2008-07-08 15:32:23

सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रमों पर प्रतिक्रियाएं

मऊ नाथ भजन उत्तर प्रदेश के आमिर कमाल ने हमें लिख कर भेजे पत्र में कहा कि मैं बचपन से ही रेडियो सुनता आया हूं तथा रेडियो चाइना इंटरनेशनल का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं और नियमित रूप से रेडियो चाइना इंटरनेशनल द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों को सुनता रहता हूं ।

इस के अलावा मुझे भूगोल के विषय में अधिक रूचि होने के कारण विश्व के सभी देशों के बारे में जानकारी जुटाता रहता हूं । खास कर मुझे चीन की सभ्यता एवं संस्कृति से बेहद लगाव है । क्योंकि चीन की सभ्यता बहुत पुरानी है और भारत की सभ्यता की तरह ही पुरानी है ।

मैं इस के पहले भी आप को एक पत्र भेजा है , उम्मीद है कि मिला होगा । लेकिन मेरा दुर्भाग्य है कि मुझे आप के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ । आप से निवेदन है कि आप उदारता का परिचय देते हुए मुझे भी अपनी श्रोता वाटिका में शामिल होने का अवसर प्रदान करें ।

मैं ने लगभग आशा छोड़ दी थी , लेकिन काशमी मंजिल के श्रोता जो रेडियो चाइना के स्थायी श्रोता है , उन्हों ने फिर से लिफाफा दे कर पत्र लिखने को प्रोत्साहित किया , इस बार निवेदन है कि मुझे इस कार्यक्रम में शामिल करें ।

आमिर कमाल भाई, आप का यह पत्र पढ़ कर हमें बड़ी खुशी हुई है कि आप न केवल बचपन से सी .आर .आई का हिन्दी प्रसारण सुनते आए हैं , साथ ही उस के प्रशंसक भी हैं । इस बार आप के पत्र को आप का पत्र मिला कार्यक्रम में शामिल कर आप की ख्वाहिश को साकार करने की कोशिश की गई है । आप को अपनी आशा कभी भी नहीं छोड़ देना चाहिए , सी .आर .आई हिन्दी परिवार और श्रोता समुदाय के बीच दोस्ती और घनिष्ठ रिश्ता कायम करने के लिए हम कभी अपने सक्रिय श्रोताओं की उम्मीद पर पानी नहीं फिरने देंगे । आप के नए पत्र के इंतजार में हैं ।

अब हमारे सामने है विजायाबाद आंध्र प्रदेश की रहम तुनिसा का पत्र । आप सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण की पुरानी श्रोता हैं और समय समय पर पत्र भेज कर सी .आर .आई कार्यक्रमों पर अपनी रायें पेश की हैं । इस के लिए आप को कोटि कोटि धन्यावाद । इस बार आप ने अपने पत्र में हमारे कार्यक्रमों और हिन्दी पत्रिका पर जो मत लिखे हैं , वह अन्य श्रोताओं के साथ आदान प्रदान के लिए प्रस्तुत होगा ।

बहन सुश्री चंद्रिमा के संपादक में छपने वाला सी .आर .आई पत्रिका श्रोता वाटिका का अंक नौ हम ने पढ़ा , सुश्री चंद्रिमा द्वारा भारत में उन के अनुभवों के बारे में जान कर हमें बहुत ही खुशी हुई है और उन्हों ने भारत में उन के अध्ययन के दौरान भारतीयों से उन का घुल मिल जाना जान कर हम यह महसूस कर रहे है कि चंद्रिमा हमारी ही बहन है और वह चीन का दौरा करके अपना देश भारत लौट आयी हो । श्रोता वाटिका के बारे में हमारी राय यह हैकि आप इस श्रोता वाटिका में भारत से चीन जाने वाले जाने माने व्यक्तियों से और चीन में अध्ययन के लिए चीन गए हुए भारतीय छात्रों के वहां चीन में उन के अनुभवों के बारे में ब्यूरा भी प्रस्तुत किया जाए , इस पत्रिका में चीनी चुटकुले और चीनी कथा कहानी भी शामिल किए जाए ।

सी .आर .आई के कार्यक्रमों के प्रति हमारी राय यह है कि सी .आर.आई के प्रसारित साप्ताहिक कार्यक्रम लगभग सभी अच्छे और ज्ञानवर्धक व मनोरंजन भी है । लेकिन सी .आर .आई के कार्यक्रमों में कुछ कमी भी है , यानी कार्यक्रमों में नव जवानों के लिए कोई अलग कार्यक्रम प्रसारित नहीं होता है । आशा है कि आप तुरंत नव जवान श्रोताओं के लिए अलग कार्यक्रम प्रसारित करेंगे , जिस का नाम नव जवानों की दुनिया हो सकेगा , जिस में चीन के नौजवानों की स्थिति , उन की पढाई के लिए कठिनाइयों , उन की सामाजिक स्थिति और समस्याओं पर रोशनी डाली जाएगी ।

श्रोता वाटिका और सी .आर .आई कार्यक्रमों पर रहम तुनिया की रायों से यह साफ जाहिर हुआ है कि हमारे श्रोताओं का सी .आर .आई हिन्दी परिवार सदस्यों से कैसा घनिष्ठ संबंध है । हमें विश्वास है कि रेडियो प्रसारण और हमारी पत्रिका से श्रोताओं के साथ हमारा संबंध और घनिष्ठ होगा । श्रोता वाटिका और हिन्दी कार्यक्रम के बारे में आप के सुझावों के लिए हम आप के बहुत बहुत आभारी हैं ।

वलीदपुर उत्तर प्रदेश के एस .ए. फारूकी ने हमें भेजे पत्र में कहा कि आप के द्वारा प्रसारित सभी कार्यक्रम बहुत ही अच्छी तरह से प्रस्तुत किये जा रहे हैं । पिछले दिनों आप के द्वारा नई ज्ञान प्रतियोगिता का आरंभ हुआ ,जो भारत चीन मैत्री के संबंध में है , जिस का हम सभी लोग स्वागत करते हैं ।

आजकल भारत और चीन के रिश्ते में मजबूती आ रही है . जो हम भारतीयों के लिए खुशी की बात है . मुझे आशा है कि चीनी भाई भी इस रिश्ते से खुश होंगे । हम सभी चाहते हैं कि ल्हासा तक छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग का कार्य पूरा होने के बाद इसे भारत से भी जोड़ दिया जाए , जिस से चीन और भारत के लोगों में आवाजाही तथा अन्य सामग्रियों का आयात निर्यात तथा सांस्कृतिक आदान प्रदान बढ़ जाए , यह दोनों देशों के लिए बेहतर होगा ।

छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग को भारत से जोड़े जाने का श्री फारूकी की ख्वाहिश बहुत शानदार है , उन के इस स्वप्न को मूर्त रूप देना भविष्य में जरूर संभव होगा , क्यों कि चीन सरकार की योजना है कि तिब्बत में छिंगहाई तिब्बत रेल के बाद और तीन रेल मार्ग बनाए जाएंगे , जिन में से एक चीन भारत सीमा पर स्थित यातुंग तक पहुंच जाएगा । हमारे लिए अब खुशी की बात है कि चीन और भारत के बीच प्रत्यक्ष हवाई मार्ग खोला जा चुका है , जिस से दोनों देशों के लोगों की आवाजाही के लिए बड़ी सुविधा हो गयी है । फिर चीन के तिब्बत और भारत की सीमा पर स्थित नाथू ला दर्रा भी खोलने जा रहा है , जिस से सीमावर्ती व्यापार और सुगम होगा । भविष्य में जब फारूकी जी का सपना पूरा हो सका , तो चीन और भारत के बीच संपर्क कहीं अधिक आसान हो सकेगा। आशा है कि यह सपना जल्दी ही साकार होगा ।

अब आप के सामने है सीतामढ बिहार के अभय चंद्र झा का पत्र ।

उन्हों ने कहा कि हम लोग आप के द्वारा प्रसारित कार्यक्रम को एकदम नियमित रूप से सुना करते हैं और उस से अत्याधिक ज्ञान एवं जानकारी प्राप्त करते हैं । दुख की बात है कि पढाई में व्यस्त होने के कारण हम लोगों का पत्र व्यवहार आप से नियमित रूप से नहीं चल रहा है , हमारी उम्मीद है कि आप से पत्र व्यवहार पूर्व की तरह स्थापित हो जाएगा । इस पत्र के साथ हम सभी क्लब सदस्यों ने आप के आयोजित चीन भारत मैत्री वर्ष के बारे में ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेने का निर्णय लिया है । हम सभी खुब चढ़ बढ़ कर प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं और अधिक से अधिक पुरस्कार जीतने की कोशिश करेंगे ।

अभय चंद्र झा जी, आप का चीन भारत मैत्री वर्ष की ज्ञान प्रतियोगिता में सक्रिय भाग लेने के लिए स्वागत है और आशा है कि आप लोग पुरस्कार पाएंगे । हमारा विश्वास है कि इस के बाद हमारा पत्र व्यवहार जरूर आगे जारी रहेगा और दोस्ती बढ़ती जाएगी ।