2008-06-25 15:23:35

जीना यहाँ मरना यहाँ

ललिताः यह पत्र है श्री राम कृष्ण प्रसाद जी का, गौतमी नगर कोवुर आंध्रप्रदेश से। इन्होंने लिखा है कि इन्हें हमारे सभी कार्यक्रम पसंद आते हैं और आप की पसंद में पुराने सदाबहार गीत सुन कर इन्हें बहुत अच्छा लगता है। ये लिखते हैं कि हम आप को समय समय पर पत्र लिखते हैं। आशा है आप तक पहुंच रहे होंगे। इन्होंने यह भी लिखा है कि हमारा प्रसारण बहुत स्पष्ट और साफ आवाज में इन तक पहुंच रहा है।

राकेशः श्री राम कृष्ण प्रसाद जी आप के पत्र हम तक पहुंच रहे हैं और हम उन्हें कार्यक्रम में शामिल भी कर रहे हैं। हमारे कार्यक्रम आप को पसंद आते हैं यह जान कर हमें बहुत खुशी हुई। और इस के लिए और हमें पत्र लिखने के लिए आप का धन्यवाद।

ललिताः श्रोता दोस्तो आप की पसंद का अगला गीत पेश है फिल्म "मेरा नाम जोकर" से और इसे गाया है मुकेश ने।

गीत के बोलः

जीना यहाँ मरना यहाँ

इसके सिवा जाना कहाँ

जी चाहे जब हमको आवाज़ दो

हम हैं वहीं हम थे जहाँ

जीना यहाँ मरना यहाँ

कल खेल में हम हों न हों

गर्दिश में तारे रहेंगे सदा

भूलोगे तुम, भूलेंगे वो

पर हम तुम्हारे रहेंगे सदा

होंगे यहीं अपने निशाँ

इसके सिवा जाना कहाँ

जीना यहाँ मरना यहाँ

ये मेरा गीत जीवन संगीत

कल भी कोई दोहरायेगा

जग को हँसाने बहरूपिया

रूप बदल फिर आयेगा

स्वर्ग यहीं नर्क यहाँ

इसके सिवा जाना कहाँ

जीना यहाँ मरना यहाँ

ललिताः चाइना रेडियो इंटरनेशनल से आप सुन रहे हैं हिंदी फिल्मी गीत-संगीत पर आधारित कार्यक्रम आप की पसंद। यह कार्यक्रम प्रति सप्ताह शनिवार शाम को पौने सात बजे से सवा सात बजे तक और रविवार सुबह पौने नौ बजे से सवा नौ बजे तक प्रसारित किया जाता है। यदि आप भी कोई गीत सुनना चाहते हैं, तो हमें पत्र लिखकर या ई-मेल से या हमारी वेइबसाइट के जरिए अपनी फरमाइश भेज सकते हैं।

राकेशः पत्र लिखने और ई-मेल के हमारे पते इस प्रकार हैं, पी. ओ. बॉक्स न 4216, सी. आर. आई.-7, पेइचिंगग, चीन, 100040। आप हमें नई दिल्ली के पते पर भी पत्र लिख सकते हैं, नोट कीजिए, नई दिल्ली में हमारे दो पते हैं। पहला पता हैः हिन्दी विभाग चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पहली मंजिस, ए ब्लॉक छ बटा चार, वसंत विहार, नई दिल्ली, पोस्ट-110057।

ललिताः और दूसरा पता है, चीनी दूतावास, हिन्दी विभाग, चाइना रेडियो इंटरनेशनस, पचास डी, शांति पथ, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली, पोस्ट-110021। यदि आप के पास इंटरनेट की सुविधा है, तो आप हमारी वेबसाईट अवश्य देखें hindi.cri.cn। हमारा ई-मेल का पता हैः hindi@cri.cn। हमें आप के पत्रों का इंतजार रहेगा।

राकेशः कार्यक्रम के अंत में सुनिए आप की पसंद का यह गीत।

गीत के बोलः

तुम बिन जीवन कैसे बीता

पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से

सावन के दिन आए, बीती यादें लाए

कौन झुकाकर आँखें, मुझको पास बिठाए

कैसा था प्यारा रूप तुम्हारा

पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से

तुम बिन जीवन

प्रेम का सागर हाय, चारों तरफ़ लहराए

जितना आगे जाऊँ, गहरा होता जए

ग़म के भंवर में, क्या क्या डूबा

पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से

तुम बिन जीवन

जैसे जुगनू बन में, तू चमके अंसुवन में

बन कर फूल खिली हो, जाने किस बगियन में

मै अपनी किस्मत पे रोया

पूछो मेरे दिल से, पूछो मेरे दिल से

तुम बिन जीवन

ललिताः यह गीत था मुकेश की आवाज में फिल्म "अनिता" से। इस के साथ ही हमारा आज का कार्यक्रम समाप्त होता है।

राकेशः अगली बार तक के लिए आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

ललिताः नमस्कार।

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