, शाहिन प्रवीण, गोरा प्रसाद, एस हुमायूं काबरी, मलीका हूड़कू, विद्यानंद रामदयाल, बाबू, मोना, जुनेद, जे के खान। अप्सरा रेडियो श्रोता संघ, कठोकर तालाब, गया से बच्चू परवाना, मोसरत जहां, बाबू सिंह, विजय कुमार सिंह, यासमीन बानो, मो जमाल मिस्त्री, रिनू रुही, निक्की और दानिश।
ललिताः कार्यक्रम का अंतिम गीत सुनिए, फिल्म "फिर वही दिल लाया हूं" से, आशा की आवाज में, संगीत दिया है श्री ओ. पी. नैय्यर ने।
गीत के बोलः
आँखों से जो उतरी है दिल में
तसवीर है एक अन्जाने की
खुद ढूँढ रही है शमा जिसे
क्या बात है उस परवाने की
आँखों से जो उतरी है दिल में
वो उसके लबों पर शोख हँसी
रँगीन शरारत आँखों में
साँसों में मोहब्बत की ख़ुशबू
वो प्यार की धड़कन बातोन में
दुनिया मेरी, बदल गयी
बनके घटा निकल गयी
तौबा वो नज़र मस्ताने की
खुद ढूँढ रही है शमा जिसे
क्या बात है उस परवाने की
आँखों से जो उतरी है दिल में
अंदाज़ वो उसके आने का
चुपके से बहार आये जैसे
कहने को घड़ी भर साथ रहा
पर उमर गुज़ार आये जैसे
उनके बिना, रहूनँगी नहीं
किस्मत से अब जो कहीं मिल जाये खबर दीवाने की
खुद ढूँढ रही है शमा जिसे
क्या बात है उस परवाने की
आँखों से जो उतरी है दिल में
राकेशः और इसे सुनना चाहा है मऊनाथ भंजन से जनाब फैज अहमद फैज, जिशान अहमद फैज, सलमान अहमद फैज, इमरान अहमद फैज, मुहम्मद शाहीद अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, रसा तसलीम, तवा तसलीम तथा बेबी फरअत। इस के साथ ही हमारा आज का यह कार्यक्रम समाप्त होता है। अगले कार्यक्रम तक के लिए आज्ञा दीजिए, नमस्कार।
ललिताः नमस्कार।
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |